Why Terrorists Only Muslims: क्या केवल मुसलमान होते हैं आंतकवादी? UN के किस बात पर भड़का पाकिस्तान

Why Terrorists Only Muslims: पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादी सूची पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें सिर्फ मुस्लिम नाम शामिल हैं, जबकि गैर-मुस्लिम चरमपंथी बच निकलते हैं. इस्लामाबाद ने इसे मुसलमानों को बदनाम करने की कोशिश बताया और भारत पर पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया.

By Aman Kumar Pandey | August 21, 2025 2:12 PM

Why Terrorists Only Muslims: आतंकवाद को पनाह देने के लिए कुख्यात पाकिस्तान एक बार फिर विवादों में है. इस बार इस्लामाबाद ने संयुक्त राष्ट्र (UN) की आतंकवादियों की सूची पर ही सवाल खड़े कर दिए. पाकिस्तान का कहना है कि इस सूची में केवल मुसलमानों के नाम शामिल हैं, जबकि गैर-मुस्लिम आतंकी और चरमपंथी इससे बाहर रखे जाते हैं.

इस्लामाबाद का दावा: मुस्लिमों को बदनाम करने की साजिश

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार ने सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक के दौरान आरोप लगाया कि संगठन की सूची में हर नाम मुस्लिम है, जबकि अन्य धर्मों से जुड़े चरमपंथी बच निकलते हैं. उन्होंने कहा, “यह समझ से परे और अस्वीकार्य है कि सूची में कोई भी गैर-मुस्लिम नाम नहीं है.” इफ्तिखार के मुताबिक, यह इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम करने की सुनियोजित कोशिश है.

इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान में इंटरनेट बंद, मचा हड़कंप, जानें क्या है वजह? 

दक्षिणपंथी चरमपंथ पर ध्यान खींचने की कोशिश

पाकिस्तानी दूत ने यह भी कहा कि आज दुनिया भर में दक्षिणपंथी चरमपंथ और फासीवादी आंदोलनों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इन्हें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के रूप में मान्यता नहीं दी जा रही. उन्होंने UNSC से अपील की कि आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए प्रतिबंध प्रणाली में बदलाव कर नए और उभरते खतरों को शामिल किया जाए.

इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान-तालिबान के बीच उतरा चीन, लेकिन क्यों? भारत ने जताई कड़ी आपत्ति

गैर-मुस्लिमों के लिए नरम रवैये का आरोप

इफ्तिखार ने कहा कि अक्सर गैर-मुस्लिमों की हिंसक गतिविधियों को आतंकवाद न मानकर केवल अपराध की श्रेणी में रखा जाता है. जबकि हकीकत यह है कि आतंकवाद किसी धर्म, जातीयता या राष्ट्र से जुड़ा नहीं है और इसे किसी एक समुदाय तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए.

भारत पर लगाए गंभीर आरोप

अपने बयान में पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने भारत को भी निशाना बनाया. उन्होंने आरोप लगाया कि नई दिल्ली पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों को आर्थिक और रणनीतिक मदद देती है. इसके अलावा उन्होंने अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और बलूच विद्रोही समूहों की मौजूदगी का हवाला दिया. पाकिस्तानी दूत का दावा है कि लगभग 6000 लड़ाकों वाला TTP, अफगानिस्तान से संचालित होकर पाकिस्तान पर हमले करता है.

इसे भी पढ़ें: पापा मैं आपकी बेटी हूं मुझे माफ कर दीजिए, पिता बना ‘जल्लाद’, कुल्हाड़ी से हत्या

विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान का यह बयान उसकी पुरानी रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह खुद पर लगे आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोपों से ध्यान हटाने की कोशिश करता है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय पहले ही पाकिस्तान पर कई बार आरोप लगा चुका है कि उसने आतंकी संगठनों को पनाह दी है और उनकी वित्तीय मदद की है. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र में दिया गया यह तर्क पाकिस्तान की “छवि सुधारने” की कोशिश से ज्यादा कुछ नहीं लगता.

इसे भी पढ़ें: जेल में तड़प रहीं इमरान खान की पत्नी, 15 किलो वजन घटा, भूख, अंधेरे और चूहों के बीच बीत रहे दिन