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सारधा चिटफंड घोटाला, मदन मित्र से क्यों नहीं हो रही पूछताछ: कुणाल घोष

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद कुणाल घोष ने गुरुवार को अलीपुर कोर्ट में सारधा चिटफंड घोटाला मामले में राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्र के साथ-साथ पार्टी के राज्यसभा सदस्य सृंजय बोस और उनके पिता तथा पूर्व सांसद टूटू बोस का नाम लिया. अदालत में वकीलों के एक वर्ग ने मंत्री का नाम लिये […]

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद कुणाल घोष ने गुरुवार को अलीपुर कोर्ट में सारधा चिटफंड घोटाला मामले में राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्र के साथ-साथ पार्टी के राज्यसभा सदस्य सृंजय बोस और उनके पिता तथा पूर्व सांसद टूटू बोस का नाम लिया. अदालत में वकीलों के एक वर्ग ने मंत्री का नाम लिये जाने का ऊंचे स्वरों में विरोध किया.

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरविंद मिश्र के समक्ष घोष ने कहा कि चूंकि मित्र सारधा समूह की कई कंपनियों के मजदूर संघों के अध्यक्ष थे इसलिए घोटाले के संबंध में सीबीआइ को उनसे पूछताछ करनी चाहिए. सीबीआइ के वकील ने घोष की जमानत याचिका का विरोध करते हुए उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में देने की मांग की ताकि सारधा टूर एंड ट्रेवल से सारधा मीडिया के खाते में बड़ी राशि के कथित हस्तांतरण के मामले की ‘बड़ी साजिश’ का परदाफाश किया जा सके. घोष सारधा मीडिया के सीइओ थे. हालांकि आज अदालत में घोष का प्रतिनिधित्व वकील कर रहे थे लेकिन उन्होंने अचानक गवाह के कटघरे से बोलना शुरू किया कि बड़ी साजिश का खुलासा करने के लिए मदन मित्र से पूछताछ क्यों नहीं की जा रही है.

उन्होंने यह भी कहा कि सारधा समूह और टेलीविजन चैनल के बीच हुए कथित धन हस्तांतरण के मामले में संृजय बोस और उनके पिता टूटू (स्वपन साधन) बोस की भी जांच होनी चाहिए. इस दौरान अदालत में मौजूद इस मामले से नहीं जुड़े कुछ वकीलों ने घोष की बात का ऊंचे स्वरों में विरोध शुरू कर दिया कि उन्हें अदालत में मुख्यमंत्री या किसी अन्य मंत्री का नाम नहीं लेना चाहिए. न्यायधीश मिश्र ने हस्तक्षेप करते हुए इस मामले में वकीलों से पूछा कि वह किस आधार पर विरोध कर रहे हैं और अदालत कक्ष प्रदर्शन करने की जगह नहीं है.

न्यायाधीश के फौरन अपनी कुरसी से उठ जाने और घोष को तुरंत अदालत से बाहर ले जाये जाने के कारण सुनवायी अचानक रुक गयी. घोष ने इससे पहले कहा था कि सारधा घोटाला मामले में उनके अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सुदीप्त सेन को एक साथ बैठा कर पूछताछ की जानी चाहिए.

रतिकांत बसु व सोमनाथ दत्त से पूछताछ
दूसरी ओर, तारा चैनल के खरीद के मामले में सीबीआइ ने गुरुवार को तारा चैनल के मालिक रतिकांत बसु व सोमनाथ दत्त से पूछताछ की.

माकपा नेता रबीन देब को समन
सारधा चिटफंड मामले में सीबीआइ ने माकपा नेता रबीन देव तथा तृणमूल कांग्रेस सांसद शुभेंदु अधिकारी को पूछताछ के लिए तलब किया है. सीबीआइ अधिकारियों का कहना है कि सारधा मामले में जब्त कागजात के आधार पर इन दोनों प्रभावशाली नेताओं को तलब किया गया है. सारधा समूह के मेदिनीपुर में व्यवसाय के मद्देनजर शुभेंदु अधिकारी को तलब किया गया है, जबकि रबीन देव को तारा न्यूज चैनल की खरीदारी में मध्यस्थता करने के आरोप के मद्देनजर बुलाया गया है. तारा न्यूज के मालिक रतिकांत बसु ने पूछताछ के दौरान देब के नाम का खुलासा किया है. देब ने कहा कि उन्हें सीबीआइ का नोटिस मिला है. उन्हें जो भी बोलना होगा, वह जांच एजेंसी को बतायेंगे.

इडी ने सारधा की संपत्ति जब्त की
मालदा. सारधा ग्रुप की संपत्तियों की तलाश में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अफसर मालदा पहुंचे. इंग्लिशबाजार इलाके में सारधा ग्रुप के नाम पर जो संपत्तिया हैं, उनमें से इंग्लिशबाजार ब्लॉक के टियाकाटा मौजा में आठ व लक्ष्मीपुर मौजा के तीन जगहों में इडी अफसरों ने नोटिस चस्पा दिया है. गुरुवार को सुनील कुमार के नेतृत्व में दो इडी अफसर मालदा आये. पहले दोनों जिला भूमि व भूमि सुधार दफ्तर गये. वहां अधिकारियों के साथ बैठक के बाद भूमि दफ्तर के अधिकारियों ने सारधा के जमीनों के आवश्यक दस्तावेज व नक्शा इडी अधिकारियों को सौंपा. जिसके आधार पर इंग्लिशबाजार के विभिन्न इलाका घूम कर इडी अफसरों ने नोटिस लटकाया. उनके साथ भूमि सुधार दफ्तर के अचिंत्य घोष व उनके अधीनस्थ अधिकारी शामिल थे. इडी अफसरों ने मालदा-मानिकचक सड़क किनारे स्थित एक निर्माणाधीन स्कूल के बिल्डिंग के बाहर नोटिस चिपकाया. दस बीघा जमीन पर यह स्कूल बन रहा है. इसके बाद वे मालदा शहर से 10 किलोमीटर दूर सुस्थानी मोड़ गये.

वहां कारखाना बनाने के लिए सारधा ग्रुप ने 16 बीघा जमीन खरीदी थी. यहां भी जब्ती संबंधी नोटिस इडी अफसरों ने लटका दिया. इसके अलावा ओल्ड मालदा थाना के साहापुर इलाके में भी सारधा ग्रुप की संपत्ति को जब्त कर लिया गया. कुल 10 एकड़ 57 छटाक जमीन पर जब्ती संबंधी नोटिस लगाये गये हैं. इडी अफसर सुनील कुमार ने बताया कि कुल 14 नोटिस उनके पास है. मालदा जिले में सारधा ग्रुप के नाम पर कई संपत्तियां होने की जानकारी मिली है.

लेकिन कहां कहां संपत्ति है व कहां कहा नोटिस लगाया गया, इस बारे में अधिकारियों ने कुछ नहीं कहा. सारधा ग्रुप के एजेंट शिशिर साहा ने बताया कि मालदा जिले से सारधा ग्रुप ने 200 से 250 करोड़ रुपये वसूला है. राज्य सरकार को रुपये लौटाना होगा. उन्होंने कहा कि लक्ष्मीपुर में सारधा का 13 बीघा जमीन है, वहां आवासन बनाने की बात थी. यहां पर निवेशकों ने तोड़ाफोड़ व आगजनी भी की थी, लेकिन इडी अफसरों ने यहां कोई नोटिस नहीं लटकाया. ऐसा क्यों किया गया समझ में नहीं आ रहा है. इसके खिलाफ सीबीआइ व इडी के पास पत्र भेजा जायेगा. जिला भूमि व भूमि सुधार दफ्तर के अधिकारी संजीव चाकी ने बताया कि मालदा जिले के 11 जगहों में इडी अफसरों ने नोटिस लगाये हंै.

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