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हंगामे के बीच भूमि अधिग्रहण बिल लोकसभा में पेश, नायडू बोले बहुमत को अल्मत नहीं झुका सकता

नयी दिल्ली: विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विपक्ष और विभिन्न संगठनों की जबर्दस्त घेराबंदी के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर पीछे नहीं हटा जायेगा और इसे लेकर विपक्ष द्वारा बनाये गए ‘मिथ’ की हवा निकालनी चाहिए. भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध किये जाने पर संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया […]

नयी दिल्ली: विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विपक्ष और विभिन्न संगठनों की जबर्दस्त घेराबंदी के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर पीछे नहीं हटा जायेगा और इसे लेकर विपक्ष द्वारा बनाये गए ‘मिथ’ की हवा निकालनी चाहिए. भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध किये जाने पर संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि अल्पमत बहुमत को नहीं झुका सकता.

वहीं, भाजपा भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर विधेयक को ‘‘और प्रभावी एवं किसान हितैषी’’ बनाने के लिए अपने राजग सहयोगियों के साथ चर्चा करने का फैसला किया है. सूत्रों ने बताया कि भाजपा संसदीय दल की बैठक में मोदी ने कहा कि विधेयक से किसानों को फायदा होगा और उनकी सरकार की ओर से इसमें संशोधन कांग्रेस शासित राज्यों एवं उनके मुख्यमंत्रियों के सुझाव के आधार पर लाए गए हैं.

सूत्रों के अनुसार, संसद के बजट सत्र के दौरान भाजपा संसदीय दल की आज हुई पहली बैठक में मोदी ने कहा, ‘‘ भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लेकर बचाव में आने की जरुरत नहीं है. हम जो कानून ला रहे हैं, वह किसानों और गरीबों के हित में है. इस मुद्दे पर बनाये गए ‘मिथ’ की हवा निकालनी चाहिए.’’ उनके अनुसार, प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि पूर्व की सरकार की गलतियों को सुधारने की जरुरत थी और भाजपा विधेयक में किसान विरोधी रुख कभी नहीं अपना सकती है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने किसानों से सुझाव लेने के लिए आठ सदस्यों की कमेटी गठित की. ये कमेटी किसानों से बिल को लेकर उनका पक्ष जानने की कोशिश करेगी.

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण सत्र है, इस सत्र में देश के महत्वपूर्ण विषय सामने आयेंगे और देश के विकास को नई दिशा मिल सकेगी. पार्टी के सभी सांसदों को इस सत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है. सभी सांसदों को संसद सत्र के दौरान विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यो में सक्रियता से हिस्सा लेना चाहिए और रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए.

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने कहा, ‘‘संसदीय पार्टी की बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि हम किसानों के कल्याण को प्रतिबद्ध है और सरकार इस दिशा में हर कदम उठायेगी.’’ उधर राज्यसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अध्यादेश के जरिये भूमि अधिग्रहण कानून लाने का बचाव करते हुए कहा कि आजादी के बाद से 639 अध्यादेश के जरिये कानून लागू किये गए और उनमें से 80 प्रतिशत कांग्रेस के शासनकाल में हुआ.

एक सदस्य के इस सुझाव पर कि सरकार को इस भूमि अधिग्रहण कानून के बारे में राजनीतिक दलों के नेताओं से बात करनी चाहिए, जेटली ने इतना भर कहा कि वह उनके इस सुझाव को संबंधित मंत्री तक पहुंचा देंगे.इस बीच, केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक को और प्रभावकारी बनाने के लिए भाजपा और राजग के नेता आज इस पर चर्चा करेंगे.

राजीव प्रताप रुडी ने कहा, ‘‘भाजपा समेत राजग के सांसदों की बैठक होगी और इसमें इस बात पर चर्चा की जायेगी कि भूमि अधिग्रहण विधेयक को और प्रभावी कैसे बनाया जा सकता ताकि इससे किसानों और गरीबों को अधिक फायदा मिले. इस बारे में आज शाम सांसदों और संबंधित विभागों के मंत्रियों के बीच चर्चा होगी.’’ बैठक के दौरान कोयला मंत्री पीयूष गोयल और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कोयला ब्लाक आवंटन और प्रत्यक्ष नकद अंतरण योजना पर प्रस्तुती दी.

सूत्रों के अनुसार, गोयल ने बैठक के दौरान कहा कि सरकार को कोयला ब्लाकों की नीलामी से 1.2 लाख करोड रुपये तक फायदा हुआ है और इसमें से बडी राशि उन राज्यों को जायेगी जहां कोयला ब्लाक हैं. इससे राज्यों को लाभ होगा. इससे कोयला ब्लाक आवंटन पर पूर्व की संप्रग सरकार के रुख का पर्दाफाश हुआ है.

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