यूक्रेन खरीदेगा 100 राफेल जेट, पेरिस में जेलेंस्की ने फ्रांस के साथ किया बड़ा रक्षा समझौता, रूस पर बढ़ेगा दबाव!
Ukraine To Buy Rafale Jets: फ्रांस ने जेलेंस्की की पेरिस यात्रा के दौरान यूक्रेन को 100 तक राफेल जेट देने की योजना की पुष्टि की है. युद्ध के बीच यह सौदा यूक्रेन की हवाई ताकत बढ़ाएगा. ट्रम्प-जेलेंस्की मुलाकात, पुतिन से बातचीत और बदलती कूटनीति युद्ध के भविष्य पर बड़ा असर डाल सकती है.
Ukraine To Buy Rafale Jets: रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं. लड़ाई थमी नहीं, बल्कि हर महीने नई कड़वाहट जुड़ती जा रही है. ऐसे माहौल में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पेरिस पहुंचे और यहां एक बड़ा रक्षा सौदा हुआ जिससे युद्ध की दिशा पर भी असर पड़ सकता है. फ्रांस ने साफ कर दिया कि यूक्रेन अब 100 तक राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी में है. यह सौदा उसे हवाई ताकत देगा, जो रूस के लगातार ड्रोन और मिसाइल हमलों के बीच बेहद जरूरी मानी जा रही है.
Ukraine To Buy Rafale Jets: फ्रांस-यूक्रेन रक्षा साझेदारी
एलिसी पैलेस ने पुष्टि की कि जेलेंस्की और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने विलाकूब्ले एयरफोर्स बेस पर एक लेटर ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, यह दस्तावेज बताता है कि यूक्रेन राफेल जेट, एयर-डिफेंस सिस्टम और ड्रोन खरीदने की दिशा में बढ़ रहा है. हालांकि कीमत और डिलीवरी की तारीख फिलहाल नहीं बताई गई है. इस कार्यक्रम में एक राफेल विमान भी दिखाया गया, जिस पर AASM गाइडेड बम लगे थे. पास में SCALP क्रूज मिसाइल, SAMP/T मिसाइल इंटरसेप्टर और GF300 रडार भी थे ये सभी सिस्टम फ्रांस पहले ही यूक्रेन को दे चुका है. जेलेंस्की का यह पेरिस का नौवां दौरा था. मतलब फ्रांस अब यूक्रेन की मदद में लगातार आगे आ रहा है, खास तौर पर ऐसे समय में जब अमेरिका से मिलने वाले हथियारों की गति पर दुनिया सवाल उठाती रहती है.
राफेल से यूक्रेन को क्या फायदा होगा?
राफेल एक ऐसा लड़ाकू विमान है जो एक ही उड़ान में लंबी दूरी के हमले और एयर-टू-एयर लड़ाई कर सकता है. इसकी क्षमता अमेरिकी F-16 जैसी मानी जाती है. फ्रांस पहले ही यूक्रेन को मिराज जेट दे चुका है, लेकिन राफेल उसके मुकाबले कहीं ज्यादा आधुनिक और बहु-उपयोगी है. यूक्रेन का दावा है कि रूस की मिसाइलें और ड्रोन्स लगातार उसके शहरों, ऊर्जा ढांचे और सैन्य ठिकानों को निशाना बना रहे हैं. ऐसे में राफेल आने से उसकी हवाई सुरक्षा मजबूत होगी और रूस पर जवाबी दबाव भी बढ़ेगा.
तीन साल बाद युद्ध की तस्वीर
2022 में रूस के हमले के बाद से हालात लगातार खराब ही हुए हैं. रिपोर्टों के अनुसार रूस अभी भी यूक्रेन के करीब 20% हिस्से पर कब्जा किए बैठा है. सिर्फ 2024 में उसने 4,000 वर्ग किलोमीटर से ज़्यादा जमीन अपने कब्जे में ली. लगभग 40,000 नागरिक घायल या मारे गए. 3.7 मिलियन लोग देश के अंदर ही विस्थापित हो चुके हैं. 6.9 मिलियन लोग विदेशों में शरण ले चुके हैं. 12.7 मिलियन लोगों को किसी न किसी तरह की मानवीय मदद चाहिए. अब तक यूक्रेन को दुनिया भर से 407 अरब डॉलर की सहायता मिल चुकी है जिसमें अकेले अमेरिका की मदद 118 अरब डॉलर से ज्यादा है.
जेलेंस्की-ट्रम्प मुलाकात
अक्टूबर 2025 में जेलेंस्की अमेरिका गए और 17 अक्टूबर को व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात की. यह मुलाकात कई वजहों से अहम थी. जेलेंस्की ने ट्रम्प से एयर-डिफेंस सिस्टम, लंबी दूरी की स्ट्राइक क्षमता (जैसे Tomahawk मिसाइल) और ऊर्जा ढांचे की सुरक्षा पर मदद मांगी. उन्होंने अमेरिकी रक्षा कंपनियों से भी मुलाकात की. जेलेंस्की ने कहा कि बातचीत “लंबी और उत्पादक” रही, लेकिन रिपोर्टों में आया कि बैठक में कई बार माहौल तनावपूर्ण था.
उन्होंने यूक्रेन को सुझाव दिया कि युद्ध रेखा को जहां है वहीं “फ्रीज” कर देना चाहिए. रूस के साथ किसी तरह समझौता खोजने की बात कही. Tomahawk जैसी मिसाइलें देने पर हिचक दिखाई कहा इससे हालात “खतरनाक” हो सकते हैं. इसके बाद जेलेंस्की ने कहा कि वे अमेरिका से एयर-डिफेंस सिस्टम की दिशा में प्रगति को सकारात्मक मानते हैं. साथ ही उन्होंने भरोसा दिया कि यूक्रेन तनाव घटाने की कोशिश कर रहा है. जेलेंस्की की यात्रा से पहले ट्रम्प और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की भी बातचीत हो चुकी थी. दोनों ने हंगरी (बुडापेस्ट) में संभावित शिखर सम्मेलन पर चर्चा की थी. लेकिन बाद में अमरीकी अधिकारियों ने कहा कि “तात्कालिक भविष्य” में कोई बैठक नहीं होगी.
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