ईरान यात्रा के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई को सदियों पुराने धर्मग्रंथों की प्रतियां तोहफ़े में दी हैं.
उन्होंने ख़ामेनेई को सातवीं सदी के कूफ़ी लिपि में लिखे गए क़ुरान की विशेष रूप से तैयार कराई गई कॉपी भेंट की. ये रामपुर की रज़ा लाइब्रेरी में रखी हुई है और हज़रत अली से संबंधित है.
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति हसन रूहानी को मिर्ज़ा असदुल्लाह ख़ान ग़ालिब की फ़ारसी रचनाओं के संग्रह की विशेष तौर पर तैयार कराई गई प्रति भेंट की.
1863 में प्रकाशित हुई ग़ालिब की कुलियात-ए-फ़ारसी-ए-ग़ालिब में कुल 11 हज़ार पद हैं.
प्रधानमंत्री की ओर से राष्ट्रपति रूहानी को सुमैर चंद की फ़ारसी में अनुवादित रामायण की कॉपी भी भेंट की गई.
इस रामायण का फ़ारसी अनुवाद 1715 में किया गया था.
ये भी भारतीय संस्कृति मंत्रालय की रामपुर रज़ा लाइब्रेरी में रखी गई है.
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को गीता भेंट की थी.
मोदी ने जापानी सम्राट अकीहीतो और प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे को भी गीता भेंट की थी.
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