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गांडेय : महाजनी प्रथा के खिलाफ लड़ते रहे बसंत

गांडेय : झारखंड आंदोलन में बसंत पाठक की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. बसंत पाठक महाजनी प्रथा व सूदखोरी के खिलाफ हमेशा संघर्षशील रहते थे. 22 जून 1979 की रात उनकी हत्या कर दी. तब से आज तक 22 जून को गांडेय स्थित जोराआम में झामुमो प्रखंड कमेटी शहीद बसंत पाठक का […]

गांडेय : झारखंड आंदोलन में बसंत पाठक की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. बसंत पाठक महाजनी प्रथा व सूदखोरी के खिलाफ हमेशा संघर्षशील रहते थे. 22 जून 1979 की रात उनकी हत्या कर दी. तब से आज तक 22 जून को गांडेय स्थित जोराआम में झामुमो प्रखंड कमेटी शहीद बसंत पाठक का शहादत दिवस मनाकर उन्हें याद करते हैं. साथ ही दमन, शोषण व अन्याय के खिलाफ आंदोलन व संघर्ष करने का संकल्प लेते हैं.
जब 70 के दशक में शिबू सोरेन टुंडी व आसपास के इलाके में महाजनी प्रथा और सूदखोरी के खिलाफ आंदोलन चला रहे थे तब बसंत पाठक उनके साथ थे. शिबू सोरेन के निर्देश पर उन्होंने महाजनों के खिलाफ चलाये जा रहे संघर्ष को दूर दराज के ग्रामीण इलाकों तक पहुंचाया. बसंत पाठक गांडेय के रहने वाले थे और उनके भाई विशेश्वर पाठक प्रखंड के प्रमुख थे.
युवावस्था में ही उन्होंने छोटे-छोटे आंदालनों में भाग लेना शुरू कर दिया था. कालांतर में कई महाजनों पर कार्रवाई होने के कारण उनके दुश्मन बढ़ने लगे. 22 जून 1979 को जब वे गांडेय स्थित अपने आवास में सो रहे थे तो दुश्मनों ने घातक हथियार से हमला कर उनकी हत्या कर दी. उनके स्मरण में गांडेय स्थित जोराआम में उनका स्मारक बनाया गया. बसंत पाठक के 38 वें शहादत दिवस पर गुरुवार को झामुमो नेता-कार्यकर्ता जोराआम में जुटेंगे. सर्वप्रथम शहीद बसंत पाठक के स्मारक पर पुष्पअर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जायेगी. यह जानकारी प्रखंड सचिव भैरो प्रसाद वर्मा ने दी.

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