बीजिंग: नरेंद्र मोदी की नेपाल यात्रा के बाद सिर्फ भारत और नेपाल में ही नहीं चीन में भी उनकी तारीफ हो रही है. चीन के सरकारी मीडिया ने भारत-नेपाल संबंधों को फिर से स्थापित करने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज ‘चतुर’ बताया लेकिन कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में गरमाहट लाने के लिए नेपाल को एक अरब डालर का सस्ता कर्ज काफी नहीं है.
चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने मोदी की हाल की नेपाल यात्रा पर अपनी टिप्पणी में यह बात कही है. किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की यह 17 साल बाद नेपाल की पहली आधिकारिक यात्रा थी.समिति ने कहा है, ‘मोदी चतुर हैं. नेपाल के साथ भारत के संबंधों को प्रगाढ बनाने के उनके कूटनीतिक प्रयास आंशिक रुप से सफल रहे हैं विशेषकर संविधान सभा में उनका संबोधन.’शिन्हुआ ने मोदी की नेपाल यात्रा पर बीते तीन दिन में यह दूसरी टिप्पणी की है.
इसमें कहा गया है, ‘नेपाल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की अपनी अनिच्छा तथा दोनों पक्षों के सभी मुद्दों को मित्रवत तरीके से सुलझाने की अपनी इच्छा जताकर मोदी ने समानता की ओर बढते भारत-नेपाल रिश्तों के भविष्य की झांकी दी.’
चीन ने हालांकि मौदी की यात्रा पर कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन आधिकारिक मीडिया इस यात्रा पर काफी ध्यान दे रहा है. चीन ने बीते दस साल में नेपाल में अपना प्रभाव बढाते हुए उस खालीपन को भरने की कोशिश की है जो नेपाल पर भारत के बीच राजनीतिक मतभेदों के कारण पैदा हुआ था.मोदी ने बंदूक के बजाय मताधिकार को चुनने के लिए नेपाल की सराहना की और संघ, लोकतांत्रिक गणतंत्र के रुप में उसमें सम्मान दिखाया.