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IAAF ने सेमेन्या को ‘जैविक पुरुष” के रूप में वर्गीकृत करने की रिपोटों को खारिज किया

लंदन : अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स संघों के महासंघ (आईएएएफ) इस पर अपनी दलील पेश करेगा कि ओलंपिक में महिलाओं की 800 मीटर चैंपियन कास्टर सेमेन्या को ‘जैविक पुरुष’ के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए और अगर वह महिलाओं की प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहती है तो उन्हें अपना टेस्टोस्टरोन कम करने के लिये दवाईयां लेने […]

लंदन : अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स संघों के महासंघ (आईएएएफ) इस पर अपनी दलील पेश करेगा कि ओलंपिक में महिलाओं की 800 मीटर चैंपियन कास्टर सेमेन्या को ‘जैविक पुरुष’ के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए और अगर वह महिलाओं की प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहती है तो उन्हें अपना टेस्टोस्टरोन कम करने के लिये दवाईयां लेने के लिये मजबूर किया जाना चाहिए.

खेल पंचाट (कैस) की अगले सप्ताह होने वाली महत्वपूर्ण सुनवाई से पहले ‘द टाइम्स’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आईएएएफ अपनी तरफ से दलील देगा कि सेमेन्या और ‘यौन विकास में अंतर’ (डीएसडी) वाले अन्य एथलीटों को टेस्टोस्टरोन का स्तर कम होने पर ही प्रतिस्पर्धा में भाग लेने की अनुमति मिलनी चाहिए ताकि बराबरी सुनिश्चित की जा सके.

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आईएएएफ ने हालांकि बुधवार को ‘जैविक पुरुष’ संबंधी दावों पर आपत्ति जतायी. विश्व एथलेटिक्स की शीर्ष संस्था ने बयान में कहा, आईएएएफ किसी डीएसडी एथलीट को पुरुष के रूप में वर्गीकृत नहीं करने जा रहा है. इसके विपरीत हमने बिना किसी सवाल के उनके कानूनी लिंग को स्वीकार किया और उन्हें महिलाओं के वर्ग में खेलने की अनुमति दी.

इसमें कहा गया है, हालांकि अगर एक डीएसडी एथलीट का परीक्षण होता है और उसका टेस्टोस्टरोन का स्तर पुरुषों के समान होता है तो उनकी हडि्डयों और मांसपेशियों के आकार और ताकत में भी पुरुषों के समान वृद्धि होती है और उनके हीमोग्लोबिन में भी वृद्धि होती है जिससे पुरुषों को महिलाओं की तुलना में खेलों में लाभ मिलता है.

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बयान में कहा गया है, इसलिए महिला वर्ग में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिये यह जरुरी है कि डीएसडी एथलीट अपने टेस्टोस्टरोन में कमी करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने से पहले उसे महिलाओं के स्तर पर लेकर आये.

सेमेन्या और दक्षिण अफ्रीकी एथलेटिक्स संघ ने आईएएएफ के उस नये पात्रता नियमों को चुनौती दी है जिसमें मध्यम दूरी की दौड़ में उन डीएसडी एथलीटों को लेने की बात की गयी जिन्होंने पिछले छह महीनों में अपने टेस्टोस्टरोन के स्तर में महत्वपूर्ण कमी की हो.

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