26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

आतंक के गहराते साये

ब्रिटिश संसद परिसर में हुआ आतंकी हमला अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के भयानक चेहरे और इरादे को ही इंगित नहीं करता है, बल्कि उसके बदलते रूपों और खतरों की सूचना भी देता है. लोगों को निशाना बनाने के लिए अब उसे अत्याधुनिक हथियारों और खर्चीले साजो-सामान की जरूरत नहीं है, वह रोजमर्रा की हर चीज का इस्तेमाल […]

ब्रिटिश संसद परिसर में हुआ आतंकी हमला अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के भयानक चेहरे और इरादे को ही इंगित नहीं करता है, बल्कि उसके बदलते रूपों और खतरों की सूचना भी देता है. लोगों को निशाना बनाने के लिए अब उसे अत्याधुनिक हथियारों और खर्चीले साजो-सामान की जरूरत नहीं है, वह रोजमर्रा की हर चीज का इस्तेमाल कर दहशत पैदा करने की जुगत लगा रहा है.
बीते कुछ समय से यूरोप के विभिन्न शहरों में वाहनों को हथियार बना कर मौत का खेल चल रहा है. लंदन में भी हमलावर ने पहले वाहन से तीन लोगों को कुचला और फिर एक पुलिसकर्मी पर चाकू से जानलेवा वार किया. इस घटना में कम-से-कम 40 लोग घायल हुए हैं. आतंक के इस नये रूप में तकनीक का प्रयोग न के बराबर या बहुत कम होता है. इसे बड़े-छोटे आतंकी गिरोहों द्वारा सीधे संचालित होने की जरूरत भी नहीं है.
अतिवादी हिंसक सोच से प्रभावित कोई भी व्यक्ति सामान्य वाहन पर सवार होकर हमारी जिंदगी के साथ खेल सकता है, जिसे रोक पाने का कोई कारगर उपाय फिलहाल नजर नहीं आ रहा है. इस घटना की जांच और हिरासत में लिये गये सात संदिग्धों से पूछताछ के बाद ही मामले की पूरी असलियत सामने आ सकेगी, लेकिन इतना स्पष्ट है कि सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और आतंकवाद पर अंकुश लगाने की मौजूदा कोशिशों के साथ नये आतंकी तौर-तरीकों के मद्देनजर नये नजरिये की भी जरूरत है.
लंदन का हमला बर्लिन और नाइस के हमलों की तर्ज पर हुआ है. उन हमलों को इसलामिक स्टेट से प्रभावित आतंकियों ने अपने स्तर पर अंजाम दिया था. भविष्य में इस तरह के हमलों की आशंका अधिक है. लंदन में सुरक्षाकर्मियों की त्वरित प्रतिक्रिया सराहनीय है, परंतु भीड़-भरे इलाकों में पुलिस का तुरंत पहुंचना मुश्किल होता है. ऐसे में निगरानी और चौकसी के साथ अतिवादी विचारों के प्रसार पर रोक लगाने की दिशा में समुचित कदम उठाने होंगे.
इसलामिक स्टेट और अल-कायदा जैसे गिरोह अपने मुख्य ठिकानों और वर्चस्ववाले इलाकों में दबाव में हैं. स्वाभाविक रूप से वे ऐसी जगहों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जहां शांति और समृद्धि है. इसलामिक स्टेट अपने प्रचार-तंत्र और नेटवर्क के जरिये यूरोप और अन्यत्र रह रहे युवाओं को आतंकी हमलों के लिए उकसा रहा है.
ब्रिटिश नेताओं और लंदन के निवासियों ने हमले के बावजूद जिस तरह से घृणा और हिंसा को खारिज किया है तथा मानवीय मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है, उससे यह विश्वास फिर मजबूत होता है कि आतंकवाद के विनाशकारी एजेंडे को एकता और सद्भावना की ताकत से पीछे धकेला जा सकता है. हमें आसपास की गतिविधियों के प्रति चौकस रहना होगा और आपसी भरोसे को उत्तरोत्तर गहन बनाना होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें