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स्वास्थ्य मंत्री के ट्रस्ट ने दी सफाई, ‘प्रभात खबर” अपनी रिपोर्ट पर कायम

ट्रस्ट का दावा, अस्पताल में 24 घंटे हो रहा इलाज गढ़वा : पलामू जिले के विश्रामपुर में संचालित सोहरी चंद्रवंशी नर्सिंग स्कूल एवं अस्पताल का संचालन शुरू होने से इस उग्रवाद प्रभावित इलाके में लोगों को चिकित्सा कराने में बड़ी राहत मिली है़ अस्पताल के माध्यम से आसपास के मरीजों की बीमारियों का इलाज किया […]

ट्रस्ट का दावा, अस्पताल में 24 घंटे हो रहा इलाज

गढ़वा : पलामू जिले के विश्रामपुर में संचालित सोहरी चंद्रवंशी नर्सिंग स्कूल एवं अस्पताल का संचालन शुरू होने से इस उग्रवाद प्रभावित इलाके में लोगों को चिकित्सा कराने में बड़ी राहत मिली है़ अस्पताल के माध्यम से आसपास के मरीजों की बीमारियों का इलाज किया जा रहा है़ इसके लिए एक स्थायी चिकित्सक के साथ पांच विजिटिंग डॉक्टर बहाल किये गये हैं.

इसमें आपात सेवा के साथ 24 घंटे रोगियों के इलाज की व्यवस्था है़ ये बातें रामचंद्र चंद्रवंशी वेलफेयर ट्रस्ट के निदेशक डॉ ईश्वर सागर चंद्रवंशी ने दी. कहा कि उनके संस्थान में 100 बेड के अस्पताल के साथ नर्सिंग की पढ़ाई की व्यवस्था की गयी है़ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नर्सिंग की पढ़ाई के लिए वे सारे मेडिकल उपकरण एवं प्रयोगशाला क्रियाशील हैं, जिनकी नियम के अनुरूप जरूरत है. इसमें मेडिसीन सर्जरी, इएनटी, ऑर्थोपेडिक्स एवं गायनेकोलॉजी विभाग भी पूरी तरह से व्यवस्थित है. उन्होंने बताया कि नर्सिंग कोर्स में नामांकन के लिए इलाके के गरीब परिवार की शिक्षित लड़कियों को प्राथमिकता दी गयी है़

मौके पर मौजूद स्वास्थ्य मंत्री के मंत्री प्रतिनिधि रामचंद्र यादव एवं क्षेत्रीय प्रतिनिधि इद्रीश हवारी ने बताया कि क्षेत्रीय विधायह सह स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवशी सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए अपने विधानसभा क्षेत्र सहित पूरे राज्य में प्रयासरत है.

इसी कड़ी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना कर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए भी वे प्रयत्नशील हैं. उन्होंने कहा कि चंद्रवंशी राज्य के मंत्री बनने के पहले से ही अपने इलाके में विभिन्न शैक्षणिक एवं तकनीकी संस्थाओं के माध्यम से गरीब इलाके के छात्र-छात्राओं को उच्चतर एवं तकनीकी शिक्षा देकर अपने क्षेत्र का विकास करने में लगे हैं.

रक्तदान व स्वास्थ्य शिविर शीघ्र : संस्थान के निदेशक डॉ ईश्वर सागर चंद्रवंशी ने बताया कि सोहरी चंद्रवंशी नर्सिंग स्कूल एवं अस्पताल की ओर से नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर नियमित अंतराल पर लगाने का निर्णय लिया गया है़ शीघ्र ही रेड क्रॉस सोसाइटी के सहयोग से उनके संस्थान में ब्लड डोनेशन कैंप लगाया जायेगा़ इसके माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक किया जायेगा़

प्रभात खबर अपनी रिपोर्ट पर कायम, कहां हैं इन सवालों के जवाब?

स्वास्थ्य मंत्री की संस्था रामचंद्र चंद्रवंशी वेलफेयर ट्रस्ट के निदेशक डॉ ईश्वर सागर चंद्रवंशी ने सोहरी चंद्रवंशी अस्पताल को लेकर रविवार को संवाददाता सम्मेलन किया. उन्होंने कहा कि सोहरी चंद्रवंशी अस्पताल चल रहा है. दरअसल, यह खबर प्रभात खबर ने छापी थी. हम आज भी अपने स्टैंड पर कायम हैं. संवाददाता सम्मेलन के बाद भी ये सवाल उठ रहे हैं :

1. सरकारी नियमों के अनुसार जीएनएम की पढ़ाई के लिए 100 बेड का अपना अस्पताल होना चाहिए, अगर अपना नहीं हो, तो तीन दूसरे अस्पताल के साथ टैग होना होता है. मंत्री के ट्रस्ट ने इंडि यन नर्सिंग काउंसिल को 15 मई, 2016 को भेजे अपने आवेदन में लिखा है कि उनका अपना 100 बेड का अस्पताल है और उसे झारखंड सरकार से 28 अप्रैल, 2016 को प्रोविजनल सर्टिफिकेट भी मिल गया है. लेकिन, अप्रैल से अगस्त, 2016 के बीच कितने लोगों का इलाज किया गया किन गंभीर बीमारियों का इलाज इस अस्पताल में किया गया, इसका कोई विवरण पेश नहीं किया.

2. प्रेस वार्ता में कहा गया है कि एक स्थायी चिकित्सक के साथ पांच विजिटिंग डॉक्टर बहाल किये गये हैं. इसमें आपात सेवा के साथ 24 घंटे रोगियों के लिए इलाज की व्यवस्था है. क्या 100 बेड का अस्पताल एक स्थायी चिकित्सक के भरोसे चल सकता है? विजिटिंग डॉक्टर का नाम भी नहीं बताया गया, न उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सामने लाया गया.

3. सरकारी नियमानुसार जीएनएम के लिए 100 बेड के अस्पताल में बेड का जो बंटवारा होना चाहिए, उसके अनुसार मेडिसीन विभाग के लिए 30, सर्जरी विभाग के लिए 30, शिशु विभाग के लिए 20, स्त्री रोग विभाग के लिए 30 और हड्डी विभाग के लिए 10 बेड की व्यवस्था अनिवार्य है, पर संवाददाता सम्मेलन में ट्रस्ट ने इसकी कोई जानकारी नहीं दी.

4. नियमानुसार अस्पताल का 75 प्रतिशत बेड भरा होना चाहिए, क्या ऐसा है?

5. अस्पताल में मेजर व माइनर ओटी, दांत, इएनटी, आंख, बर्न, नवजात बच्चों के इलाज के लिए सुविधा, फैलनेवाली बीमारी, कम्यूनिटी हेल्थ नर्सिंग, हृदय रोग, कैंसर, न्यू रोलॉजी व न्यूरो सर्जरी, नेफ्रोलॉजी, आइसीयू व आइसीसीयू की सुविधा होनी चाहिए. क्या यह सुविधा है? इनके अलावा अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों, उपलब्ध संसाधनों कर्मियों की संख्या और 100 बेड कमरों की संख्या की जानकारी भी प्रेस वार्ता में नहीं दी गयी.

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