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जयशंकर की दक्षेस यात्रा : PM नरेंद्र मोदी का खत नवाज शरीफ के नाम

इस्लामाबाद : प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान और भारत में नेतृत्व को अपने लोगों की उम्मीदों के अनुरुप बनना चाहिए और दोनों देशेां को वार्ता के जरिए सभी लंबित मुद्दों का हल करने की ओर काम कर संबंधों में एक ‘नया अध्याय’ शुरू करने की जरुरत है. विदेश सचिव एस जयशंकर […]

इस्लामाबाद : प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान और भारत में नेतृत्व को अपने लोगों की उम्मीदों के अनुरुप बनना चाहिए और दोनों देशेां को वार्ता के जरिए सभी लंबित मुद्दों का हल करने की ओर काम कर संबंधों में एक ‘नया अध्याय’ शुरू करने की जरुरत है. विदेश सचिव एस जयशंकर की दक्षेस यात्रा के तहत अपनी इस्लामाबाद यात्रा के दौरान शरीफ से मुलाकात करने पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी की. जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी का पत्र शरीफ को सौंपा हालांकि पत्र में क्या है इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है. यह यात्रा वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर कर रहे हैं. शरीफ ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच अच्छे पडोसी एवं सहयोगी संबंध स्थापित करना जरुरी है जो कि दक्षिण एशिया में एक शांतिपूर्ण पडोस के उनके विजन के अनुरुप है.

जयशंकर अपनी दक्षेस यात्र के तहत कल सुबह यहां पहुंचे और अपने पाकिस्तानी समकक्ष एजाज चौधरी के साथ व्यापक वार्ता की. इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री शरीफ और विदेश एवं राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर उनके सलाहकार से भी मुलाकात की. यहां प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक शरीफ ने भरोसा जताया कि दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच कल की वार्ता द्विपक्षीय संबंधों में आगे बढने का रास्ता बनाने में परिणीत होगी. उन्होंने कहा, ‘‘दोनों ही देशों को वार्ता के जरिए सभी लंबित मुद्दों का हल कर अपने संबंधांे में एक नया अध्याय शुरु करने की जरुरत है.’’

शरीफ ने जोर देते हुए कहा कि यह जरुरी है कि दोनों देशों में नेतृत्व को अपनी अवाम की उम्मीदों के अनुरुप बनना चाहिए. शरीफ ने कहा कि हमे एक साथ अवश्य ही सोचना चाहिए, साथ काम करना चाहिए और दोनों राष्ट्रों को एक दूसरे के करीब लाने की भावना के साथ आगे बढना चाहिए. दोनों देशों को डेढ अरब आबादी के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए एक दूसरे को सहयोग का हाथ बढाना चाहिए. शरीफ ने दक्षिण एशियाई देशांे के तनाव और अनसुलङो विवाद से ग्रसित होने का जिक्र करते हुए कहा कि लोग शांति में जीने के और विकास का फल चखने के हकदार हैं.

उन्होंने कहा कि यह अहम होगा कि द्विपक्षीय चर्चाएं जब कभी हों तो उनमें उन क्षेत्रों में एक दूसरे की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की जानी चाहिए जहां दोनों देशों में मतभेद हैं. इस दौरान जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी का पत्र शरीफ को सौंपा. शरीफ ने कहा कि वह सभी दक्षेस नेताओं का 2016 में पाकिस्तान में होने वाले सम्मेलन में स्वागत करने को लेकर आशावादी हैं.

उन्होंने कहा कि दक्षेस फोरम क्षेत्र के सभी देशों को साथ काम करते हुए क्षेत्रीय सहयोग की क्षमता विकसित करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘वर्किंग बाउंड्री’ पर गोलीबारी की हालिया घटनाओं से वह गहरे तक व्यथित हुए। उन्होंने कहा कि संघर्षविराम उल्लंघन रोकने के लिए सेना से सेना के संपर्क की वर्तमान व्यवस्था का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए.

शरीफ ने कहा कि दोनों देश गंभीरता के साथ और अच्छे पडोसियों की तरह एक दूसरे से संपर्क कर अपने प्रमुख मुद्दों का समाधान कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने पूरे क्षेत्र को प्रभावित किया है और पाकिस्तान सभी आतंकियों के ठिकानों और उनके नेटवर्क को खत्म करने के लिए प्रयासरत है. जयशंकर के साथ मुलाकात के दौरान उन्होंने पिछले साल 27 मई को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात का जिक्र किया। उन्होंने कहा ‘‘हमारे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की हमारी साझा इच्छा है.’’ उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह से हुई मुलाकातों की भी याद की.

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