तुरंत और अनिश्चित काल के लिए इमिग्रेशन पर रोक, वाशिंगटन DC हमले के बाद अफगानों के लिए ट्रंप प्रशासन का फैसला
Washington DC Firing Donald Trump order: अमेरिका में राजधानी वाशिंगटन डीसी में बुधवार (भारतीय समयानुसार गुरुवार) को व्हाइट हाउस के पास फायरिंग हुई, जिसमें 2 नेशनल गार्ड घायल हो गए. इस हमले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बेहद गुस्से में नजर आए. उन्होंने हमलावर को अफगान नागरिक बताया और इसके बाद तुरंत अफगान नागरिकों की इमिग्रेशन प्रक्रियाओं को तत्काल और अनिश्चितकाल के लिए रोकने का आदेश दे दिया है.
Washington DC Firing Donald Trump order: गुरुवार को व्हाइट हाउस के पास हुई एक गोलीबारी की घटना के बाद आई है, जिसमें दो नेशनल गार्ड कर्मी घायल हो गए थे. यह हमला कथित रूप से एक अफगान नागरिक द्वारा किया गया था. इसके तुरंत बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने अफगान नागरिकों के लिए सभी प्रकार की इमिग्रेशन प्रक्रियाओं को तत्काल और अनिश्चितकाल के लिए रोकने का आदेश दे दिया है. अधिकारियों ने इसके पीछे मौजूदा सुरक्षा और वेटिंग (जांच) प्रक्रियाओं की व्यापक समीक्षा की आवश्यकता को कारण बताया है. इस फैसले के बाद वीजा आवेदन, शरण (असाइलम) के दावे और अफगानों के लिए अन्य सभी इमिग्रेशन रास्ते तब तक स्थगित रहेंगे, जब तक यह मूल्यांकन पूरा नहीं हो जाता.
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) ने एक्स पर इसकी पुष्टि करते हुए कहा- तुरंत प्रभाव से, अफगान नागरिकों से संबंधित सभी आव्रजन अनुरोधों की प्रक्रिया अनिश्चितकाल के लिए रोक दी गई है, जब तक कि सुरक्षा और वेटिंग प्रोटोकॉल की आगे समीक्षा नहीं हो जाती. एक बयान में USCIS अधिकारियों ने कहा कि हमारे देश की सुरक्षा और अमेरिकी जनता की रक्षा सरकार का एकमात्र प्रमुख लक्ष्य और मिशन है. बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन दो नेशनल गार्ड सैनिकों पर हुए हमले के संदिग्ध के रूप में एक अफगान व्यक्ति की पहचान की, जो तालिबान से बचकर अमेरिका आया था. ट्रंप ने इस घटना को आतंक की कार्रवाई बताया.
एक छोटे वीडियो संदेश में ट्रंप ने इस गोलीबारी को तीन प्रमुख राजनीतिक मुद्दों से जोड़ा. उन्होंने देश के भीतर सैन्य बलों की तैनाती, व्यापक इमिग्रेशन बहस, और अफगानिस्तान में अमेरिका की 20 साल की मौजूदगी की विरासत. ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन के दौरान आए सभी अफगान शरणार्थियों की पुन: जांच कराने की मांग की. बुधवार रात जारी अपने वीडियो संदेश में ट्रंप ने कहा कि अगर वे हमारे देश से प्यार नहीं कर सकते, तो हमें उनकी जरूरत नहीं है. उन्होंने इस हमले को “पूरे राष्ट्र के खिलाफ अपराध बताया.
कौन है वाशिंगटन डीसी का हमलावर
CBS न्यूज के अनुसार हमला करने वाला संदिग्ध 29 वर्षीय रहमानुल्लाह लाकनवाल है, जो 2021 में संयुक्त राज्य अमेरिका में दाखिल हुआ था. अधिकारी अभी भी उसके पूरे बैकग्राउंड की जांच कर रहे हैं, जबकि हमले की वजह स्पष्ट नहीं है. अधिकारियों के अनुसार, 29 वर्षीय संदिग्ध ऑपरेशन एलायज वेलकम के तहत अमेरिका पहुंचा था. यह बाइडेन प्रशासन का कार्यक्रम था, जिसके जरिए अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान के खतरे से प्रभावित हजारों अफगानों को निकाला और पुनर्वासित किया गया था. लाकनवाल वॉशिंगटन राज्य में रह रहा था. कानून प्रवर्तन अधिकारी और जांच से जुड़े लोग उसके बैकग्राउंड के बारे में पूरी पुष्टि अब भी जारी है.
हमले के बाद गुस्से में ट्रंप
ट्रंप ने कहा कि दिनदहाड़े हुआ यह हमला, जिसमें व्हाइट हाउस से सिर्फ दो ब्लॉक दूर दो गार्ड सदस्य गंभीर रूप से घायल हुए- बुराई का कार्य, नफरत का कार्य और आतंक का कार्य है. उन्होंने कहा- यह पूरे राष्ट्र के खिलाफ अपराध था. ट्रंप ने पुष्टि की कि हिरासत में लिया गया संदिग्ध अफगानिस्तान से आया एक विदेशी नागरिक है. इससे पहले उन्होंने हमलावर के जानवर बताया था और गंभीर सजा की चेतावनी दी थी, उन्होंने बताया कि यह व्यक्ति 2021 में उन बदनाम उड़ानों के जरिए अमेरिका पहुंचा था. उनका यह संदर्भ उन उड़ानों से था, जिनमें तालिबान के कब्जे के बाद अफगान नागरिकों को अमेरिका लाया गया था.
इस कार्यक्रम के तहत अमेरिका में हजारों अफगानों को लाया गया था, जिनमें से कई ने अमेरिकी बलों के साथ काम किया था. हालांकि, इस पहल की आलोचना रिपब्लिकन नेताओं, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कई सरकारी निगरानी एजेंसियों द्वारा की गई है, जिन्होंने तेजी से की गई स्वीकृतियों और सुरक्षा जांच में संभावित खामियों पर सवाल उठाए. वहीं, समर्थकों का कहना है कि यह कार्यक्रम तालिबान प्रताड़ना का खतरा झेल रहे लोगों की रक्षा के लिए बेहद जरूरी था.
गोलीबारी को बताया टारगेटेड अटैक
यह गोलीबारी बुधवार दोपहर व्हाइट हाउस से कुछ ब्लॉक की दूरी पर हुई थी. क्षेत्र के व्यस्त समय में (बुधवार लगभग 2.15 बजे) एक भीड़भाड़ वाले मेट्रो स्टेशन के पास हुई इस घटना में वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड के दो सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें राजधानी में तैनात किया गया था. वाशिंगटन की मेयर ने इस घटना को टारगेटेड अटैक बताया. एफबीआई निदेशक काश पटेल और मेयर म्यूरियल बाउजर ने कहा कि दोनों सैनिकों की हालत गंभीर बनी हुई है.
ट्रंप ने भेजे अतिरिक्त गार्ड
ट्रंप द्वारा कई डेमोक्रेट-शासित शहरों, जैसे वाशिंगटन, लॉस एंजिलिस और मेम्फिस में सैन्य बल तैनात करने के निर्णय पर फिर से सवाल खड़े कर रही है. वाशिंगटन डीसी में पहले से ही 2200 नेशनल गार्ड तैनात हैं, इस घटना के बाद उन्होंने 500 सैनिकों की और भेजा है. उनकी यह रणनीति कानूनी चुनौतियों और स्थानीय नेताओं की आलोचना का सामना कर रही है.
ट्रंप के बयान से उनकी आव्रजन नीति के और कठोर होने के संकेत भी मिले. उन्होंने कहा- हमें अब यह पुनः जांचना होगा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में अफगानिस्तान से हमारे देश में प्रवेश करने वाला हर एक विदेशी कौन है. उन्होंने आगे कहा- हमें सभी आवश्यक कदम उठाने होंगे ताकि किसी भी ऐसे विदेशी को हटाया जा सके, चाहे वह किसी भी देश का हो, जो यहां का नहीं है या हमारे देश के लिए लाभदायक नहीं है. अगर वे हमारे देश से प्यार नहीं कर सकते, तो हमें उनकी आवश्यकता नहीं है.”
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