इस्लामाबाद : सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने आज भारतीय सैन्य नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई द्वारा आतंकवाद का समर्थन करने संबंधी उनकी टिप्पणियां ‘दुर्भाग्यपूर्ण, गैरजरुरी और भड़काऊ’ हैं.कयानी के हवाले से सेना द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के लगातार उल्लंघन को लेकर चिन्तित है. कयानी की टिप्पणियां ऐसे समय आई हैं जब जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर लगातार तनाव बना हुआ है और पाकिस्तानी सैनिकों के कथित समर्थन के साथ आतंकवादियों द्वारा हाल में केरन सेक्टर में घुसपैठ का प्रयास किया गया.
सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह सहित भारत के शीर्ष जनरलों ने पाकिस्तानी सेना पर आतंकवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया था. सिंह ने आठ अक्तूबर को कहा था कि भारतीय बलों ने संदिग्ध पाकिस्तानी विशेष बलों द्वारा आतंकवादियों के समर्थन से किये गये बड़े घुसपैठ प्रयास को नाकाम करने के बाद 15 दिन तक केरन सेक्टर में सघन खोजी अभियान चलाया था.उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट कहना चाहता हूं कि पाकिस्तानी सेना के समर्थन के बगैर नियंत्रण रेखा पर कोई आतंकी क्रियाकलाप नहीं हो सकता.’’इन आरोपों पर कयानी ने पाकिस्तान का रुख दोहराते हुए कहा कि नियंत्रण रेखा पर घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र द्वारा जांच होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाने के बजाय, भारत को सलाह दी जाती है कि नियंत्रण रेखा पर घटनाओं की संयुक्त या निष्पक्ष जांच कराने के पाकिस्तान के सुझाव का सकारात्मक रुप से जवाब दिया जाए. कयानी ने कहा कि पाक सेना संयम बरतती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाये जाएं जो क्षेत्रीय शांति की संभावनाओं को खराब करें.कयानी ने कहा कि सेना सरकार द्वारा शुरु की गई शांति प्रक्रिया का पूरी तरह से समर्थन करती है. बयान में कहा गया कि उन्होंने यह टिप्पणियां रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय में अधिकारियों से बात करते हुए कीं.