37.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

बच्चों की जिद के आगे हमेशा न पिघलें

दक्षा वैदकर बच्चों के साथ सबसे बड़ी समस्या जो पैरेंट्स को आती है, वह ये है कि बच्चे हर चीज नहीं खाते. कुछ सब्जियों को देख कर नाक-मुंह बनाते हैं. कभी स्कूल से टिफिन भरा ही वापस ले आते हैं, तो कभी घर पर ‘छि गंदा खाना.. ’ कह कर दूसरी डिश मांगते हैं. उन्हें […]

दक्षा वैदकर
बच्चों के साथ सबसे बड़ी समस्या जो पैरेंट्स को आती है, वह ये है कि बच्चे हर चीज नहीं खाते. कुछ सब्जियों को देख कर नाक-मुंह बनाते हैं. कभी स्कूल से टिफिन भरा ही वापस ले आते हैं, तो कभी घर पर ‘छि गंदा खाना.. ’ कह कर दूसरी डिश मांगते हैं.
उन्हें सिर्फ मैगी, पिज्जा, बर्गर, चिप्स, चाउमिन जैसी चीजें अच्छी लगती हैं. या फिर वे सिर्फ एक सब्जी को ही बार-बार बनाने को कहते हैं. कुछ बच्चे आलू के अलावा कुछ पसंद नहीं करते, तो कुछ भिंडी. पैरेंट्स परेशान हो जाते हैं कि आखिर क्या किया जाये कि बच्च हर चीज खा ले. वे बच्चे को खाने के लिए मनाते हैं, लेकिन जब बच्चे नहीं मानते, तो उनकी पसंद की चीज ला देते हैं.
पैरेंट्स भी संतुष्ट हो जाते हैं कि बच्च भूखे पेट नहीं है. इस गंभीर समस्या का हल मैंने एक सीरियल में देखा. इसमें बच्ची साक्षी हर रोज अपना टिफिन भरा ही वापस ला रही थी. उसकी मम्मी परेशान हो जाती है. वह अपने पति से यह बात कहती है, तो वे कहते हैं कि कल तुम साक्षी के फेवरेट छोले-पुरी बनाओ. वह बनाती है. साक्षी खुश हो जाती है कि उसे टिफिन में छोले-पुरी मिलने वाले हैं, लेकिन उसके पापा कहते हैं कि अब तुम्हें टिफिन नहीं मिला करेगा. तुम रोज भरा टिफिन वापस लाती हो, इसलिए तुम्हें अब इसकी जरूरत नहीं. साक्षी बिना टिफिन लिए स्कूल चली जाती है.
इधर उसकी मम्मी का रो-रो कर बुरा हाल हो जाता है कि मेरी बेटी स्कूल में खाली पेट रहेगी. तब साक्षी के दादा समझाते है कि बचपन में आदित्य (साक्षी के चाचा) भी साक्षी की तरह कुछ नहीं खाता था. एक दिन उसने प्लेट में खाने को देख कर कहा, ‘छि.. खराब खाना.’ यह देख उन्होंने उसे तुरंत खाने की टेबल से उठ जाने को कहा और बोला कि अब, जब तक तुम ये सब खाने नहीं लग जाते, भूखे रहो. आदित्य भी जिद्दी था. उसने दो दिन तक खाना नहीं खाया.
उसे लगता रहा कि मम्मी मनाने आयेगी और उसकी पसंद का खाना दे जायेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. दो दिन बाद जब उससे रहा नहीं गया, तो उसने उस सब्जी को भी बड़े मजे के साथ खाया, जो उसे पसंद नहीं थी.
बात पते की..
बच्चे जो भी चीज खाने को मांगेंगे और आप उन्हें देते जायेंगे, तो भला वे सब्जियां क्यों खायेंगे. आपको इसके लिए कठोर निर्णय लेना ही होगा.
बच्चे अपने पैरेंट्स के प्रेम का गलत फायदा उठाते हैं. उन्हें लगता है कि रोने से, भूखा रहने से उन्हें उनकी फेवरेट डिश मिल जायेगी. इसे रोकें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें