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Jharkhand : बूढ़ा पहाड़ पर कब्जे के लिए जारी है नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष, एक और खूंखार नक्सली दस्ता पहुंचा

रांची : झारखंड-छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ पर कब्जे की जंग जारी है. नक्सली अपने इस अभेद्य किले को किसी भी सूरत में छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. वहीं, सुरक्षा बल के जवान इस खूबसूरत पहाड़ को नक्सलियों के लाल आतंक से हर हाल में मुक्त करा लेना चाहते हैं. यही वजह […]

रांची : झारखंड-छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ पर कब्जे की जंग जारी है. नक्सली अपने इस अभेद्य किले को किसी भी सूरत में छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. वहीं, सुरक्षा बल के जवान इस खूबसूरत पहाड़ को नक्सलियों के लाल आतंक से हर हाल में मुक्त करा लेना चाहते हैं. यही वजह है कि सुरक्षा बल के जवान लगातार नक्सलियों के खिलाफ छापामारी अभियान चला रहे हैं, तो दूसरी ओर नक्सली भी लैंडमाईंस बिछाकर पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों का शिकार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे.

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झारखंड के तीन जिलों तक फैले बूढ़ा पहाड़ पर एक महीने से लगातार पुलिस बलों से नक्सलियों की मुठभेड़ हो ही जाती है. सुरक्षा बल के जवान नक्सलियों को जंगलों से खोज-खोज कर गिरफ्तार कर रहे हैं. जो नक्सली पुलिस पर हमला करते हैं, उसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर जवान या तो उन्हें मार गिरा रहे हैं या घायल अवस्था में गिरफ्तार कर रहे हैं.

दूसरी तरफ, नक्सली सुरक्षा बलों से सीधी लड़ाई नहीं कर रहे. वे विस्फोटकोंका सहारा ले रहे हैं. पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को ले जा रहे वाहनों में विस्फोट के जरिये उन्हें लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं. हाल के दिनों में कई नक्सली मुठभेड़ में मारे गये हैं या गिरफ्तार किये गये हैं. इससे नक्सलियों की ताकत कम तो हुई है, लेकिन उनके हौसले पस्त नहीं हुए हैं.

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बूढ़ा पहाड़ पर सुरक्षा बलों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध छेड़ने वाले नक्सलियों का मनोबल मजबूत करने के लिए विश्वनाथ दस्ता यहां पहुंच चुका है. बताया जाता है कि ओड़िशा के दंडकारण्य में इस दस्ते का आतंक सिर चढ़कर बोलता है. दो दिन पहले लातेहार में इसी दस्ते ने लैंड माईंस विस्फोट किया था, जिसमें 7 जवान घायल हो गये थे.

ज्ञात हो कि लगातार अभियान के बावजूद झारखंड पुलिस के लिए बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त करवाना अब भी सबसे बड़ी चुनौती है. बूढ़ा पहाड़ पिछले कुछ सालों से माओवादियों का नया और सबसे सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है. बूढ़ा पहाड़ के बीहड़ो में एक करोड़ के इनामी नक्सली अरविंद के साथ -साथ झारखंड की कमान संभाल रहे नक्सली नेता सुधाकरन और उसकी पत्नी जया नक्सलियों के सबसे खतरनाक माने जाने वाले विश्वनाथ प्लाटून के साथ मौजूद है.

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नक्सलियों के इन दो शीर्ष नेताओं के अलावा, गुरिल्ला वार में माहिर करीब 200 नक्सली इस पहाड़ पर मौजूद हैं. दस्ते के सभी सदस्य अत्याधुनिक विस्फोटकों और अत्याधुनिक ऑटोमेटिक हथियारों से लैस हैं. ओड़िशा दंडकारण्य से आये नक्सलियों के विस्फोटक विशेषज्ञ विश्वनाथ बूढ़ा पहाड़ जाने वाले रास्तों पर आईईडी लगाकर अपने नेताओंकेलिए सुरक्षा घेरा तैयार कर रहा है.

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