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दक्षिण सूडान: एक शहर बन गया दुष्कर्म का अड्डा यौन हिंसा के खिलाफ लड़ रहीं महिलाएं

दक्षिण सूडान के एक शहर मुनड्री के लोग गृह युद्ध छिड़ने के बाद जंगलों की ओर पलायन कर गये हैं और खाली पड़े शहर में यौन हिंसा की बाढ़ आ गयी है. इससे लड़ने के लिए स्थानीय प्रशासन लोगों की मदद कर रहा है. नेशनल कंटेंट सेल साउथ सूडान का मुनड्री शहर, जो एक समय […]

दक्षिण सूडान के एक शहर मुनड्री के लोग गृह युद्ध छिड़ने के बाद जंगलों की ओर पलायन कर गये हैं और खाली पड़े शहर में यौन हिंसा की बाढ़ आ गयी है. इससे लड़ने के लिए स्थानीय प्रशासन लोगों की मदद कर रहा है.

नेशनल कंटेंट सेल

साउथ सूडान का मुनड्री शहर, जो एक समय में पैकेट ऑफ पीस के रूप में जाना जाता था, अब वहां महिलाओं के साथ यौन अपराध की घटनाओं में वृद्धि देखी गयी है. इसके बाद वहां का स्थानीय समूह इसके खिलाफ लड़ने तथा वापस मुनड्री में शांति स्थापित करने के लिए प्रयासरत है.

यौन हिंसा की शिकार 18 वर्षीय लड़की ने दो महीने बाद बताया कि उसने मुझे दबोच लिया और कहा कि शोर करने पर जान से मार दूंगा. वह नये साल की पार्टी के बाद शाम को मुनड्री वापस लौट रही थी. इस दौरान उसके पड़ोसी ने उसके साथ बर्बरता की. वह बताती है कि मैं एक महीने तक इस कुछ बोलने के लायक नहीं थी, क्योंकि उसने मेरे गले को इस प्रकार दबाया था कि मेरा वोकल कॉड जख्मी हो गया था. वह बताती है कि उसका अपराधी उसके घर के बगल में ही रहता है और वह सब जानते हुए भी कुछ नहीं कर सकती.

यह एक कहानी तो बानगी भर है, इसके जैसे कई कहानियां हैं जिनके बारे में लोग बात तक नहीं करते. लेकिन, हाल के दिनों में मुनड्री में बढ़े अपराध के बाद स्थानीय प्रशासन और वहां के लोग सकते में हैं. एक समय में मुनड्री देश के बॉस्केटबॉल खिलाड़ियों तथा शांति के लिए जाना जाता था. लेकिन, अब इस शहर के देश में बलात्कार के केंद्र के रूप में देखा जा रहा है. साल 2013 में दक्षिण सूडान में गृहयुद्ध छिड़ने के बाद से इस शहर को ज्यादा नुकसान हुआ है. ज्यादातर लोग मौत के डर से जंगलों की ओर पालायन कर गये हैं और शहर वीरान पड़ा हुआ है. इसलिए आये दिन ऐसी धटनाएं होते रहती हैं.

मुनड्री अब सरकारी सैनिकों के कब्जे में है, आसपास के कई इलाके विपक्ष के नियंत्रण में हैं. लेकिन आंकड़े बताते हैं कि छोटे आतंकी समूहों के कारण इलाके के लोगों के मन में डर घर कर चुका है. सरकारी सैनिकों द्वारा लक्षित हत्याओं और लूट की रिपोर्ट नियमित होती है. लेकिन बलात्कार की घटनाएं फिर भी रुकने का नाम नहीं ले रही.

यहां प्रत्येक महीने लैंगिक हिंसा के दो मामले देखने को मिलते हैं. मुनड्री की सुरक्षा के लिए यहां के सहायता संगठनों ने एक अच्छी पहल की हैं वे एक दूसरे को उचित सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक साथ हो गये हैं. इसके साथ ही वे सुचनाएं एक दूसरे से साझा कर रहे हैं. हाल के ही बैठक में लोंगों ने माना की मुनड्री देश में महिलाओं के लिए सबसे खराब जगह बन चुका है.

महिला सशक्तीकरण पर सरकार का ध्यान नहीं

मुनड्री एक्टिव यूथ एसोसिएशन (माया) के संस्थापक जेम्स लवाडिया ने कहा कि सरकार का ध्यान महिलाओं के सशक्तीकरण पर नहीं है. देश में ऐसे अपराधों से लड़ने के लिए प्रयाप्त कानून न होने के कारण ऐसी घटनाओं में इजाफा हुआ है. हाल ही में स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों द्वारा किये गये इंटर-एजेंसी मूल्यांकन के मुताबिक अगस्त और अक्तूबर 2016 में मुनड्री में बलात्कार के 29 मामले सामने आये थे. अधिकार समूह यह मानते हैं कि यहां हुए यौन अपराध की संख्या और बढ़ सकती है. क्योंकि कई घटनाओं की रिपोर्ट ही नहीं होती. एक तुलना के मुताबिक, लवाडिया का कहना है कि अगस्त 2016 से पहले मात्र एक या दो धटनाएं सुनने को मिलती थी. लेकिन अब ऐसी घटनाएं आम हो गयी हैं. माया मुनड्री की महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों में बढ़त को रोकने के लिए प्रयासरत है. इस साल जनवरी में संगठन ने महिला सशक्तीकरण समूह का गठन कर 30 मुखर महिलाओं की एक टीम बनायी जो अपने इलाकों में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में मदद करेंगी. जिन महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया है उनके लिए सहायता, संरक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान करना, महिला सशक्तीकरण समूह का पहला लक्ष्य है. इससे कई महिलाएं यौन हमलों के बाद खुद को स्थापित करने में सफल रहीं है. समूह की सचिव एना हेनरी बताती है कि हम ऐसी महिलाओं को उद्यमी बनाना चाहते हैं. ताकि हिंसा की शिकार होने के बाद वे अलग-थलग न पड़ें.

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