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रूस ने दुनिया में भारत की आवाज बुलंद की : प्रधानमंत्री मोदी

मास्‍को :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने रूस दौरे के आखिरी दिन फ्रेंड ऑफ इंडिया कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया. इस मौके पर मोदी ने सभी को हिंदी में संबोधित किया और भाषण की शुरुआत नमस्‍ते के साथ किया. मोदी ने कहा, इतनी बड़ी मात्रा में लोग भारत के लिए अपना प्यार व्यक्त […]

मास्‍को :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने रूस दौरे के आखिरी दिन फ्रेंड ऑफ इंडिया कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया. इस मौके पर मोदी ने सभी को हिंदी में संबोधित किया और भाषण की शुरुआत नमस्‍ते के साथ किया.

मोदी ने कहा, इतनी बड़ी मात्रा में लोग भारत के लिए अपना प्यार व्यक्त कर रहे हैं, यह भारत के लिए गर्व की बात है. ज्ञात हो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करने के लिए मॉस्को में इस भव्य रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इसमें रूस में प्रचलित भारत की समृद्ध विरासत और परंपराओं की झांकी पेश की गयी.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इस सभागार में ज्यादातर भारत से आये हैं आधे लोग जिन्होंने भारत देखा भी नहीं है लेकिन भारत को भरपूर प्यार करते हैं. यह भारतीयों के लिए गर्व की बात है.मुझे बताया गया कि रूस की सबसे बड़ी पॉप सिंगर हैं और मंत्रों का इस तरह गान करती है इसका मतलब है कि उसने इसे तपस्या के रूप में स्वीकार किया है. मुझे बताया गया कि उसका जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ है. सोचिए मुस्लिम परिवार, रूसी नागरिक,पॉपसिंगर और वैदिक मंत्रों का उच्चारण. उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि मैं रूस में एक भव्य हिंदु मंदिर बनवाना चाहती हूं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, सभी रूसी कलाकारों को जो साधना कि है और भारत को अपने आप में समेट लिया है मैं उन सभी को एक बार दिल से बधाई देता हूं. उन्होंने कहा कि आप जिस लगन से वंदना कर रही है आपका सपना पूरा होगा. आजईद-ए-मिलादपूरे विश्व में मनायी जा रही है मैं आप सभी को शुभकामनाएं देती हूं कल क्रिसमस का पावन पर्व शुरू हो रहा है उसके लिए भी शुभकामनाएं देता हूं, कल भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है आज उनकी लिखी गयी कविता रूसी कलाकारों ने प्रस्तुत किया. ‘गीत नये गाता हूं’ कि आत्मविश्वास प्रकट किया. मैं इसके लिए विशेष रूप से उन्हें बधाई देता हूं.

मोदी यहां गुजरात को याद करना नहीं भूले उन्होंने कहा कि गुजरात के गरबे में भी यहां के लोगों ने जान भर दी. गुजरात वालों को भी लगेगा कि उन्हें सीखना चाहिए कि गरबा कैसे होता है. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने भारत और रूस के संबंध का जिक्र करते हुए कहा कि एक दूसरे देश के साथ राजनीतिक संबंध होना, रोजगार होना सदियों से चला आ रहा है, लेकिन रूस में भारत की संस्कृति, इतिहास, परंपरा को जानने का समझने का प्रयास होता है.

यह भारत और रूस के संबंध को ताकत देता है. मुझे बताया गया कि रूस में 150 से ज्यादा संगीत और कला की स्कूलें चलती है और यहां रूसी नागरिक चलाते हैं. मैं भारत पर अभ्यास करने वाले लोगों से मिला और सभी ने हिंदी में बात की. उन्होंने कहा कि हम यहां लोगों को भारत के वीर पुरुषों की कथाएं लोगों को प्रेरणा देती है. यहां जो मुझे दिखाई दिया इससे हर भारतीय को गर्व होगा. ने योगा दिवस की चर्चा करते हुए कहा कि एक रूसी बेटी ने योगा पर किताब लिखी है उसने मुझे गिफ्ट दी. मैंने पूछा कि आपने हिंदुस्तान से कब योगा सीखा तो उन्होंने कहा कि मैंने इंटरनेट से सीखा है. 21 जून को 200 से अधिक जगहों परयोग किया गया. मैं पहले भी रूस आया हूं जब अटल जी की सरकार थी.

रुस और भारत के मैत्री संबंध का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, आज वैश्विक परिवेश में देखें तो आंख बंदकर के कोई कह सकता है इस दुनिया में हर पल चाहे संकट का काल हो या सुविधा का, कोई एक देश बिना झिझक के खड़ा रहा तो उस देश का नाम रूस है. हम युद्ध के समय जब संकट से गुजर रहे थे तब यही देश था जिसने हमारी मदद की और हमारे जाबांज जवान युद्ध में विजय प्राप्त करके वापस आये.

रूस हमेशा साथ खड़ा रहा. एक दूसरे के लिए खड़े रहना यह रूस ने करके दिखाया है. जब विश्व में महासत्ताओं की इच्छा पर दुनिया इधर उधर जा सकती थी ऐसे समय भी रूस ने नाता बनाया रखा और आज भी कायम रखा है. अंतरराष्ट्रीय मंच पर जब – जब विश्व में भारत को किसी की जरूरत पड़ी रूस साथ रहा.

पर्यटन का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, रूस में भारत से विद्यार्थी यहां पढ़ने आते हैं वहां उन्हें यहां अपनापन लगने लगा है. आप यहां आये हैं तो आप भी कोशिश कीजिए कि पांच रूसी परिवार भारत आएं और देखिये लाखों की तादाद में रूसी नागरिक जायेंगे. भारत के प्रति उनका आकर्षण है बस उन्हें अंगुली पकड़ कर ले जाने की जरूरत है. हमें यह प्रयास करना चाहिए.

यहां उन्होंने आर्थिक विकास की चर्चा की और कहा कि आज दुनिया में बड़ी आर्थिक व्यवस्था में आगे बढ़ने वाला देश भारत है. 20वीं शताब्दी के अंत में चर्चा होती थी कि 21वीं सदी एशिया की सदी होगी. 21वीं सदी का नेतृत्व करने वाले कौन लोग होंगे इसकी चर्चा नहीं कर पाती थी.

अब इशारा साफ है कि हिंदुस्तान 21वीं सदी में बड़ी भूमिका अदा करेगा. भारत ने आर्थिक रूप से अपनी जगह बनायी है. दुनिया कि नजर में भारत एक बाजार था. विश्व को लगता था भारत जायेंगे माल बेचेंगे कमायेंगे लेकिन आज स्थिति बदल रही है. कल तक जिन्हें भारत सिर्फ बाजार लगता था अब उत्पादन की दृष्टि से भी विश्व की नजर से देख रहा है. भारत मैन्यूफैक्चरिंग हब बने जब हम यह कहते हैं तो मानतें हैं कि भारत में यह क्षमता है.

ऐसी ही हमें थोड़े सोने की चिड़िया कहा जाता था. जिस देश के पास 800 मीलियन 35 साल से कम उम्र के नौजवान हो इतनी बड़ी तादाद में 65 प्रतिशत जनसंख्या, 35 साल से कम उम्र की हो, जो देश इतना जवान हो उसके सपने भी जवान होते हैं. वह इन चीजों को प्राप्त करने का समार्थ्य रखता है. भारत आगे बढ़ने का संकल्प ले चुका है.

भारत आज विश्व के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहा है. ऐसा नहीं है कि हमारे पास समस्या नहीं है. हम समस्या के रास्ते ढूढ़ रहे हैं. हम रूकने वाले नहीं है. पिछले एक साल के भीतर विश्व के उद्योग जगत ने एफडीआई में 40 प्रतिशत की वृद्धि होना छोटी घटना नहीं है. अगर दुनिया को भारत में दम नहीं दिखता तो पैसा डालते क्या. जब भरोसा होता है तभी निवेश होता है. विश्व के पूंजी निवेश से हम भारत में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर बनाना चाहते हैं.

रेलवे में भी हम एफडीआई के जरिये विकास करना चाहते हैं. हमें भी गति चाहिए. संकल्प लेने से देश आगे बढ़ता है. अभी जापान के साथ भारत में एक समझौता हुआ. जापान बहुत कम ब्याज से 0.1 प्रतिशत से धन लगायेगा और एक लाख करोड़ रुपयालगायेगातो राजी रोटी हिंदुस्तान के लोगों को मिलेगा.

रूस हमारे यहां न्‍यूक्लियर एनर्जी के द्वारा ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के खिलाफ मिलकर काम कर रहा है. हम विकास को आधुनिकता की तरफ ले जाना चाहते हैं. यह भी कोशिश है कि इसका लाभ गरीब से गरीब को भी मिले. तभी जाकर देश की जड़ें मजबूत होंगी. इसलिए हम दोनों दिशाओं में कोशिश कर रहे हैं. आज विश्व में कोई फैसले होते हैं तो भारत अहम भूमिका निभाता है. भारत ने विश्व में एक जगह बनायी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां आतंकवाद के खिलाफ भी अपनी बात रखी. उन्‍होंने कहा कि भारत कब से यह कहता रहा है कि आतंकवाद दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा है. हम समझा कर थक गये कि आतंक की कोई सीमा नहीं होती. वह निर्दोषों को मारने पर तुला है. आज आतंक की करतूतों ने उनकी बेरहमी ने पूरे विश्व को झकझोर दिया है. पूरी दुनिया आज हिंदुस्तान की बात मानने को मजबूर हो गयी. हर कोई आतंकवाद से बाहर निकलने के लिए छटपटा रहा है.

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