एचएमआइ के 30-35 सदस्य भी इस ग्रुप के साथ थे. ट्रेकिंग से लौटने के क्रम में इन लोगों ने गोक में कैंप लगा रखी थी. बुधवार की रात को खाना खाने की सूचना जैसे ही मिली, उसी समय सुभन छेत्री (15) अपनी टेंट में थाली आदि लाने चला गया. उस दौरान टेंट में ग्यालसेन दोरजी (15) नामक छात्र भी था. दोनों ही स्कूल में दसवीं कक्षा के छात्र हैं. इसी दौरान दोनों के बीच वाद-विवाद हुआ और ग्यालसेन दोरजी ने सुभन छेत्री पर चाकू से हमला कर दिया. इस हमले में सुभन बुरी तरह से घायल हो गया. स्कूल के लोगों ने उसे बरामद किया और ताबड़तोड़ अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की. मृतक सुभन के फूफा दिवाकर छेत्री ने कहा है कि दार्जिलिंग में किसी ने भी घायल सुभन की चिकित्सा नहीं की. वह लोग आनन-फानन में सुभन को सिलीगुड़ी के निकट उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज लेकर आये. यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. छेत्री ने इसके लिए स्कूल प्रबंधन को कटघरे में खड़ा किया है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि जिस ग्यालसेन दोरजी नामक छात्र ने सुभन की हत्या की, वह पहले से ही नशे में धुत्त था. उसके टेंट से शराब की बोतलें पायी गयी हैं. उन्होंने इस अभियान के दौरान स्कूल द्वारा किये गये सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवालिया निशान खड़ा किया. उन्होंने कहा कि यह घटना पूरी तरह से सेंट जोसेफ स्कूल प्रबंधन की लापरवाही से हुई है. ट्रेकिंग के दौरान आखिर एक छात्र शराब का जुगाड़ कैसे कर सकता है. हत्या का आरोपी छात्र ग्यालसेन दोरजी पड़ोसी देश भूटान का रहने वाला है.
इस मामले को लेकर मृतक सुभन की फूआ शर्मिला छेत्री ने पुल बाजार थाने में शिकायत दर्ज करायी है. पुल बाजार थाना पुलिस ने हत्या के आरोपी किशोर को अपनी हिरासत में ले लिया है. इधर, स्कूल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस टीम के सभी सदस्य एक फरवरी को ट्रेकिंग के लिए संदकफू रवाना हुए थे. ट्रेकिंग का कार्यक्रम खत्म होने के बाद सभी लोग दार्जिलिंग वापस लौट रहे थे.
इसी दौरान संदकफू के निकट गोक में टेन्ट लगाकर सभी रुके हुए थे. इसी स्थान पर इतनी बड़ी घटना घट गयी. स्कूल के प्रिंसिपल फादर साजूमोन का कहना है कि हर वर्ष ही स्कूल की ओर से इस प्रकार का आयोजन किया जाता है. स्कूल के बच्चे एचएमआइ के सहयोग ट्रेकिंग के लिए जाते हैं. स्कूल के 115 बच्चों को तीन ग्रुपों में बांट कर ट्रेकिंग के लिए ले जाया गया था. ट्रेकिंग के दौरान सबकुछ ठीक रहा. आने के क्रम में ऐसी दुखद घटना घट गयी. उन्होंने कहा कि इन दोनों ही छात्रों को चार वर्ष पहले स्कूल में भरती कराया गया था. इससे पहले दोनों के बीच कभी भी मारपीट की कोई घटना नहीं घटी थी.