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भारत की नयी सरकार के साथ हम बहुस्तरीय लाभप्रद रिश्ते जारी रखेंगे : पुतिन

मास्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने भारत में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नयी सरकार गठित होने से दोनों देशों के परस्पर लाभप्रद रिश्तों में कोई बदलाव नहीं आने का विश्वास जताते हुए इस बात पर खुशी जताई कि भारत का नेतृत्व एक ऐसे ‘जाने माने राजनीतिक’ नेता के हाथों में है जिन्होंने […]

मास्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने भारत में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नयी सरकार गठित होने से दोनों देशों के परस्पर लाभप्रद रिश्तों में कोई बदलाव नहीं आने का विश्वास जताते हुए इस बात पर खुशी जताई कि भारत का नेतृत्व एक ऐसे ‘जाने माने राजनीतिक’ नेता के हाथों में है जिन्होंने दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाने के लिए पहले ही महान योगदान दिया है.
साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के साथ रूस की बढ़ती नजदीकियों पर भारत की चिंताओं को यह कह कर कम करने का प्रयास किया कि पाकिस्तान के साथ आतंकवाद का मुकाबला और नशीले पदार्थों के फैलाव के विरुद्ध कार्रवाई में सुधार करने के लिए रुस की संभव सहायता के बारे में बातचीत की गयी है. इस तरह के सहयोग में भारत सहित क्षेत्र के सभी देशों का दीर्घकालिक हित है.
पुतिन ने 10 दिसंबर को अपनी भारत यात्र से पहले यहां भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं आश्वस्त हूं कि नयी सरकार के साथ हम उपयोगी और पारस्परिक रूप से लाभप्रद बहुस्तरीय संपर्को को जारी रखेंगे. विशेष रूप से इसलिए भी कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने कई बार आस्त्रखान क्षेत्र का दौरा किया है और इस क्षेत्र व भारतीय प्रांत के बीच भाईचारे के संबंधों की स्थापना की है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘..और आज हम खुश हैं कि हमारे मित्र देश भारत का नेतृत्व एक ऐसे जाने-माने राजनेता के हाथों में है जिन्होंने रुसी-भारतीय सहयोग को मजबूत बनाने के लिए पहले ही महान योगदान दिया है.’’ उनसे सवाल किया गया था कि इस वर्ष भारत में सरकार परिवर्तन होने से क्या रुस भारत संबंधों में विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साङोदारी पर कुछ असर पड़ेगा.
रुस के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘रुस और भारत के बीच संबंध कभी भी अटकलों के शिकार नहीं हुए हैं. ऐतिहासिक युगों के परिवर्तन, राजनीतिक और राजकीय नेताओं के आने-जाने के बावजूद हमारे देश बहु आयामी द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत बनाने में एक-दूसरे के विश्वसनीय भागीदार रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मिसाल के तौर पर रणनीतिक साङोदारी के ऐतिहासिक घोषणापत्र पर 14 साल पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ हस्ताक्षर किए थे, जो भारतीय जनता पार्टी की सरकार का नेतृत्व कर रहे थे.’’ हालांकि उन्होंने माना कि दोनों देशों के संबंधों को विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साङोदारी के स्तर पर लाने में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पिछली सरकार का बहुत ही बड़ा योगदान रहा है.
भारत में सत्ता परिवर्तन के बाद दोनों देशों के संबंधों के स्वरूप पर उन्होंने कहा कि भारत के साथ रिश्तों में अगर हम परिवर्तन की बात करें तो यह बिलकुल दूसरी तरह का परिवर्तन होगा. उच्च स्तरीय, द्विपक्षीय सहयोग और विश्वास की बदौलत ‘‘निर्माता उपभोक्ता’’ के पारंपरिक स्वरूप से हटकर हम उन्नत हथियार प्रणालियों के संयुक्त निर्माण और उत्पादन के लिए एक क्रमिक परिवर्तन शुरू कर सकते हैं.
पुतिन की भारत यात्र के दौरान ब्रrाोस ‘मिनी मिसाइल’ को संयुक्त रूप से विकसित करने के समझौते पर दस्तखत किए जाने की चर्चा के बीच पुतिन ने दोनों देशों के मध्य संभावित सहयोग परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भारतीय परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिए नए ऊर्जा ब्लाकों का निर्माण, भारतीय बाजार में रुसी विमान ‘‘सुखोई सुपरजेट-100 और एमएस-21 परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के साथ ही हेलीकाप्टरों का निर्माण और औद्योगिक ट्रैक्टरों की असेंबली का काम शामिल है.’’

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