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प्रधानमंत्री ने अमेरिकी कंपनियों को निवेश के लिए किया आमंत्रित

न्यूयार्क : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुनियादी ढांचे और रक्षा जैसे क्षेत्रों में दीर्घकालीन अवसरों का जिक्र करते हुए आज अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया और जोर देकर कहा कि देश में विकास की संभावनाओं और आर्थिक नीति के माहौल के बारे में चिंताएं बेबुनियाद हैं. प्रधानमंत्री ने विदेशी […]

न्यूयार्क : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुनियादी ढांचे और रक्षा जैसे क्षेत्रों में दीर्घकालीन अवसरों का जिक्र करते हुए आज अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया और जोर देकर कहा कि देश में विकास की संभावनाओं और आर्थिक नीति के माहौल के बारे में चिंताएं बेबुनियाद हैं.

प्रधानमंत्री ने विदेशी निवेशकों को भरोसा दिलाते हुए यहां कहा कि भारत में लगभग सभी राजनीतिक दलों ने 1991 के बाद से सुधार की प्रक्रिया का समर्थन किया है जिससे देश की आर्थिक नीतियों की भविष्य में दिशा के बारे में भरोसा पैदा हुआ है. सिंह ने वाशिंगटन से यहां पहुंचने के तुरंत बाद अमेरिकी सीईओ के फोरम को संबोधित करते हुए यह बात कही.

उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि भारत के विकास की गति धीमी हुई है और विकास दर पिछले एक दशक से अधिक समय की औसत आठ प्रतिशत की तुलना में पांच प्रतिशत रह गई है लेकिन उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार के उठाए कदमों के अलावा मॉनसून में अच्छी बारिश होने के कारण मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में स्थिति में बदलाव आएगा.

सिंह ने व्यापार जगत के नेताओं से कहा, मैं जानता हूं कि अमेरिका के व्यापार समुदाय में भारत की विकास की संभावनाओं, वृहत् आर्थिक स्थिरता और आर्थिक नीति के माहौल को लेकर कुछ चिंताएं है. इस संबंध में हमारी गंभीरता को लेकर आशंकाएं व्यक्त की गई हैं. यह एक गलत धारणा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे आर्थिक माहौल को बढावा देने के लिए प्रतिबद्ध है जो उदार एवं पारदर्शी हो और जिसका पूर्वानुमान लगाया जा सके तथा जो निवेश के अनुकूल हो.

उन्होंने कहा, हम भारत को 8-9 प्रतिशत विकास दर हासिल करने के रास्ते पर पुन: वापिस ले जाने के प्रति प्रतिबद्ध हैं. वास्तव में भारतीय इससे कम विकास की बात सहन नहीं करेंगे. सिंह ने बुनियादी ढांचे और रक्षा जैसे क्षेत्रों में दीर्घकालीन अवसरों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार का इरादा बुनियादी ढांचा क्षेत्र में आगामी पांच वर्षों में एक हजार अरब डॉलर से अधिक राशि निवेश करना है.

उन्होंने व्यापार समुदाय को बताया कि भारत सरकार ने विकास को बहाल करने के लिए खुदरा और दूरसंचार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की निवेश सीमा बढाने समेत कई कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने महत्वपूर्ण परियोजनाओं के रास्ते में बाधाओं को दूर करने के लिए कई निर्णय लिए हैं.उन्होंने व्यापार जगत को भरोसा दिलाया कि इस वर्ष राजकोषीय घाटा 4.8 प्रतिशत रहेगा और भरोसा जताया कि चालू खाता घाटा कम होकर सकल घरेलू उत्पाद का 2.5 प्रतिशत रह जाएगा.

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