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झारखंड विधानसभा : राज्यपाल के अभिभाषण पर नहीं हो सकी चर्चा, हंगामे के बीच अभिभाषण सदन से पारित

मुख्यमंत्री ने रखा जवाब, हंगामे के बीच अभिभाषण सदन से पारित रांची : सदन में शुक्रवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा नहीं हो सकी. विपक्ष के हो-हंगामे के बीच सरकार का पक्ष मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रखा. शुरू में तो विपक्षी सदस्यों ने मुख्यमंत्री का भाषण शांति से सुना, लेकिन भाषण के दौरान गुरुजी […]

मुख्यमंत्री ने रखा जवाब, हंगामे के बीच अभिभाषण सदन से पारित
रांची : सदन में शुक्रवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा नहीं हो सकी. विपक्ष के हो-हंगामे के बीच सरकार का पक्ष मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रखा. शुरू में तो विपक्षी सदस्यों ने मुख्यमंत्री का भाषण शांति से सुना, लेकिन भाषण के दौरान गुरुजी और नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन पर टिप्पणी के बाद विपक्ष हंगामा करने लगा. विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे.
हालांकि हंगामे के बीच राज्यपाल का अभिभाषण सदन से ध्वनि मत से पारित हो गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने अपने भाषण में यथार्थ का चित्रण किया है. सरकार ने चुनाव पूर्व जनता से जो वादा किया था, उसे पूरा कर रही है. पिछले तीन साल में स्थिति काफी सुधरी है. विपक्ष ने कई मुद्दे उठाये हैं. सदन सुचारु रूप से चलना चाहिए. सदन में गरमा-गरम बहस भी हुई है. सदन के सदस्य थोड़ा संयम रखते, तो गरिमा और बढ़ती. हम ईमानदारी से राज्य की जनता की सेवा करना चाहते हैं. मुझे विवश और लाचार कहा जा रहा है.
हम कमजोर नहीं है. राज्य की सवा तीन करोड़ जनता ने भाजपा और एनडीए पर विश्वास कर गरीब-मजदूर के बेटे को कमान सौंपी है. यहां कोई परिवारवाद और वंशवाद से नहीं आया है. कोई बेटा-बेटी भी नहीं है. यहां जो जरूरी है, पूरी शक्ति और संकल्प के साथ काम कर रहे हैं. विपक्षी दल के सदस्यों को बोलने का अधिकार भी है, लेकिन कुछ विपक्षी को छोड़ अन्य मौका गंवा रहे हैं. मैं 22 साल से सदन में हूं.
झारखंड को भी जानता हूं. किसने झारखंड को बेचा और किसने खरीदा, यह भी जानता हूं. किसने बार-बार दागी मुख्य सचिव राज्य को दिया यह भी जानता हूं. विपक्ष हाय-तौबा मचा रहा है. हमको उपदेश दिया जा रहा है.
राज्य बनने के बाद कभी बाप, तो कभी बेटा, तीन-तीन बार सीएम रहे. सब जानते हैं कि सी-टेट के नाम पर किसने झारखंड के नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ किया. आज ये लोग घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं.
झारखंड की जनता देख रही है. हम लोग 2024 तक रहेंगे. हम झारखंड के आदिवासी-मूलवासी के हितों में काम कर रहे हैं. हमारी पार्टी और सरकार में लोकतांत्रिक व्यवस्था है. सबको बोलने का हक है. हर सदस्य अपनी बात रखते हैं. किस पार्टी में बड़े नेताओं में मतभेद नहीं होते हैं. झारखंड विकास की राह पर चल पड़ा है. अब यह रुकने वाला नहीं है.
दूसरी पाली में सदन शुरू होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने वाद-विवाद शुरू करने का प्रयास किया. विपक्ष भ्रष्ट अधिकारी होश में आओ, भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देना बंद करो, भ्रष्ट अफसरों के चमचे हाय-हाय के नारे के साथ वेल में आकर हंगामा करते रहे.
इस दौरान विरंची नारायण ने राज्यपाल के अभिभाषण के समर्थन में बोलने की कोशिश की. माइक का साउंड बढ़वा कर भाषण शुरू किया. करीब दो मिनट हंगामे के बीच बोले थे कि अध्यक्ष ने उनको बैठा किया. अध्यक्ष डॉ उरांव ने कहा कि जिस विषय पर सदन बाधित हो रहा है, वह गंभीर है. राज्य की जनता देख रही है. वर्तमान वातावरण चर्चा लायक नहीं है. इस कारण उस पर चर्चा उचित नहीं होगा. इस कारण समसामयिक विषयों पर सरकार को उत्तर देना चाहिए.
हेल्थ चेकअप कैंप आज
शनिवार को मां रामप्यारी आॅर्थो अस्पताल की ओर से नि:शुल्क हेल्थ चेकअप कैंप का आयोजन 10.30 बजे से विधानसभा परिसर में किया जायेगा. यह जानकारी विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने सदन को दी.
जनता ने हंगामे के लिए नहीं भेजा है
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने सदन के बाहर पत्रकारों से कहा कि जनता ने सरकार को हंगामा करने के लिए नहीं भेजा है. सदन के अंदर मर्यादित ढंग से अपनी बात रखनी चाहिए. विपक्ष संसदीय मर्यादा को तार-तार कर रहा है. इसी विपक्ष ने अध्यक्ष पर जूता फेंकने का काम किया है. विपक्ष सदन नहीं चलने देना चाहता है. विपक्ष के कहने पर किसी अधिकारी को नहीं हटाया जा सकता है. जब तक किसी जांच एजेंसी से आरोपों की पुष्टि नहीं हो जाती है तब तक किसी को हटाया नहीं जा सकता है.
तीन अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर तकरार, बैठक हुई, नहीं निकला रास्ता
रांची : तीसरे दिन भी विधानसभा का सत्र नहीं चला़ तीन आला अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर विपक्ष अड़ा रहा़ नतीजतन प्रश्नकाल बाधित रहा और विधायक सवाल नहीं पूछ पाये़ पहली पाली में सत्र शुरू होते ही मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, डीजीपी डीके पांडेय और एडीजी अनुराग गुप्ता पर कार्रवाई का मामला विपक्ष ने उठाया़ इस मुद्दे को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच तकरार चलता रहा़ स्पीकर दिनेश उरांव नाराज हो गये. उनका कहना था कि सदन की स्थिति से साफ है कि प्रश्नकाल चलने नहीं देना चाहते हैं. कोई व्यवस्था तो बनानी होगी़ कोई फलाफल निकलना चाहिए, नहीं तो सदा-सदा के लिए बंद कर दिया जाये़
नाराज स्पीकर ने कहा कि वह विधायक दल के नेताओं के साथ बैठक करेंगे़ 12 मिनट के हो-हंगामा के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12़ 15 बजे तक के लिए स्थगित कर दी़ इसके बाद स्पीकर के कक्ष में विधायक दल के नेताओं की बैठक हुई़ इसमें सरकार का कहना था कि राज्यपाल के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होना है, सरकार बहस के दौरान जवाब देगी़ उधर विपक्ष का कहना था कि सरकार कार्रवाई करे़
सत्र की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई, तो सदन के नेता रघुवर दास बोलने उठे़ कहा : सदन में चर्चा के दौरान जो भी मुद्दे आये हैं, उस पर सरकार उत्तर देगी़ संसदीय कार्यमंत्री ने भी बातें रखीं है़ं सरकार एक-एक मुद्दे पर उत्तर देगी़ मुख्यमंत्री के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं था़ सदन में शोर-शराबा जारी रहा़ झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव बोलने उठे, तो सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने विरोध किया़ शोर-गुल के बीच संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने सदन के पटल पर तीसरा अनुपूरक बजट रखा. इसके बाद स्पीकर ने पहली पाली की कार्यवाही स्थगित कर दी़
स्पीकर दिनेश उरांव ने सदन में गतिरोध देखते हुए रास्ता निकालने के लिए विधायक दल की बैठक बुलायी़ बैठक में तीन अधिकारियों के मामले में गतिरोध दूर करने पर चर्चा हुई़ विपक्ष के विधायकों का कहना था कि सरकार इन अधिकारियों पर कार्रवाई करे़ इन पर गंभीर मामले है़
जनता में गलत संदेश जा रहा है़ विपक्ष ने सदन में अपनी बात कह दी है, अब सरकार को फैसला करना है़ मुख्यमंत्री रघुवर दास का कहना था कि सदन में चर्चा के दौरान पर्याप्त समय है़ सरकार एक-एक मुद्दे पर जवाब देगी़ सारी बातें आ गयी हैं, बहस के दौरान हम जवाब देंगे़ इतना सुनते ही प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन और झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव बैठक से निकल गये़ बैठक में सरयू राय भी थे़ विपक्ष की ओर से आलमगीर आलम, अरूप चटर्जी, माले विधायक राजकुमार यादव शामिल हुए़
विपक्ष ने क्या कहा
गंभीर मामला है, विधानसभा में नहीं उठायें, तो फिर किस दरवाजे पर जाएं : aहेमंत
राज्यहित का मामला है, तीनों अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए : प्रदीप
अहम सवाल है, संवैधानिक संस्था के निर्देश भी नहीं माने जा रहे : स्टीफन
सत्ता पक्ष ने कहा
जनता के सवालों को रोका जा रहा है, दबंगई करेंगे तो कैसे चलेगा : अनंत ओझा
आरोपित को तो ये खुद मुख्य सचिव बनाये थे : निर्भय शाहबादी
एक व्यक्ति सदन में बार-बार उठते हैं, सही नहीं है : मनीष जायसवाल
एक व्यक्ति ने सदन को हाइजैक कर लिया है : ढुल्लू महतो

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