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Health : Black Pepper : मसालों का राजा कहा जाता है यह भारतीय मसाला, जानें किसे कहा जाता है औषधीय गुणों से युक्त इस मसाले का पहला घर

केरल के मालाबार क्षेत्र से ही बेस्ट क्वालिटी काली मिर्च आती है. यही क्षेत्र इस भारतीय मसाले का पहला घर भी है. मसाले भारतीय खानपान का अभिन्न अंग हैं. शायद ही कोई भारतीय रसोई होगी जहां मसाले देखने को नहीं मिलेंगे. वास्तव में ये मसाले न केवल खाने का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि औषधीय गुणों […]

केरल के मालाबार क्षेत्र से ही बेस्ट क्वालिटी काली मिर्च आती है. यही क्षेत्र इस भारतीय मसाले का पहला घर भी है.

मसाले भारतीय खानपान का अभिन्न अंग हैं. शायद ही कोई भारतीय रसोई होगी जहां मसाले देखने को नहीं मिलेंगे. वास्तव में ये मसाले न केवल खाने का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि औषधीय गुणों से युक्त होने के कारण हमारे पाचन में सहायता भी करते हैं. लगभग हर भारतीय रसोई में उपलब्ध ऐसा ही एक मसाला है काली मिर्च, जिसे मसालों का राजा भी कहा जाता है. इसके तीखे स्वाद और औषधीय गुणों के कारण लगभग हर भारतीय इस मसाले का दीवाना है.

ग्रीक व रोमन इतिहास में मिलता है उल्लेख

काली मिर्च का उल्लेख यूनानी (Greek) और Roman इतिहास में भी पाया जाता है. मिस्र के फराओ (राजा)- Ramses the Great (1303-1213 ईसा पूर्व) की काली मिर्च से जुड़ी एक कथा भी है. बताया जाता है कि जब रामसेस के शव को परिरक्षित किया गया, यानी जब उनके शव को ममी बनाया गया, तो उसके नथुनों में काली मिर्च के दाने भरे गये थे. इस तथ्य से पता चलता है कि प्राचीन काल के दौरान मिस्र और भारत के बीच व्यापारिक संबंध थे तथा भारत से मिस्र को काली मिर्च भेजी जाती थी. इस तथ्य से यह भी पता चलता है कि काली मिर्च का अस्तित्व कितना पुराना है. काली मिर्च का अंग्रेजी नाम ब्लैक पीपर है. पीपर शब्द संस्कृत के शब्द पिप्पली की व्युत्पत्ति (Derivation) है, जिसे लैटिन भाषा में piper, और old english में pipor कहा जाता है.

केरल का मालाबार क्षेत्र देता है बेस्ट क्वालिटी काली मिर्च

प्रत्येक भारतीय को काली मिर्च के लिए भारत के केरल राज्य का ऋणी होना चाहिए. इसी राज्य का मालाबार क्षेत्र काली मिर्च का उत्पत्ति स्थल है. दूसरे शब्दों में कहें, तो भारत में मालाबार ही काली मिर्च का पहला घर था और अब भी उत्कृष्ट गुणवत्ता वाली भारतीय काली मिर्च यहीं से आती है. प्राचीन समय से ही इस क्षेत्र के लोग काली मिर्च के स्वाद से परिचित थे. बाद में मध्य युग में ‘फाइन कुकिंग’ की दुनिया में काली मिर्च को एक नया दर्जा प्राप्त हुआ.

प्राचीन काल में मूल्यवान वस्तु हुआ करता था Black Pepper

Black Pepper का महत्व इसके पाक उपयोगों, यानी Culinary Uses से कहीं अधिक रहा है. प्राचीन समय में इसे एक मूल्यवान वस्तु माना जाता था, जिसे उपहार के रूप में दिया जाता था. वर्ष 410 में, जब हूणों ने रोम पर कब्जा किया था, तब फिरौती के रूप में 3000 पाउंड काली मिर्च की मांग की गयी थी. इससे पता चलता है कि प्राचीन काल में काली मिर्च की कितनी प्रसिद्धि व मांग हुआ करती थी.

तीन रंगों में आती है मिर्च

काली मिर्च के दाने तीन रंगों में आते हैं- हरे, काले और सफेद. ये तीनों रंग मिर्च के प्रकार नहीं, बल्कि इसके पकने के केवल डिफरेंट स्टेज ही हैं. यह फल की harvesting और processing की प्रक्रिया है जो इसे अलग-अलग रंग देती है. रंगों के आधार पर मिर्च के स्वाद भी different होते हैं. हरे दाने वे होते हैं जो मिर्च के पूरी तरह से पकने के पहले ही तोड़ लिये जाते हैं और उनका अनूठा रंग बरकरार रखने के लिए उन्हें ताजा, अचार बनाकर या सावधानी से सुखाकर उपयोग किया जाता है. काली मिर्च के दाने सबसे अधिक लोकप्रिय हैं और इसका स्वाद सबसे तीखा होता है. काली मिर्च तैयार करने के लिए इसके कच्चे हरे दानों को धूप में तब तक सुखाया जाता है, जब तक कि वह झुर्रीदार और काले नहीं हो जाते. जबकि जिन दानों को पूरी तरह से पकने के लिए पौधे पर ही छोड़ दिया जाता है वे पकने के बाद लाल रंग में बदल जाते हैं. लाल मिर्च के इन्हीं दानों से सफेद मिर्च मिलता है. इसके लिए लाल मिर्च के दानों को भिगोकर छीला जाता है. सफेद मिर्च के ये दाने न केवल स्वाद में अलग होते हैं, बल्कि हरे और काले रंग की तुलना में अधिक महंगे भी होते हैं.

औषधीय गुणों से युक्त है यह मसाला

हरी मिर्च को अक्सर फ्रोजन और ड्राई किया जाता है. इसके बाद ही इसे प्रिजर्व किया जाता है. Processed food industry हरी मिर्च का उपयोग सूप और सलाद में करती हैं. वहीं दूसरी ओर काली मिर्च हर घर में पायी जाती है और यह दुनियाभर में मिठाइयों और मीठे व्यंजनों को छोड़कर हर उस खाद्य पदार्थों में उपयोग की जाती है, जिनमें मसालों का उपयोग होता है. इसकी तुलना में, सफेद मिर्च का उपयोग कम होता है. ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्योंकि यह कम तीखी होती है और केवल उन लोगों को भाती है जिन्हें हल्का स्वाद पसंद है. काली मिर्च, सफेद मिर्च की तुलना में लंबे समय तक टिकती है. हेल्थ की दृष्टि से, काली मिर्च के ये दोनों रूप- काले और सफेद का, अत्यधिक महत्व है. काली मिर्च का स्वाद तीखा और मसालेदार होने के बावजूद यह पाचन क्रिया में सहायक होती है. यह हमारे intestinal tract में बैक्टीरिया के पनपने से लड़ने में मदद करती है. सर्दी-खांसी में इसका सेवन लाभदायक तो होता ही है, यह मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाती है. वजन कम करती है, skin disease का उपचार करती है, Heart और Liver की बीमारियों को कम करने के साथ ही कैंसर के खतरे को कम करने में भी सहायता करती है. यही कारण है कि यह गुणकारी मसाला हर भारतीय घरों में पाया जाता है.

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