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हर हाल में 100 दिनों के अंदर दें डिग्री

बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) मुख्यालय व उसके अधीन आनेवाले कॉलेजों से विभिन्न पाठ्यक्रमों में नामांकन लेनेवाले विद्यार्थियों को परीक्षा के 100 दिनों के अंदर डिग्रियां उपलब्ध कराने का मामला एक बार फिर चर्चा में है. कुलाधिपति रामनाथ कोविंद ने भी 100 दिनों में डिग्रियों का वितरण कर देने के मामले पर गंभीरता दिखायी है. गुरुवार […]

बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) मुख्यालय व उसके अधीन आनेवाले कॉलेजों से विभिन्न पाठ्यक्रमों में नामांकन लेनेवाले विद्यार्थियों को परीक्षा के 100 दिनों के अंदर डिग्रियां उपलब्ध कराने का मामला एक बार फिर चर्चा में है. कुलाधिपति रामनाथ कोविंद ने भी 100 दिनों में डिग्रियों का वितरण कर देने के मामले पर गंभीरता दिखायी है. गुरुवार को गवर्नर हाउस में एमयू के रजिस्ट्रार सहित सूबे के सभी विश्वविद्यालयों के वरीय प्रतिनिधियों के साथ आयोजित विशेष बैठक में गवर्नर के प्रधान सचिव इएलएसएन बाला प्रसाद ने निर्देश दिया और 100 दिनों के अंदर स्टूडेंट्स को डिग्रियां उपलब्ध कराने को कहा.
इस पर एमयू के रजिस्ट्रार डॉ सीताराम सिंह ने कहा कि एमयू का एरिया सात जिलों में है. एमयू के अधीन 44 अंगीभूत कॉलेज, चार अल्पसंख्यक कॉलेज, 250 संबद्ध कॉलेज, 80 बीएड कॉलेज, दो डेंटल कॉलेज व दो इंजीनियरिंग कॉलेज हैं. उक्त शैक्षणिक संस्थानों के अलावा एमयू में रेगुलर मोड में सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स के 40 पाठ्यक्रमों व दूरस्थ मोड में 15 पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है. एक सत्र में करीब पांच लाख स्टूडेंट्स नामांकन लेते हैं और परीक्षा में शामिल होते हैं. एमयू में मौजूदा संसाधनों में यह मुश्किल है.
गवर्नर सचिवालय ने मांगी पदाधिकारियों की सूची
बैठक में एमयू के रजिस्ट्रार डॉ सीताराम सिंह से पूछा गया कि एमयू व उनके अधीन आनेवाले शैक्षणिक संस्थानों में ऐसे कितने ऑफिसर हैं, जिनकी पोस्टिंग को लेकर कुलपति से अनुमोदन प्राप्त नहीं है. वैसे पदाधिकारियों की पूरी सूची गवर्नर सचिवालय को उपलब्ध कराने का निर्देश मिला.
दूसरे मद में रुपये खर्च करने पर गंभीर
गवर्नर के प्रधान सचिव ने रजिस्ट्रार को निर्देश देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय को जिस किसी भी स्रोत से रुपये प्राप्त होते हैं, उन रुपयों का खर्च उसी मद में करें. साथ ही, आवंटित रुपयों से संबंधित उपयोगिता प्रमाणपत्र संबंधित विभागों में निर्धारित समय-सीमा में भेज दें. गवर्नर के प्रधान सचिव ने पेंशनरों के भुगतान से संबंधित मामले पर कहा कि नौकरी से रिटायर्ड करने के बाद उनके बकाये रुपये का भुगतान यथाशीघ्र करें.
एमयू में होगा रिड्रेसर सेल का गठन
प्रधान सचिव ने रजिस्ट्रार को निर्देश दिया कि एमयू में कोर्ट से संबंधित लंबित मामलों व मानवाधिकार आयोग से संबंधित लंबित मामलों के निबटारे के लिए एमयू में रिड्रेसर सेल का गठन किया जायेगा. इस सेल की अध्यक्षता प्रतिकुलपति प्रो (डॉ) कृतेश्वर प्रसाद करेंगे. रिड्रेसर सेल में उक्त सभी मामलों पर कार्रवाई की जायेगी और उक्त मामलों में विचार-विमर्श कर अपनी सहमति कुलपति प्रो (डॉ) माेहम्मद इश्तियाक को सौंपे.
जिला प्रशासन के कारण भी होती है दिक्कत
रजिस्ट्रार ने जिला प्रशासन के कारण भी डिग्री वितरण का काम प्रभावित होता है. उसके रवैये से एकेडमिक कैलेंडर व एग्जामिनेशन कैलेंडर को लागू करने में दिक्कत हो रही है. जब-जब मैट्रिक, इंटर व अन्य विभागों की प्रमुख परीक्षाओं का समय आता है, जिला प्रशासन उनके प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों को परीक्षाओं के आयोजन के कारण अपने कब्जे में ले लेता है. इसके अलावा चुनाव के समय एमयू के वरीय अधिकारियों को चुनाव के कामकाज में लगा दिया जाता है.

इन सभी का असर रिजल्ट प्रकाशन व डिग्री बांटने में होता है. प्रधान सचिव ने कहा कि छात्रहित में 100 दिनों में डिग्री देना बेहतर सोच है. इसे हर हाल में लागू करना है. उन्होंने एमयू के रजिस्ट्रार से कहा कि देश के नामी-गिरामी विश्वविद्यालयों से संपर्क करें. वहां 100 दिनों के अंदर विद्यार्थियों को कैसे डिग्री दी जाती है, उसकी प्रक्रिया जानें. प्रधान सचिव ने कहा कि कर्मचारियों की कमी पर हर वर्ष मार्च महीने पर विशेष रूप में चर्चा होगी. कर्मचारियों व शिक्षकों की कमी से संबंधित रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेंजे.

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