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ट्रेन से सीतामढ़ी जाना टेढ़ी खीर

रेलवे. शाम 6.10 बजे के बाद सीतामढ़ी जाने के लिये एक भी ट्रेन नहीं दरभंगा : यूं तो दरभंगा से जुड़े सभी खंडों के यात्रियों को इस समस्या से जूझना पड़ रहा है, पर सबसे अधिक परेशानी सीतामढ़ी खंड के यात्रियों को हो रही है. इस खंड पर सवारी गाड़ी की भारी किल्लत है. दोपहर […]

रेलवे. शाम 6.10 बजे के बाद सीतामढ़ी जाने के लिये एक भी ट्रेन नहीं

दरभंगा : यूं तो दरभंगा से जुड़े सभी खंडों के यात्रियों को इस समस्या से जूझना पड़ रहा है, पर सबसे अधिक परेशानी सीतामढ़ी खंड के यात्रियों को हो रही है. इस खंड पर सवारी गाड़ी की भारी किल्लत है. दोपहर से पहले एक सवारी गाड़ी मिलती है, इसके बाद सीधे शाम में ट्रेन है. अगर किसी कारणवश शाम की गाड़ी छूट गयी तो फिर दूसरे दिन सुबह तक यात्री को जंकशन पर इंतजार में ही गुजारना पड़ता है. इसके लिये कई बार विभाग के सामने आवाज उठायी गयी. समस्या से आजिज यात्रियों ने कई बार हो-हंगामा भी किया, लेकिन इसका महकमा के उपर कोई असर नहीं पड़ा. नतीजतन समस्या जस की तस पड़ी है.
शाम मेें सबसे अधिक परेशानी
सीतामढ़ी खंड पर शाम 6.10 बजे 75227 नंबर की डीएमयू पैसेंजर ट्रेन दरभंगा से जाती है. इसके बाद कोई दूसरी गाड़ी नहीं है. सीधे अगले दिन अहले सुबह ट्रेन है. लिहाजा यात्रियों के लिये इस ट्रेन की अहमियत का सहज अनुमान लगाया जा सकता है. पहले यह गाड़ी सीतामढ़ी की ओर से आती थी और फिर वापस लौट जाती थी. इस बीच कोच डाइग्राम में बदलाव किया गया. वहां से आनेवाली गाड़ी समस्तीपुर चली जाती है और समस्तीपुर से आनेवाली सवारी गाड़ी सीतामढ़ी के लिये प्रस्थान करती है. इस कारण प्राय: नित्य यह लेट रहती है. फलत: यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है.
कई बार हो चुका हंगामा
प्रमंडलीय मुख्यालय होने तथा शिक्षा व चिकित्सा का हब होने के कारण उस क्षेत्र से बड़ी संख्या में यात्रियों का आगमन होता है. कामकाजी लोग भी ट्रेन से सफर करते हैं. जाहिर है ट्रेन में काफी भीड़ होती है. उसमें भी नये डीएमयू रेक में मात्र पांच बोगियां ही हैं. समस्या से आजिज यात्रियों ने कई बार जंकशन पर बवाल मचाया है, बावजूद विभाग ने इसे दूर करने की परिणामदायी पहल नहीं की. यात्रियों के गुस्से का शिकार जंकशन के बेकसूर कर्मियों को होना पड़ता है. हालांकि इसके लिये फिर से स्टेशन अधीक्षक मंडल परिचालन प्रबंधक को पत्र लिख रहे हैं.
इस खंड पर डीएमयू रेक का परिचालन जब शुरू हुआ तो यात्रियों के बीच उम्मीद जगी कि अब सवारी गाड़ी का टोटा कम होगा. सुविधा मिलेगी, लेकिन हुआ उल्टा. समस्या कम होने के बदले परेशानी बढ़ ही गयी. रेलवे ने पहले से चल रही सवारी गाड़ी की जगह इसका परिचालन आरंभ कर दिया. न गाड़ी की गति बढ़ी और न ही फेरा में ही इजाफा हुआ.
बोगी कम होने से परेशानी बड़ी हो गयी. इस संबंध में समस्तीपुर रेल मंडल के जनसंपर्क पदाधिकारी सह वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक बीएनपी वर्मा का कहना है कि पैसेंजर ट्रेन की रेक के लिये मुख्यालय को लिखा जा चुका है. वहां से इसकी उपलब्धता के साथ ही निर्देश मिलने पर सुविधा में विस्तार किया जायेगा.

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