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भारत ने नेपाल में मौजूदा नागरिकों से की न घबराने की अपील

काठमांडो: भारत ने नेपाल में मौजूद अपने नागरिकों से कहा है कि बीते दिनों आए विनाशकारी भूकंप के बाद पैदा हुई स्थिति में वे घबराएं नहीं. इसके साथ ही भारत ने उन्हें कहा है कि लोगों को निकालने की प्रक्रिया चल रही है और स्थिति में सुधार आ रहा है. नेपाल में भारत के राजदूत […]

काठमांडो: भारत ने नेपाल में मौजूद अपने नागरिकों से कहा है कि बीते दिनों आए विनाशकारी भूकंप के बाद पैदा हुई स्थिति में वे घबराएं नहीं. इसके साथ ही भारत ने उन्हें कहा है कि लोगों को निकालने की प्रक्रिया चल रही है और स्थिति में सुधार आ रहा है.

नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत राय ने कहा, ‘‘यहां बडी संख्या में भारतीय हैं. दोनों देशों के बीच एक मुक्त सीमा है, वीजा-मुक्त आवाजाही है और लोग एक-दूसरे के देश में आसानी से आ-जा सकते हैं. इस समय हमारी प्राथमिकता घायलों, बूढों, बच्चों और महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करने की है.’’ भूकंप प्रभावित इलाकों से घर लौटने की कोशिश कर रहे भारतीयों से उन्होंने कहा कि वे हडबडाएं नहीं.
राय ने एक टीवी चैनल पर कहा, ‘‘हवाईअड्डा खुला है और व्यवसायिक विमान उड़ान भर रहे हैं. हमने विशेष व्यवसायिक विमान भी लगाए हैं. हम भारत के विभिन्न हिस्सों तक जाने के लिए बस के जरिए निकासी भी शुरु करने वाले हैं. इसलिए जो भारतीय निकलना चाहते हैं, उन्हें घबराने की जरुरत नहीं है.’’
कल यहां भारतीय दूतावास ने घोषणा की थी कि वह काठमांडो से उत्तरप्रदेश के गोरखपुर तक के लिए बस सेवा शुरु करेगा ताकि नेपाल में फंसे भारत के नागरिकों को निकाला जा सके. उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह भी कहना चाहता हूं कि दिन प्रतिदिन स्थिति में सुधार आ रहा है. बिजली व्यवस्था बहाल हो गई है और बडे भूकंप के बाद आने वाले झटकों में कमी आई है. इसलिए स्थिति में निश्चित तौर पर सुधार आ रहा है.’’ राजदूत ने जोर देकर कहा कि नेपाल में मौजूद भारतीय समुदाय के लोगों को घबराने की कोई जरुरत नहीं है.
भूकंप से तबाह हुई नेपाल की राजधानी काठमांडो तक भारत से जाने वाली विमान सेवाएं कल सामान्य हो गईं लेकिन हवाईअड्डे पर पार्किंग की कमी के कारण नेपाल में फंसे लोगों को निकालने के लिए और अधिक विमान लगाने में दिक्कत आ रही है.शनिवार को हिमालयी देश नेपाल में 7.9 तीव्रता का भीषण भूकंप आया था और इसके बाद कई अन्य झटके भी महसूस किए गए. ये भूकंप अपने पीछे मौत और तबाही का मंजर छोड गए हैं. भीषण भूकंप के कारण अनेक मकान एवं इमारतें जमींदोज हो गए थे, जिनमें अदभुत धरहरा टावर और राजधानी के बीचोंबीच स्थित ऐतिहासिक दरबार स्क्वेयर भी शामिल हैं. भूकंप में मरने वालों की संख्या बढकर चार हजार के पार चली गई. आपदा में घायल अन्य लोगों की संख्या लगभग आठ हजार है.

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