नेशनल कंटेंट सेल
-व्हाट्सएप डिजिटली फिंगरप्रिंट करे मैसेज
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप से सारे मैसेज को डिजिटली फिंगरप्रिंट करने को कहा है. खबर के मुताबिक, सरकार ने व्हाट्सएप को अपने प्लेटफॉर्म से भेजे जाने वाले हर मैसेज को बिना एनक्रिप्शन तोड़े डिजिटली फिंगरप्रिंट करने को कहा है, इससे व्हाट्सएप पर शेयर किये जाने वाले सभी कंटेंट को ट्रेस किया जा सकेगा.
इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि व्हाट्सएप को यह पता होना चाहिए कि कोई मैसेज कहां से शुरू हुआ, उसे कितने लोगों द्वारा पढ़ा गया और फॉरवर्ड किया गया. कंपनी को बिना मैसेज पढ़े इसे सुनिश्चित करना चाहिए. अधिकारी ने बताया कि सरकार कुछ ही मामलों में कंपनी से मैसेज के शुरू होने की जानकारी मांगेगी. हम कम से कम रिक्वेस्ट भेजने की कोशिश करेंगे. जानकारों का कहना है कि अगर कंपनी सरकार की मांग मानती है तो उसे अपने पूरे ढांचे को नये सिरे से तैयार करना होगा. कंपनी अब तक वह कहती रही है कि एंड-टु-एंड एनक्रिप्शन के कारण मेसेज कहां से शुरू हुआ, इसका पता लगाना उसके लिए मुश्किल है.
सरकारी जांच एजेंसियों की शिकायत रही है कि व्हाट्सएप से जो मेटाडेटा (नाम, यूजर्स के डिस्प्ले इमेज और ग्रुप में सदस्यों की संख्या) मिलता है, वह गलत मेसेज भेजने वालों का पता लगाने के लिए पर्याप्त नहीं है. दिसंबर, 2008 में आइटी ऐक्ट में संशोधन का जो मसौदा पेश किया गया था, उसमें सभी इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किये जाने वाले मैसेज की ओरिजिन का पता लगाने की जवाबदेही संबंधित कंपनियों पर डाली गयी थी.
बिना मैसेज पढ़े ही कंपनी को देनी होगी सारी जानकारी
-180 देशों में हैं व्हाट्सएप के यूजर्स
-1.5 अरब से भी ज्यादा यूजर्स हैं दुनियाभर में
-30 करोड़ यूजर्स हैं भारत में
-55 अरब मैसेज, 4.5 अरब फोटो और 01 अरब वीडियो भेजे जाते हैं रोज
2018 से सरकार कर रही है मैसेज को ट्रेस करने की मांग
2018 में व्हाट्सएप पर बच्चों के अपहरण की झूठी खबरों और अफवाह फैलने पर कुछ लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी. उसके बाद से सरकार व्हाट्सएप से मैसेज को ट्रेस करने की मांग कर रही है. अधिकारियों ने कहा कि हम जब भी व्हाट्सएप से मैसेज के बारे में पूछें, तो उसे यह जानकारी देने में सक्षम होना चाहिए. कंपनी को इसका रास्ता निकालना होगा. यह तकनीकी तौर पर संभव है.