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14 कमरे हैं, तीन की छत नहीं, चार जर्जर, सात में पढ़ते हैं 11000 विद्यार्थी
पीपीके कॉलेज बुंडू का हाल कॉलेज के विकास कोष में है तीन करोड़ से अधिक, पर नहीं हो रही मरम्मत रांची/बुंडू : सरकार ने चरणबद्ध तरीके से राज्य में 100 कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है. 30 कॉलेजों में पठन-पाठन शुरू भी कर दिया है. वहीं, दूसरी ओर पहले से चल रहे कॉलेजों की हालत […]
पीपीके कॉलेज बुंडू का हाल
कॉलेज के विकास कोष में है तीन करोड़ से अधिक, पर नहीं हो रही मरम्मत
रांची/बुंडू : सरकार ने चरणबद्ध तरीके से राज्य में 100 कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है. 30 कॉलेजों में पठन-पाठन शुरू भी कर दिया है. वहीं, दूसरी ओर पहले से चल रहे कॉलेजों की हालत जर्जर है. आधारभूत संरचना का अभाव तो है ही, इन कॉलेजों में पठन-पाठन भी दम तोड़ रही है. बुंडू में पीपीके कॉलेज का हाल भी कुछ ऐसा ही है. प्रयोगशाला व पुस्तकालय तो दूर की बात है, यहां तो विद्यार्थियों को बैठने के लिए भी समुचित कमरे ही नहीं हैं.
विद्यालय में कुल 14 कमरे हैं. पर ऊपर के सात कमरे में पढ़ाई नहीं हो सकती. ऊपर के तीन कमरे की छत गिर गयी है. अन्य चार कमरों की स्थिति काफी जर्जर है. इस कारण इन्हें सील कर दिया गया है. ग्राउंड फ्लोर का भवन भी काफी जर्जर है. पंच परगना क्षेत्र में रांची विवि का यह एकमात्र कॉलेज है. कॉलेज में 11 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं.
विवि के अधिकारी इस कॉलेज का कई बार निरीक्षण भी कर चुके हैं. इसके बावजूद यहां की हालत में कोई बदलाव नहीं आया है. कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ जयराम महतो कहते हैं, क्षेत्र के एकमात्र डिग्री कॉलेज के प्रति सरकार उदासीन है. कुलपति को परिस्थिति से अवगत कराया जा चुका है. दर्जनों बार सांसद, मंत्री, विधायक व रांची विश्वविद्यालय प्रशासन के वरीय अधिकारी कॉलेज का दौरा करने पहुंचे, भवन के निर्माण का आश्वासन भी दिया, पर अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई.
कॉलेज के पास है फंड, पर नहीं करवा सकते मरम्मत
प्राचार्य डॉ जयराम महतो बताते हैं, कॉलेज के इंटर संकाय जैक फंड में 1.80 करोड़ और डिग्री कॉलेज के विकास फंड में दो करोड़ की राशि जमा है. पर कॉलेज प्रशासन को नया कॉलेज भवन बनाने या मरम्मत करने का अधिकार ही नहीं है. इस कारण कॉलेज भवन की स्थिति बदतर होती जा रही है. अभी कुछ ही दिनों पहले पांच नंबर कमरे के सामने का बरामद गिर गया था. छह नंबर कमरे के जर्जर बरामदे को तोड़ कर हटाया जा रहा है. कॉलेज के पास मैदान और चहारदीवारी नहीं है. खेलकूद विभाग में कॉलेज के पास आठ लाख से अधिक फंड है. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से स्वीकृति मिले तो निविदा निकाल कर नया भवन का निर्माण किया जा सकता है.
कॉलेज में हैं 100 से अिधक स्टाफ
कॉलेज में 11 हजार 300 विद्यार्थी पढ़ते हैं. इंटर के तीनों संकाय में 2200 व स्नातक के तीनों संकाय में 9100 छात्र अध्ययनरत हैं. 29 शिक्षक, थर्ड ग्रेड के 37 व फोर्थ ग्रेड के 38 कर्मचारी हैं.
काफी पुराना है इतिहास
कॉलेज की स्थापना स्वीकृति विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 1978 में अंगीभूत कॉलेज के रूप में मिली थी. उस समय स्थानीय नागरिक व जनप्रतिनिधि के सहयोग से भवन का निर्माण किया गया था.
पीपीके कॉलेज बुंडू के भवन निर्माण का आदेश दे दिया गया है. जल्द ही कॉलेज को नया भवन मिल जायेगा.
– डॉ रमेश कुमार पांडेय, कुलपति
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