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बिहार : लोक विदूषक पर केंद्रित हास्य और हाजिरजवाबी का नाटक ‘देवन मिसिर’ 06 मई को पूर्णिया में

पूर्णिया : बिहार के पूर्णिया जिले में लोगों के लिए हास्य और हाजिरजवाबी की खुराक लेकर आ रहे हैं देवन मिसिर. जी हां, तैयारियां पूरी है और मंच भी गुदगुदाहट से मचलने को तैयार है. अपनी बातों और हाजिर जवाबी से सबको चुप करा देनेवाले. अपनी लोक विदूषक बतकही से लोगों में रोमांच पैदा कर […]

पूर्णिया : बिहार के पूर्णिया जिले में लोगों के लिए हास्य और हाजिरजवाबी की खुराक लेकर आ रहे हैं देवन मिसिर. जी हां, तैयारियां पूरी है और मंच भी गुदगुदाहट से मचलने को तैयार है. अपनी बातों और हाजिर जवाबी से सबको चुप करा देनेवाले. अपनी लोक विदूषक बतकही से लोगों में रोमांच पैदा कर देने वाले पूरे मगध क्षेत्र में लोकप्रिय रहे देवन मिसिर एक बार फिर पूर्णिया की धरती पर मंच के माध्यम से जीवंत होने वाले हैं. बिहार के गया जिला अंतर्गत टेकारी प्रखंड स्थित आंती गांव के रहनेवाले देवन मिसिर की दंत कथाएं आज भी पूरे मगध क्षेत्र में प्रचलित हैं. कहा जाता है कि जिसकी लाठी उसकी भैंसजैसेकालजयी मुहावरेका जन्म देवनमिसिर की मुखारविंदसे निकला था.

6 मई कोपूर्णियाके कला भवन में देश के मजे हुए कलाकार मंच पर अपनी अभिनय क्षमता से देवन मिसिर की हास्य वाली दिवानगी को जीवंत करेंगे. कहते हैं कि हाजिरजवाबी हिंदुस्तानी पहचान की बात है. भारतीय बुनियाद में लोक-विदूषक इसके प्रबल पक्षधर रहे हैं. वैसे यह बात तो संस्कृत साहित्यों से प्रमाणित होती रही है, पर जबरदस्त हाजिरजवाबों के इतिहास में बीरबल और तेनालीराम सबसे आगे हैं. हाजिरजवाबी का इतिहास इतना ही नहीं है, बल्कि बिहार के मिथिलांचल में गोनू झा और बंगाल प्रांत के गोपाल भांड इस शैली के लोक-स्थापकों में अग्रणी हैं.

इसी तरह मगध राज्य के देवन मिसिर बड़े लोक विदूषक हुए हैं और इनकी हाजिरजवाबी भी वही है जो गोनू झा,गोपाल भांड और बीरबल, तेनालीराम कीथी. देवन मिसिर अपनी बातों और हाजिरजवाबी से सबको चुप करा देते थे. आज की जीवनशैली में उद्देश्यपूर्ण हास्य की कमी हो गई है और इसे देखते हुए समाज की हाजिरजवाबी का पक्ष रखने, हंसने और समझ-बूझ को बढ़ाने के लिए ‘देवन मिसिर’ की दंत कथाओं पर आधारित नाटक ‘देवन मिसिर’ की प्रस्तुति आपके पूर्णिया शहर में6 मई रविवार शाम7 बजे से आयोजित करायी जा रही है. इसके लिए पटना के प्रयास रंगमंडल की एक नाटक टीम पूर्णिया में आपके सामने रंगमंच पर इस नाटक के साथ होगी. इस नाटक के निर्देशक हैं पटना के वरिष्ठ नाट्यकर्मी मिथिलेश कुमार सिंह और समन्वयन कर रहे हैं हास्य टीवी कलाकार मनीष महीवाल.

पूर्णिया में नाटक आयोजन समिति को कई सामाजिक व्यक्तित्व और संगठनों का सहयोग मिला है, जिसमे पेंशनर समाज,कर्मचारी,शिक्षक संगठन और उनके नेता, बुजुर्ग समाज, रिक्शाचालक संघ, शुकदेव कुंवर स्मृति संस्थान, रामनगर की रामकथा मंडली, बिहार विकास मोर्चा, शाम की पाठशाला,पनोरमा हाइट, साहित्यकार,दुकानदार और विभिन्न वर्गों के नागरिक और कला प्रेमी अधिकारी भी शामिल हैं. नाटक आयोजन करने के लिए बनी आयोजन समिति में आलोक मेहता अध्यक्ष,डा नीलमणि,अरुणेन्दु झा उपाध्यक्ष ,दिवाकान्त झा,कोषाध्यक्ष,प्रेरणा प्रियदर्शिनी को सचिव सहित शशिरंजन,नीरज नीर,आशुतोष झा ,आलोक आनंद,ब्रजेश झा सहित कई युवा शामिल किये गए हैं. देवन मिसिर पर पहले एक फिल्म का भी निर्माण हो चुका है.

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