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नारद स्टिंग : तृणमूल कांग्रेस के 12 नेताओं पर केस

सीबीआइ ने दर्ज की प्राथमिकी, आपराधिक षड्यंत्र व भ्रष्टाचार का मामला नारद मामले में तृणमूल कांग्रेस के इन नेताओं पर दर्ज हुआ है एफआइआर नारद स्टिंग मामले में सीबीआइ ने तृणमूल कांग्रेस के 12 प्रमुख नेताओं और एक आइपीएस अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज कर लिया है. अदालत के निर्देश […]

सीबीआइ ने दर्ज की प्राथमिकी, आपराधिक षड्यंत्र व भ्रष्टाचार का मामला
नारद मामले में तृणमूल कांग्रेस के इन नेताओं पर दर्ज हुआ है एफआइआर
नारद स्टिंग मामले में सीबीआइ ने तृणमूल कांग्रेस के 12 प्रमुख नेताओं और एक आइपीएस अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज कर लिया है. अदालत के निर्देश पर प्राथमिक जांच पूरी करने के बाद जांच एजेंसी ने एफआइआर दर्ज किया. प्राथमिकी में घटनास्थल पूर्व मेदिनीपुर के हल्दिया व राज्य के िवभिन्न जगहों को बताया गया है. तृणमूल के नेताओं, मंत्रियों व सांसदों पर एक फर्जी कंपनी को मदद पहुंचाने की एवज में रिश्वत लेने के आरोप हैं.
कोलकाता : नारद स्टिंग मामले में सीबीआइ ने सोमवार को कैमरे पर कथित तौर पर रिश्वत लेते देखे गये 13 आरोपियों व अन्य के खिलाफ सोमवार को प्राथमिकी दर्ज कर ली. आरोपियों में राज्य के मंत्री, तृणमूल सांसद, विधायक व एक आइपीएस अधिकारी शामिल हैं. पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री व सांसद मुकुल राय, पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद सुल्तान अहमद, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद सौगत राय, परिवहन मंत्री शुभेंदू अधिकारी, सांसद काकोली घोष दस्तीदार, सांसद प्रसून बनर्जी, कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी, पूर्व परिवहन मंत्री मदन मित्रा, विधायक व डिप्टी मेयर इकबाल अहमद, शहरी विकास मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस सांसद अपूर्वा पोद्दार व पुलिस अधिकारी सईद मो. हसन मिर्जा के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया गया है.
गौरतलब है कि 17 मार्च को कलकत्ता हाइकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे और न्यायाधीश तपोव्रत चक्रवर्ती की पीठ ने नारद मामले की सीबीआइ जांच का निर्देश दिया था. अदालत ने केंद्रीय जांच एजेंसी को प्राथमिक जांच पूरी करने के बाद जरूरत पड़ने पर एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू करने का निर्देश दिया था. हाइकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा व सीबीआइ को एक माह के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. उच्च न्यायालय ने 72 घंटे के अंदर प्राथमिक जांच पूरी करने का निर्देश दिया था, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इसे बढ़ा कर एक माह कर दिया. सोमवार को एक माह की डेडलाइन समाप्त होने से पहले सीबीअाइ ने 13 आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दायर कर दिया.
क्या है नारद स्टिंग मामला
अप्रैल, 2016 में सामने आया था स्टिंग
राज्य विधानसभा चुनाव से पहले न्यूज पोर्टल नारद डॉट कॉम ने तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख नेताओं द्वारा कथित तौर पर घूस लेने की वीडियो क्लिप जारी की. नारद न्यूज का दावा था कि यह स्टिंग ऑपरेशन दो वर्ष पहले लोकसभा चुनाव से पूर्व किया गया था. वेबसाइट ने तृणमूल कांग्रेस के 12 शीर्ष नेताओं को (जिनमें कई सांसद, मेयर, मंत्री व पुलिस अधिकारी थे), एक फर्जी कंपनी इम्पैक्स कंसल्टेंसी के प्रतिनिधि से कथित रूप से रुपये लेते दिखाया था. हालांकि यह स्पष्ट नहीं था कि वे रुपये क्यों ले रहे थे ? मुकुल सहित तृणमूल नेताओं को बोलते दिखाया गया था. नारद के वीडियो में कथित रूप से मेयर शोभन चटर्जी को यह बोलते सुना गया था कि वह प्रतिनिधियों को चुनाव के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिला देंगे. उन्हें ली गयी रकम को तौलिया में लपेटते हुए दिखाया गया था. वहीं, मुकुल राय ने अपने विश्वस्त सहयोगी को रकम देने की बात कही थी. मंत्री फिरहाद हकीम ने कथित तौर पर कहा था कि वह छोटी रकम नहीं लेते. नारद के सीइओ मैथ्यू सैमुअल ने यह स्टिंग किया था.
राजनीतिक रूप से करेंगे मुकाबला : ममता
कोलकाता. नारद मामले में एफआइआर होने से राज्य की राजनीति गरमा गयी है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है. विपक्षी दल जहां इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस को घेरने लगे हैं, वहीं सत्ताधारी दल भी अपने तरीके से इस मुद्दे पर जवाब दे रहा है. खुद तृणमूल सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी की ओर से मोरचा संभाल लिया है. उन्होंने इसे (नारद मामले में केस दर्ज होने का मामला) एक राजनीतिक खेल बताया व राजनीतिक रूप से इसका मुकाबला करने की बात कही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है. यह एक राजनीतिक खेल है. पहले कुछ साबित तो हो. एफआइआर करने से ही सब प्रमाणित नहीं हो जाता है.
किन पर है आरोप
पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल राय ( 20 लाख रुपये लेने), पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी ( 5 लाख), सांसद सुल्तान अहमद (5 लाख), पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद सौगत राय (5 लाख), सांसद व मंत्री शुभेंदू अधिकारी (5 लाख), सांसद काकोली घोष दस्तीदार (4 लाख), सांसद प्रसून बनर्जी (4 लाख), मेयर शोभन चटर्जी ( 5 लाख), पूर्व परिवहन मंत्री मदन मित्रा (5 लाख)विधायक इकबाल अहमद (5 लाख), शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम (5 लाख) पुलिस अधिकारी सईद मो. अहमद मिर्जा पर 5 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप हैं. दूसरे स्टिंग में तृणमूल सांसद अपूर्वा पोद्दार का नाम आया था.
नारद स्टिंग मामले में आइपीएस सईद मो. हसन मिर्जा का भी नाम आया है. सीबीआइ ने उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की है.
किस धारा के तहत केस
आइपीसी की धारा 120(बी) (अापराधिक षड्यंत्र रचने) व भ्रष्टाचार निरोधी कानून की धारा सात और 13(2) 13 (1) (डी) व सेक्शन सी के तहत मामले दायर किये गये हैं.
किसने क्या कहा
सीबीअाइ द्वारा एफआइआर करने का मैं स्वागत करता हूं. इससे जांच शुरू हो जायेगी व भ्रष्टाचार में लिप्त कुछ लोगों की तसवीर सामने आ जायेगी, जो अभी तक षड्यंत्र रचने का आरोप लगा रहे थे.
मैथ्यू सैमुअल, सीइओ, नारद न्यूज.
सीबीआइ द्वारा एफआइआर दायर किये जाने की संभावना थी. इस पर आम लोगों की निगाहें टिकी हुई थीं. उम्मीद है कि इस मामले में न्याय मिलेगा. तृणमूल कांग्रेस ने वीडियो पर संदेह जताया था, लेकिन अदालत ने उसे खारिज कर दिया था.
दिलीप घोष, अध्यक्ष, प्रदेश भाजपा.
केवल सीबीअाइ द्वारा एफआइआर किये जाने को देखने से नहीं होगा. पार्टी को जो करना होगा करेगी. पार्टी विचार करेगी. बल्कि इसके पीछे उनकी मंशा क्या है तथा इसका समय क्या है. इसे लेकर आम लोगों में संदेह पैदा होता है कि इस समय क्यों किया गया है.
पार्थ चटर्जी, महासचिव, तृणमूल कांग्रेस.
एफआइआर दायर करना अवश्यंभावी था. राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में मामला दायर कर रोकने की कोशिश की थी, लेकिन इससे सीबीआइ को और भी समय मिल गया था. उम्मीद है कि जांच रोकने में राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होगा
विकास रंजन भट्टाचार्य, पूर्व मेयर, माकपा नेता.
नारद मामले के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह गलत है, लेकिन अब एफआइआर के बाद वह क्या कहेंगी. पूरे देश में बंगाल की छवि को नुकसान पहुंचा है.
अधीर रंजन चौधरी, अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस

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