माहौल गमगीन . डिलिया गांव में शव देखने को लेकर लोगों की उमड़ी भीड़
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दो बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
माहौल गमगीन . डिलिया गांव में शव देखने को लेकर लोगों की उमड़ी भीड़ आरा : बीएसएफ के एएसआइ सुरेंद्र शर्मा का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक गांव जगदीशपुर थाना क्षेत्र के डिलियां गांव पहुंचा, पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया. परिजनों के रोने की आवाज सुन कर आस- पड़ोस के लोग इकट्ठे […]
आरा : बीएसएफ के एएसआइ सुरेंद्र शर्मा का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक गांव जगदीशपुर थाना क्षेत्र के डिलियां गांव पहुंचा, पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया. परिजनों के रोने की आवाज सुन कर आस- पड़ोस के लोग इकट्ठे हो गये. किसी को विश्वास भी नहीं हो रहा था कि एक सप्ताह पहले सुरेंद्र शर्मा यहीं से गये हैं और इस तरह की घटना कैसे हो गयी. परिजनों के रोने- बिलखने की आवाज सुन कर आस- पड़ोस के लोग ढांढ़स बंधा रहे थे. 21 मार्च को सुरेंद्र शर्मा गांव से अपने ड्यूटी पर योगदान करने गये थे. सात दिन के बाद उनके शव को लेकर बीएसएफ के अधिकारी उनके गांव पहुंचे. लोगों को इस बात का यकीन नहीं हो रहा था कि सुरेंद्र शर्मा अपने से खुदखुशी कर सकते हैं. लोगों में इस बात की चर्चा थी कि इतना जिंदा दिल इनसान ऐसा कर ही नहीं सकता.
हालांकि परिजन इस घटना को लेकर असमंजस की स्थिति में पड़े हुए हैं. परिजन पूरे घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं. पत्नी रीता देवी द्वारा स्थानीय थाने में आवेदन भी दिया गया है.
पत्नी को यकीन नहीं हो रहा था कि पति खुदखुशी कर सकते हैं : बीएसएफ के एएसआइ सुरेंद्र शर्मा के मौत के बाद शव के साथ लिपट कर रो रही पत्नी रीता देवी को जरा सा भी विश्वास नहीं हो रहा था कि उनके पति आत्म हत्या कर सकते है. वह बार- बार चिल्ला- चिल्ला कर कह रही थी कमांडेंटवे हमरा पति के हत्या करवले बा. घटना के दिन पत्नी से फोन पर सुरेंद्र शर्मा ने पूरी घटना की जानकारी दी थी. उसने बताया था कि साजिश के तहत मुझे बॉर्डर पर भेजा गया है. पत्नी ने बताया कि मेरे पति बांग्लादेश में बॉर्डर पर हो रहे तस्करी के विरुद्ध हमेशा बोलते रहते थे. यही वजह है कि कमांडेंट द्वारा मेरे पति की हत्या करायी गयी है. सुरेंद्र शर्मा को दो पुत्र है. बड़ा बेटा आशीष की आंखों से आंसुओं की धारा बह रही थी और छोटा अपने भाई को देख कर रोये जा रहा था. इस दृश्य को देख कर लोग यह कह रहे थे कि क्या भगवान यह तूने क्या कर डाला…
दो बच्चों के सिर से उठा पिता का साया : इस घटना के बाद बीएसएफ के एएसआइ सुरेंद्र शर्मा का परिवार पूरी तरह टूट चुका है. दो बच्चों के सिर से पिता का साया सादा के लिए उठ गया. बड़ा बेटा आशीष को सरकारी नौकरी के लिए पढ़ा रहे थे. छोटे बेटे को भी पढ़ा- लिखा कर पदाधिकारी बनाना चाहते थे. पर यह सपना साकार होने से पहले ही टूट गया. शव के साथ लिपट कर दोनों पुत्रों के मुंह से यह आवाज बार- बार निकल रही थी. यह दृश्य देख कर हर किसी का कलेजा फटा जा रहा था. पत्नी रीता देवी, बहन फुलवंती देवी, बहनोई अनुज चौधरी दोनों बेटे के अलावे तमाम परिजन इस घटना के लिए कमांडेंट को दोषी ठहरा रहे हैं.
नहीं दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
इसे दुर्भाग्य कहे या विडंबना देश की सेवा में जान न्योछावर करनेवाले एएसआइ सुरेंद्र शर्मा के शव को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया. शव के साथ आये एएसआइ शैलेश तिवारी ने कहा कि सुसाइड केस में गॉर्ड ऑफ ऑनर देने का रूल नहीं है, लेकिन बीएसएफ की तरफ से हमलोग वह सारी प्रक्रिया पूरी करेंगे, जो नियम कहता है. जब उनसे पूछा गया कि परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है, तो उन्होंने कहा कि आरोप के बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता. इस दौरान जगदीशपुर के एसडीओ बाल मुकुंद प्रसाद, सीओ, बीडीओ, थानाध्यक्ष जगदीशपुर के अलावे जगदीशपुर के पूर्व विधायक भाई दिनेश भी पहुंचे थे.
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