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सिलीगुड़ी नगर निगम: 80.48 लाख का घाटा, आगे भी घाटे का अनुमान

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक नारायण भट्टाचार्य ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए 2 करोड़ 22 लाख 59 हजार रुपये के घाटे का बजट पेश किया है. मेयर ने शनिवार को सिलीगुड़ी नगर निगम के सभागार में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 235 करोड़ 69 लाख 25 हजार रुपये के खर्च का बजट […]

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक नारायण भट्टाचार्य ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए 2 करोड़ 22 लाख 59 हजार रुपये के घाटे का बजट पेश किया है. मेयर ने शनिवार को सिलीगुड़ी नगर निगम के सभागार में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 235 करोड़ 69 लाख 25 हजार रुपये के खर्च का बजट पेश किया है. जबकि प्राप्तियां 233 करोड़ 46 लाख 66 हजार रुपये रहने का अनुमान लगाया है. यानी 2 करोड़ 22 लाख 59 हजार रुपये का घाटा होगा.

वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट पेश करते हुए मेयर अशोक भट्टाचार्य ने बताया कि इस वर्ष सिलीगुड़ी नगर निगम को 131 करोड़ 97 लाख 76 हजार रुपये आय होने की संभावना है, जबकि 122 करोड़ 29 लाख 75 हजार रुपये खर्च होना तय किया गया है. इस हिसाब से 9 करोड़, 68 लाख 1 हजार रुपये लाभ होगा. इसके अतिरिक इस बार के बजट में कई प्रकार के कर बढ़ाने का विचार किया गया है. जिससे 91 करोड़ 48 लाख 90 हजार रुपया अतिरिक्त आय होने का अनुमान लगाया गया है. दस करोड़ रुपया कर्ज व अन्य स्त्रोत से जुगाड़ करने का प्रस्ताव रखा गया है. इस हिसाब से इस वित्तीय वर्ष में निगम की कुल जमापूंजी 111 करोड़ 16 लाख और 91 हजार रुपये रहने का अनुमान है जबकि सिलीगुड़ी वासियों के हित में पेयजल मुहैया, कचरा सफाइ, एलइडी लाइट, महानंदा नदी की सफाई आदि में 113 करोड़ 39 लाख 50 हजार रुपये व्यय करने का अनुमान प्रस्तावित किया गया है. मेयर द्वारा दिये गये आंकड़े के अनुसार वित्तीय वर्ष 2016-17 में नगर निगम को 80 लाख 48 रुपये का घाटा हुआ है. लेकिन इस घाटे की भरपाई करने के लिए 2017-18 के बजट में कहीं कोई प्रावधान नहीं दिखाया गया है. चालू वर्ष का 80 लाख 48 हजार और आगामी वर्ष का अनुमानित 2 करोड़ 22 लाख 59 हजार रुपये के घाटे की पूर्ति कहां से की जायेगी, इसकी कोई व्याख्या नहीं की गयी है. वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए भी मेयर अशोक भट्टाचार्य ने करीब 194 करोड़ का अनुमानित बजट पेश किया था. जबकि वर्ष के अंत में मात्र 131 करोड़ के वास्तविक बजट का ब्योरा पेश किया. सिलीगुड़ी नगर निगम को 80 लाख 48 हजार रुपये का घाटा सहना पड़ा. वहीं इस बार 2 करोड़ 22 लाख 59 हजार रुपये के घाटे का अनुमान लगाया है. इस बात को लेकर विरोधी पक्ष चिंता में है.
क्या कहना है मुख्य विरोधी दल का : सिलीगुड़ी नगर निगम के विरोधी दल नेता तृणमूल के रंजन सरकार उर्फ राणा ने इस बजट को ‘बटवृक्ष के नीचे पीला किताब, की उपमा दी है. उन्होंने कहा कि मेयर ने पहले ही घाटे का बजट पेश किया है. पिछले दो वर्षों की तरह इस बार के बजट में भी आम नागरिकों के लिये कुछ नहीं है. 35 वर्षों तक सरकार चलाने वाली पार्टी के इस नेता 70 वर्षीय मेयर के दिमाग से कुछ नहीं निकला. निगम की माकपा बोर्ड द्वारा प्रस्तावित बजट के संबंध में तृणमूल जिलाध्यक्ष व राज्य के पर्यट नमंत्री गौतम देव व साथी तृणमूल वार्ड पार्षदों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद तृणमूल अपनी नीति निर्धारित करेगी.
नगर निगम के बजट में क्या है विशेष
1. अनावश्यक खर्च कम कर निगम की आय बढ़ाने पर जोर
2. राज्य सरकार के पास से बकाया और संवैधानिक अनुदान और सहायता राशि समयानुसार प्राप्त करने का प्रयास
3. निगम के रिक्त पदों पर नियुक्ति व अस्थानीय दैनिक मजदूरों के वेतन में राज्य सरकार की सहभागिता पर जोर
4. निगम व बोरो कार्यालयों में बायोमेट्रिक मशीन व निगम की अत्याधुनिक गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगाना
5. पेयजल की बरबादी रोकना. स्ट्रीट लाइट के लिए लीक डिटेक्टिंग यंत्र लगाना. एलइडी लाइटों में वृद्धि
6. भू-उपयोग और भूमि-उपयोग परिवर्तन फीस, और वास स्थान का व्यवसायिक स्थान में परिवर्तन की फीस निगम लेगी. यह फीस सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण लेता है.
7. निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, निजी शिक्षण संस्थान, बैंक, बीमा, एटीएम व अन्य व्यवसायिक संस्थानों से कचरा सफाई फीस वसूलना.
8. अपार्टमेंट, होटल व व्यवसायिक संस्थानों के पेयजल कर में 20 प्रतिशत की वृद्धि.
9. निजी शिक्षण संस्थानों की बसों के लिये प्रतिमाह 500 रुपये कचरा फीस निर्धारित.
10. माल ढोने वाली लॉरियों से टोल टैक्स
11. स्टे फीस को 2 से बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया.
12. नगर निगम की सड़कों पर दौड़ने वाले इ-रिक्शा पर विशेष चार्ज. प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग करने वालों पर जुर्माना.
13. त्रैमासिक 20 रुपये निगम कर देने वाले नगरवासियों का 31 मार्च 2017 तक का बकाया कर माफ
14. बीपीएल कार्डधारक परिवार की लड़कियों के विवाह के लिए ढाई हजार रुपये की सहायता.
15. सामाजिक सुरक्षा भत्ता के लाभार्थियों को प्रतिमाह 50 रुपये अधिक मुहैया कराया जायेगा.
16. अल्पसंख्यक व दलित युवतियों को शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता व मुफ्त में कम्प्यूटर शिक्षा की व्यवस्था.
क्या कहते हैं मेयर: आर्थिक वर्ष 2017-18 का बजट पेश करने के बाद निगम के मेयर सह विधायक अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि 2015-16 में 190 करोड़ के बजट का प्रस्ताव देकर एक सौ करोड़ खर्च किया गया. 2016-17 में 194 करोड़ रुपये का आनुमानित बजट पेश कर 131 करोड़ रुपया खर्च किया गया और वर्ष 2017-18 के लिए आज 235 करोड़ का अनुमानित बजट पेश किया गया. माकपा बोर्ड की उपलब्धियों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में अपनी निजी आय बढ़ाने के लक्ष्य में निगम 92 प्रतिशत सफल रहा है. बजट अंकों का हिसाब नहीं है, बल्कि बोर्ड की नीति को दर्शाता है. इस बार भी हमने नागरिक सेवा पर जोर दिया है. राज्य सरकार के बजट, बजट दस्तावेज आदि का अध्ययन करने के बाद ही निगम का बजट तैयार किया गया है. राज्य सरकार के पास अभी भी निगम का 280 करोड़ रुपया बकाया है. सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण और उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय सिलीगुड़ी के विकास में कार्य करना स्थगित कर दिया है. राज्य सरकार सिर्फ राजनीतिक बदले का काम कर रही है. इसकी वजह से सिलीगुड़ी का विकास बाधित हो रहा है और यह देश की क्षति है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि इस बजट का समर्थन करने के लिए कांग्रेस दल को एक पत्र दिया गया है.
क्या कहती है कांग्रेस : सिलीगुड़ी नगर निगम के कांग्रेस वार्ड पार्षद व कांग्रेस दल के नेता सुजय घटक उर्फ काला दा ने कहा कि बजट में कुछ भी नहीं है. बजट का समर्थन करने के लिये मेयर ने एक पत्र दिया है लेकिन हमारी भी कुछ मांगे है. पत्र में मेयर में विचार-विमर्श का प्रस्ताव दिया है. हम अपनी मांगो को लेकर मेयर के साथ बैठक करेंगे. सहमति बनने के बाद ही कांग्रेस इस बजट को समर्थन करेगी. श्री घटक ने कुछ बिन्दुओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सामाजिक सुरक्षा के तहत लाभार्थियों की संख्या में कोई बृद्धि नहीं की गयी. निजी शिक्षण संस्थान की बसों व व्यवसायिक संस्थानों पर टैक्स बढ़ाने की बात कही है. इसके अतिरिक्त भी कई ऐसे बिन्दू हैं जिस पर विचार-विमर्श किया जाना है.
क्या कहती भाजपा
निगम की भाजपा वार्ड पार्षद खुशबू मित्तल ने इस बाजट को पूरी तरह से आधारहीन बताया है. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में में निगम को काफी आय होने की बात मेयर कर रहे थे, लेकिन यह आय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी का फल है. लेकिन इसके लिए मेयर ने उनका धन्यवाद नहीं किया. इसके अतिरिक्त बजट में काफी ऐसे बिन्दु हैं जिसको लेकर संशय है. बजट को लेकर हम अपने पार्टी स्तर पर विचार-विमर्श करने के बाद ही भाजपा अपना कदम बढ़ायेगी.

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