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बोकारो : प्रेम कहानी का सुखद अन्त, शादी से पहले जन्मे बच्चे को पाने के लिए किया विवाह

बोकारो : बालीडीह के सिजुवा निवासी रूपेश सोरेन व सिमडेगा निवासी विश्वासी बारला का प्रेम प्रसंग गोवा में हुआ और वहीं दोनों के बच्चे का जन्म भी हुआ. इसके बाद इनके जीवन में नया मोड़ उस समय आया जब शादी के पहले पिता बने युवक ने लोक लाज के डर से बालीडीह थाना क्षेत्र के […]

बोकारो : बालीडीह के सिजुवा निवासी रूपेश सोरेन व सिमडेगा निवासी विश्वासी बारला का प्रेम प्रसंग गोवा में हुआ और वहीं दोनों के बच्चे का जन्म भी हुआ. इसके बाद इनके जीवन में नया मोड़ उस समय आया जब शादी के पहले पिता बने युवक ने लोक लाज के डर से बालीडीह थाना क्षेत्र के सिजुवा रेलवे क्रॉसिंग के पास तीन माह पूर्व अपने बच्चे को फेंक दिया.
इसके बाद बच्चा किसी तरह बाल कल्याण समिति बोकारो के पास पहुंच गया. यहां से उसे रांची की एक विशेष दत्तक एजेंसी को सौंप दिया गया. गुरुवार को बाल कल्याण समिति बोकारो की अनुशंसा पर उक्त बच्चे के माता-पिता विशेष दत्तक एजेंसी, रांची से बच्चे को प्राप्त कर गुरुवार को बाल कल्याण समिति बोकारो के समक्ष उपस्थित हुए.
नवजात को अपने पास रखने के लिए बालिग प्रेमी युगल ने शादी भी कर ली है. इसके बाद आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करने पर नवजात को उसके माता-पिता के हवाले गुरुवार को किया गया. इस संबंध में सीडब्ल्यूसी बोकारो के सदस्य प्रभाकर ने बतायाकि सीडब्ल्यूसी 15 दिन के अंतराल पर नवजात के लालन-पोषण से संबंधित जानकारी लेता रहेगा. नवजात की देखभाल में कोताही बरतने पर माता-पिता पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
क्या है मामला : रूपेश सोरेन और विश्वासी बारला गोवा में मजदूरी करने के दौरान साथ रहते थे. दोनों के बीच प्रेम प्रसंग हुआ और युवती गर्भवती हो गयी. गोवा में ही युवती सात जनवरी को बिन ब्याही मां बन गयी. युवती से शादी करने की बात कह कर युवक उसे 21 जनवरी को नवजात के साथ गोवा से बोकारो लाया. सिजुवा गांव के निकट युवती नवजात को युवक के पास छोड़‍ कर लघुशंका को गयी. इस दौरान युवक ने मौका देख कर नवजात को रेलवे लाइन पर फेंक कर फरार हो गया. युवती लौटी और युवक व नवजात की काफी खोजबीन की. दोनों का कुछ पता नहीं चला तो युवती ने एक स्थानीय महिला को अपना दुखड़ा सुनाया. युवती ने उसे अपना मोबाइल नंबर दिया और सिमडेगा चली गयी.
रेल कर्मी को मिला था नवजात : वह नवजात एक रेलवे कर्मी को मिला तो उसने उसे बालीडीह थाना के हवाले कर दिया था. पुलिस ने नवजात को सीडब्ल्यूसी के हवाले कर दिया. इसके बाद नवजात को विशेष दत्तक एजेंसी रांची भेज दिया गया था. दूसरे दिन नवजात के बरामद होने का खबर अखबार में प्रकाशित हुई. सिजुवा निवासी महिला ने युवती को मोबाइल पर इस बात की सूचना दी. दूसरे दिन युवती बोकारो आयी. अपने नवजात बच्चे को गोद लेने का प्रयास युवती कर रही थी. युवती ने प्रेमी रूपेश को भी खोजा.
समाज की मौजूदगी में हुआ विवाह : समाज व गांव वालों की मौजूदगी में दोनों का विवाह कराया गया. मुखिया समेत गांव के लोगों नेयुवक व युवती के बालिग होने का कागजात व पति-पत्नी होने का दावा पेश किया. इसके बाद बाल कल्याण समिति की अनुशंसा पर तीन माह के बाद नवजात को माता-पिता के हवाले किया गया. बच्चे के माता-पिता ने बच्चे को ठीक से रखने का शपथ पत्र भी दायर किया है.

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