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VIDEO : बिहार में ट्रायल रन के दौरान गंगा पंप नहर योजना के बांध की टूटी दीवार, राजनीति तेज

पटना : बिहार के भागलपुर जिले में ट्रायल रन के दौरान पानी के दबाव से गंगा पंप नहर योजना के बांध की दीवार के अचानक टूट जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इसके उद्घाटन के कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है. बिहार और झारखंड के एक बड़े कृषि भू भाग को सिंचित किये […]

पटना : बिहार के भागलपुर जिले में ट्रायल रन के दौरान पानी के दबाव से गंगा पंप नहर योजना के बांध की दीवार के अचानक टूट जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इसके उद्घाटन के कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है. बिहार और झारखंड के एक बड़े कृषि भू भाग को सिंचित किये जाने की भागलपुर जिला के बटेश्वरस्थान में गंगा नदी पर 389.31 करोड़ रुपये की लागत वाली महात्वाकांक्षी योजना का कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उद्घाटन किया जाना था. ट्रायल रन के दौरान स्विच आन किये जाने पर पानी के अत्यधिक दबाव के कारण इस योजना के बांध की एक दीवार के आज अचानक टूट जाने के बाद मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया.

बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर टूटने पर सूबे में राजनीति तेज हो गयी है. राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने जल संसाधन मंत्री ललन सिंह से इस्तीफा मांगा है. वहीं जदयू प्रवक्ता अजय आलाेक ने इस मामले में राजद पर पलटवार करते हुए कहा कि केनाल जब बना था उस समय लालू यादव मुख्यमंत्री थे. उन्होंने कहा, राजदको यह जवाबदेना चाहिए कि आखिर केनाल कमजोर क्यों बनाया. उधर, मंत्री पशुपति पारस ने कहा कि दोषी ठेकेदारों और इंजीनियरों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

मुख्यमंत्री कार्यालय सेएकसूचना जारी की गयी और नीतीश कुमार के प्रस्तावित कार्यक्रम को तकनीकी कारणों से रद्द कर दिया गया . भागलपुर से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बांध के टूटने पानी के बहाव से कहलगांव, एनटीपीसी टाउनशिप के साथ आम नागरिक इलाके और कहलगांव के सिविल जज और सब जज के आवास में पानी प्रवेश कर गया. इस परियोजना के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावा जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा कहलगांव के विधायक सदानंद सिंह भाग लेने वाले थे. जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह भागलपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ मिलकर जिन इलाकों में पानी फैला है उसे निकाले जाने की निगरानी कर रहे हैं.

अरुण सिंह ने बताया कि पानी के बहाव को रोकने के बालू भरे बोरे रखे जा रहे हैं. कहलगांव उक्त परियोजना स्थल से तीन किलोमीटर की दूरी पर है. बिहार और झारखंड की इस साझा परियोजना के जरिए भागलपुर में 18620 हेक्टेयर तथा झारखंड के गोड्डा जिला की 4038 हेक्टयर भूमि सिंचित होगी. इस परियोजना द्वारा 27603 हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जा सकता है जिसमें से 22816 हेक्टयर बिहार एवं 4887 हेक्टेयर झारखंड के भूखंड शामिल हैं. इस परियोजना के बांध के टूटने पर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद को नीतीश सरकार के खिलाफ हथियार मिल गया और राजद कार्यकर्ताओं ने इसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए भागलपुर में मुख्यमंत्री और जल संसाधन मंत्री का पुतला दहन किया.

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