सीरिया के सरकारी सैन्य बलों पर हेलिकॉप्टरों के ज़रिए अलेप्पो में विद्रोहियों के क़ब्ज़े वाले इलाक़े पर रासायनिक हमले करने के आरोप लगे हैं.
रिपोर्टों के मुताबिक़ क्लोरीन हमले में 80 लोग घायल हुए हैं.
स्वयंसेवक आपातसेवा कर्मचारियों के मुताबिक़ सुकारी इलाक़े में हमले के बाद लोगों को सांस लेने में दिक़्क़तों का सामना करना पड़ा था.
हालांकि इन रिपोर्टों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकती है.
अगस्त में संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले एक जाँच दल ने पाया था कि सरकारी बलों ने कम से कम दो बार क्लोरीन का इस्तेमाल किया है.
क्लोरीन हालांकि एक साधारण औद्योगिक रसायान है लेकिन केमिकल्स वेपन्स कन्वेंशन के अनुसार उनके इस्तेमाल पर पाबंदी लगी हुई है.
सीरिया की सरकार हमेशा ही रासायनिक हमले करने के आरोपों का खंडन करती रही है.
सीरियाई सरकार के समर्थक रूस ने विद्रोहियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अलेप्पो में सरकारी नियंत्रण वाले इलाक़ों में ‘टॉक्सिक गैस’ का इस्तेमाल किया है.
सीरियन सिविल डिफेंस कार्यकर्ता इब्राहिम अलहज के मुताबिक़ एक हेलिकॉप्टर से चार क्लोरीन सिलेंडर बम गिराए जाने के कुछ देर बाद ही वो घटनास्थल पर पहुँचे थे.
उनलोगों ने अपने फ़ेसबुक पेज एक वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें दिखाया गया है कि बच्चे सांस लेने के लिए ऑक्सीजन मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं.
सीरियन सिविल डिफ़ेंस ने सरकार पर अगस्त में भी क्लोरीन हमले करने के आरोप लगाए थे.
सीरिया पर अपनी बारहवीं रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि फ़रवरी में हुए संघर्ष विराम से कई शहरों में सालों में पहली बार मदद पहुँचाई जा सकी.
हालांकि ये संघर्ष विराम कुछ सप्ताह ही टिक सका और उशके बाद फिर से भीषण लड़ाई शुरु हो गई.
रिपोर्ट के मुताबिक़ सीरिया में इस समय छह लाख से ज़्यादा लोग घेराबंदी में रह रहे हैं.
अलेप्पो में लगभग तीन लाख लोग सरकारी सेना की घेराबंदी में हैं.
रिपोर्टों के मुताबिक़ रविवार को सीरिया के सरकारी सैन्य बलों ने अलेप्पो के कुछ इलाक़ों पर फिर से क़ब्ज़ा कर लिया है जिससे शहर के विद्रोहियों के क़ब्ज़े वाले पूर्वी ज़िले फिर से घेराबंदी में आ गए हैं.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)