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निर्यात प्रोत्साहन योजना से सबसे अधिक फायदे में रहीं वाहन निर्माता और दवा कंपनियां

नयी दिल्ली : वाहन एवं दवा कंपनियों को वाणिज्य मंत्रालय की निर्यात प्रोत्साहन योजना का सबसे अधिक लाभ हुआ है. इन्हें लाभ वितरण का बहुलांश प्राप्त हुआ है. भारत से वस्तु निर्यात योजना (एमईआईएस) के तहत सरकार देश एवं उत्पाद के आधार पर विभिन्न दरों के हिसाब से शुल्क में लाभ मुहैया कराती है. इसके […]

नयी दिल्ली : वाहन एवं दवा कंपनियों को वाणिज्य मंत्रालय की निर्यात प्रोत्साहन योजना का सबसे अधिक लाभ हुआ है. इन्हें लाभ वितरण का बहुलांश प्राप्त हुआ है. भारत से वस्तु निर्यात योजना (एमईआईएस) के तहत सरकार देश एवं उत्पाद के आधार पर विभिन्न दरों के हिसाब से शुल्क में लाभ मुहैया कराती है. इसके तहत निर्यात किये जाने वाले समान के मूल्य के एक हिस्से के बराबर ‘शुल्क जमा पर्ची’ दी जाती है. इसको मूल आयात शुल्क या अन्य शुल्कों के बदले जमा किया जा सकता है.

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इस योजना के तहत 2017-18 में जेएसडटल्यू स्टील को सर्वाधिक 301.5 करोड़ रुपये का लाभ मिला है. इसके अलावा, अधिकतम लाभ वाली शीर्ष 10 कंपनियों में फोर्ड इंडिया को 272.80 करोड़ रुपये, बजाज ऑटो को 246.50 करोड़ रुपये, डॉ रेड्डीज लैब को 240.60 करोड़ रुपये, अरबिंदो फार्मा को 211.30 करोड़ रुपये, मायलैन लैब को 192.90 करोड़ रुपये, ह्युंडई मोटर इंडिया को 189.30 करोड़ रुपये, वेदांता लिमिटेड को 180 करोड़ रुपये, ल्युपिन लिमिटेड को 155 करोड़ रुपये और निसान मोटर इंडिया को 150 करोड़ रुपये का लाभ मिला है.

योजना से लाभ पाने वाली अन्य कंपनियों में टाटा मोटर्स, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, हेट्रो लैब, मारुति सुजुकी इंडिया, सिप्ला लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज, जनरल मोटर्स इंडिया और शाही एक्सपोर्ट्स शामिल रहीं. सरकार ने 2017-18 में योजना के तहत 31 हजार करोड़ रुपये का लाभ वितरण किया. यह राशि इसे पिछले वित्त वर्ष में 23 हजार करोड़ रुपये थी.

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