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वाहनों के नदी में गिरने का बना रहता है खतरा

ऊंचाई और चौड़ाई बढ़ाने की लोगों ने की मांग जहानाबाद : एकंगरसराय सड़क मार्ग एनएच 110 पर निजामुद्दीनपुर-अलगना मोड़ के समीप दरधा नदी पर पुल का निर्माण कार्य कब पूरा होगा. क्या लोग खतरे को झेलते हुए डायवर्सन से गुजरने को विवश रहेंगे या इसका समाधान होगा? ये सवाल वर्षों से वाहन चालकों और कई […]

ऊंचाई और चौड़ाई बढ़ाने की लोगों ने की मांग
जहानाबाद : एकंगरसराय सड़क मार्ग एनएच 110 पर निजामुद्दीनपुर-अलगना मोड़ के समीप दरधा नदी पर पुल का निर्माण कार्य कब पूरा होगा. क्या लोग खतरे को झेलते हुए डायवर्सन से गुजरने को विवश रहेंगे या इसका समाधान होगा? ये सवाल वर्षों से वाहन चालकों और कई गांव के ग्रामीणों के जेहन में कौंध रहा है. अब बरसात का मौसम शुरू हो गया है. लोगों की मुश्किलें और चिंताएं बढ़ गयी हैं. दरधा नदी पर न तो पुल का निर्माण कार्य पूरा हो रहा है और न निर्माणाधीन पुल के बगल में बनाये गये डायवर्सन को सुदृढ़ करने की किसी को फिक्र है. फिलहाल स्थिति यह है कि पुल से सट्टे उत्तर वाहन के गुजरने के लिए जो डायवर्सन बना है, उसकी हालत ठीक नहीं है.
थोड़ी-सी बारिश होते ही डायवर्सन पर किचकिच हो जाने से पैदल यात्रियों के साथ-साथ छोटे-बड़े वाहन फिसलते हुए भय के माहौल में क्रॉस करते हैं. चालक सशंकित रहते हैं. उन्हें यह डर सताता रहता है कि कहीं वाहन फिसल कर नदी में न गिर जाये. अभी हल्की बारिश होते ही समस्या उभर गयी है. यदि समय रहते डायवर्सन को पूरी तरह दुरुस्त नहीं किया गया, तो अनहोनी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.
कई बार बह चुका है डायवर्सन : बरसात के दिनों में दरधा नदी उफान पर रहती है. पानी की तेज धार की भयावह स्थिति को देख कर कोई भी चालक डायवर्सन से वाहन नहीं ले जाना चाहता. विगत पांच साल में कम-से-कम 10 बार डायवर्सन ध्वस्त होकर बह चुका है.
उसके नष्ट होने से जहानाबाद-एकंगरसराय एनएच 110 पर सीधा संपर्क कई दफा भंग हो चुका है. ऐसी हालत में जाफरगंज-धनगावां के रास्ते लंबी दूरी तय कर लोग वाहनों से आवागमन करने को विवश रहते हैं. इस वर्ष भी बरसात के शुरुआती दौर में ही समस्या उभरने लगी है. थोड़ी-सी बारिश होते ही डायवर्सन पर फिसलन होने लगी है. यदि समय रहते इसमें सुधार नहीं किया गया तो इस बार भी लोगों की मुश्किलें और बढ़ जायेंगी. लोगों ने डायवर्सन की ऊंचाई और चौड़ाई बढ़ाने की मांग की है ताकि नदी में पानी बढ़ने पर भी डायवर्सन कुछ हद तक सुरक्षित रह सके और आवागमन बाधित न हो.
अधूरी योजना का प्रत्यक्ष प्रमाण है निजामुद्दीनपुर पुल : करीब सात वर्ष पूर्व ही निजामुद्दीनपुर अलगना के समीप दरधा नदी पर पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था. प्रारंभ में निर्माण कार्य तेजी शुरू किया गया. लेकिन पुल का एक पिलर बनने के बाद संवेदक ने लापरवाही बरती और जो काम बंद किया वो लंबे समय तक शुरू नहीं हुआ. ब्रिटिश शासन काल में ही निर्मित पुल की जर्जरता को देखते हुए उस पर बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गयी थी, जो आज तक बरकरार है.
विकल्प के रूप में दरधा नदी में डायवर्सन बनाया गया था, जो पिछले पांच-छह साल में हर बरसात में ध्वस्त होता रहा है. उसके निर्माण में अतिरिक्त राशि व्यय करनी पड़ती है. विलंब होते देख संवेदक को बदल दिया गया.
नये संवेदक के द्वारा पुल निर्माण में शुरू में तो तीव्रता लायी गयी, लेकिन फिर निर्माण कार्य शिथिल पड़ गया. बता दें कि उक्त पुल से जहानाबाद से हाजीपुर ,नोनही ,काको, बंधुगंज, तेलहाड़ा, एकंगरसराय होते लोग बिहारशरीफ(नालंदा) तक लोग आवागमन करते हैं. उक्त इलाके के सैकड़ों गांव के लोग पुल क्रॉस कर जहानाबाद आते हैं.

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