बंधकों की रिहाई के साथ युद्धविराम समझौता लागू, लेकिन क्या गाजा में आ पाएगी स्थायी शांति? असमंजस अब भी बरकरार

Will Israel Hamas Truce bring Peace: दोनों और से बंधकों की रिहाई के बाद इजरायल और हमास के बीच युद्ध फिलहाल के लिए समाप्त हो चुका है. लेकिन क्या यह स्थाई शांति ला सकता है?

By Anant Narayan Shukla | October 14, 2025 11:28 AM

Will Israel Hamas Truce bring Peace: इजरायल और हमास के बीच दो साल से जारी युद्ध समाप्ति की राह पर चल चुका है. सोमवार को इजरायल और हमास ने सोमवार को बंधकों तथा कैदियों को रिहा कर गाजा युद्धविराम समझौते के पहले महत्वपूर्ण चरण को आगे बढ़ाया, जिसने उम्मीद जगायी है कि अमेरिका की मध्यस्थता से हुआ यह समझौता शायद दो साल से जारी उस युद्ध को स्थायी रूप से समाप्त कर सके, जिसने गाजा को मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया है. हालांकि, हमास के निरस्त्रीकरण, गाजा के शासन और फलस्तीन को राष्ट्र के रूप में मान्यता देने जैसे जटिल मुद्दे अब भी अनसुलझे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह समझौता फिलहाल केवल युद्ध को रोकने का अस्थायी उपाय है.

इस युद्ध की शुरुआत सात अक्टूबर 2023 को हमास के हमले से हुई थी, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और हमास ने 251 इजरायली लोगों को बंधक बना लिया गया. इजरायल की जवाबी कार्रवाई में 67,000 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें आम नागरिक भी शामिल हैं. दो साल तक हमास की कैद में रहे बंधकों की रिहाई पर पूरे इजरायल में जश्न मनाया गया. वहीं, इजरायल ने लगभग 1,900 फलस्तीनी कैदियों को छोड़ा, जिनमें से 250 उम्रकैद की सजा काट रहे थे. मिस्र में आयोजित सम्मेलन में ट्रंप, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और अन्य देशों के नेताओं ने गाजा के भविष्य पर चर्चा की.

दोनों ओर से हुई कैदियों की रिहाई

अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से पेश की गई 20 सूत्रीय योजना के पहले चरण में दोनों पक्षों ने कैदियों की रिहाई को आगे बढ़ाया है. गाजा में रिहा कैदियों की वापसी पर खुशी दिखी, लेकिन वहां की स्थिति अब भी दयनीय है. शहर मलबे में बदल चुका है, अर्थव्यवस्था बर्बाद है और पुनर्निर्माण में वर्षों लग सकते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते का जश्न मनाने के लिए पश्चिम एशिया की यात्रा की. इजरायली संसद में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि अब समय है कि इस युद्ध की जीत को शांति और समृद्धि में बदला जाए. मिस्र में उन्होंने अन्य विश्व नेताओं के साथ बैठक की, ताकि समझौते के अगले चरणों को लागू किया जा सके.

इजरायल के लिए 20 जीवित बंधकों की रिहाई ने उत्साह और राहत का माहौल रहा, लेकिन उनके लौटने के बाद युद्ध समाप्त करने का दबाव अब घट सकता है, जिससे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को समझौते के अगले चरणों को आगे बढ़ाने का समय मिल सकता है. समझौते के पहले चरण के तहत इजरायल को चार मृत बंधकों के शव भी मिले हैं तथा 24 और लौटाए जाने हैं. इसके लिए गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने का वादा किया गया है.

ट्रंप ने निभाई बड़ी भूमिका

इस शांति समझौते को लागू करवाने में डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा हाथ रहा. ट्रंप नेतन्याहू से नाराज थे, क्योंकि उन्होंने युद्ध को लंबा खींचा और अंत समय में कतर पर भी हमला कर दिया, जो पश्चिम एशिया में अमेरिका का सबसे खास दोस्त है. अमेरिका का सबसे बड़ा एयर बेस भी इसी देश में है. ऐसे में नेतन्याहू के पास ट्रंप की बात मानने के अलावा कोई चारा नहीं था. वहीं ट्रंप ने हमास को भी भरपूर धमकी दी. उन्होंने उसको पूरी तरह से समाप्त करने की चेतावनी दी, अगर वह पीस प्लान पर राजी नहीं होता है तो. ट्रंप की घुड़की ने दोनों पर असर किया और शांति समझौता लागू हो गया. अरब देश और तुर्की के साथ यूरोपीय देशों ने भी इसमें सकारात्मक भूमिका निभाई. 

क्या गाजा में आ पाएगी शांति?

इस समझौते को लागू करवाने के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और मिस्र की यात्रा की. उन्होंने इजरायली संसद (नेसेट) को भी संबोधित किया. इस दौरान बेंजामिन नेतन्याहू ने संसद में कहा कि यह समझौता “हमारे सभी लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए युद्ध को समाप्त करता है.” बहरहाल, आलोचकों ने उन पर युद्ध को राजनीतिक कारणों से लंबा खींचने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने नकार दिया. हालांकि इस योजना से क्या शांति आएगी? क्योंकि इजरायली प्रधानमंत्री ने हमास को पूरी तरह समाप्त करने की घोषणा की थी, जबकि हमास ने भी इजरायल के अस्तित्व तक लड़ाई लड़ने का ऐलान किया था. फिलहाल गाजा के आम निवासी अपने घर लौट रहे हैं, एक शांति की आस में, जो केवल जुबान और कागजों पर हुए हस्ताक्षर की आशा पर निर्भर है. 

ये भी पढ़ें:-

बिना अपराध अमेरिका में 43 साल जेल में बिताया, रिहा होने के बाद भारतीय मूल के व्यक्ति के लिए खड़ी हुई नई मुश्किल, जानें क्या है मामला

मचाडो के नोबेल प्राइज पर मादुरो को आया गुस्सा, वेनेजुएला ने नॉर्वे-ऑस्ट्रेलिया में बंद किया दूतावास, इन दो देशों में खोले नए राजनयिक मिशन

क्या चीन का रेयर मिनरल्स पर बैन का PAK-US दोस्ती से है कोई संबंध? ड्रैगन ने दिया ये जवाब