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एमइ के लिए अमेरिका, र्जमनी है सही

मेकेनिकल इंजीनियरिंग वैसे तो इंजीनियरिंग के पुराने क्षेत्रों में से एक है, लेकिन आज भी दुनियाभर में इंजीनियरिंग के छात्रों की एक पसंदीदा शाखा मानी जाती है. इस स्ट्रीम में फिजिक्स और मैटेरियल साइंसेस के सिद्धांतों का मिर्शण होता है. इस इंजीनियरिंग में हीट और मेकेनिकल पावर अर्थात मशीन की शक्ति का प्रयोग किसी मशीन […]

मेकेनिकल इंजीनियरिंग वैसे तो इंजीनियरिंग के पुराने क्षेत्रों में से एक है, लेकिन आज भी दुनियाभर में इंजीनियरिंग के छात्रों की एक पसंदीदा शाखा मानी जाती है. इस स्ट्रीम में फिजिक्स और मैटेरियल साइंसेस के सिद्धांतों का मिर्शण होता है. इस इंजीनियरिंग में हीट और मेकेनिकल पावर अर्थात मशीन की शक्ति का प्रयोग किसी मशीन को डिजाइन करने, उसे बनाने और उसे संचालित करने में किया जाता है.

कौन से हैं सब-डिसिप्लिन

मेकेनिकल इंजीनियरिंग के कई सब-डिसिप्लिन भी हैं. इनमें मुख्य हैं-मैथमेटिक्स, स्टैटिक्स और डायनेमिक्स, स्ट्रेंथ ऑफ मैटेरियल और सॉलिड मेकेनिक्स, मैटेरियल इंजीनियरिंग, कंपोसाइट्स, थर्मोडायनेमिक्स, हीट ट्रांसफर, एनर्जी कन्वर्जन, फ्यूल्स, इंटरनल कंबशन इंजन, फ्यूड मेकेनिक्स, मेकेनिज्म, मशीन डिजाइन, इंस्ट्रमेंटेशन और मेजरमेंट, मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियरिंग, वाइब्रेशन, कंट्रोल थ्योरी, कंट्रोल इंजीनियरिंग, मेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग डिजाइन, रोबोटिक्स, प्रोडक्ट डिजाइन, ड्राफ्टिंग, कंप्यूटर-एडेड डिजाइन, कंप्यूटर-एडेड-मैन्युफैक्चरिंग आदि.

कहां होता है इसका उपयोग

मेकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर्स या मास्टर्स करने के बाद अच्छी सैलरी पर छात्रों को नौकरी करने का मौका मिल सकता है. मास्टर्स के बाद कुछ छात्र पीएचडी भी करते हैं और रिसर्च के क्षेत्र में मेकेनिकल इंडस्ट्रीज में कार्य कर रही या ऑटोमोबाइल्स क्षेत्र की कंपनीज में रिसर्च के लिए कार्य करते हैं. र्जमनी, स्वीडन, जापान, अमेरिका आदि देशों में ऑटोमोबाइल्स की बडी-बडी कंपनियां हैं. ये मेकेनिकल इंजीनियरिंग के अच्छे छात्रों को बेहतरीन पैकेज पर नौकरी देते हैं.

कहां होती है बेहतर पढाई

मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई के लिए सबसे अच्छे देशों में अमेरिका और र्जमनी का नाम आता है. यहां के विश्‍वविद्यालय रिसर्च के लिए जाने जाते हैं. इन विश्‍वविद्यालयों के साथ औद्योगिक कंपनियां भी जुडी हैं, जिन्हें अपने नये प्रोडक्ट्स के लिए कई तरह के रिसर्च की आवश्यकता होती है. ये कंपनियां अपनी जरूरत के हिसाब से दुनिया भर से पहुंचनेवाले छात्रों की मदद लेती हैं. यही कारण है कि इन देशों की यूनिवर्सिटीज के बैचलर्स या मास्टर्स प्रोग्राम्स इंडस्ट्री ओरिएंटेड होते हैं और छात्रों के लिए बेहद उपयोगी.

दुनिया के कुछबेहतर संस्थान

मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई के लिए दुनिया की प्रमुख यूनिवर्सिटीज हैं- मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, द यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर, इम्पीरियल कॉलेज ऑफ लंदन, यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड, यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न, यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी, इटीएच जूरिच, यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग, हांगकांग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, क्योटो यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स, यूनिवर्सिटी ऑफ इलिन्वॉइस एट अरबाना-कैंपेन.

उपलब्ध हैं स्कॉलरशिप्स

अमेरिकन विश्‍वविद्यालयों में सामान्य रूप से बैचलर्स के प्रथम वर्ष में स्कॉलरशिप थोड.ी कम होती है, लेकिन छात्र ने पूरी मेहनत करे और प्रथम वर्ष का प्रदर्शन बेहतरीन रहे, तो दूसरे वर्ष से स्कॉलरशिप की बेहद अच्छी संभावना होती है. मास्टर्स और पीएचडी में स्कॉलरशिप की संभावनाएं काफी ज्यादा होती हैं.मेकेनिकल इंजीनियरिंग वैसे तो इंजीनियरिंग के पुराने क्षेत्रों में से एक है, लेकिन आज भी दुनियाभर में इंजीनियरिंग के छात्रों की एक पसंदीदा शाखा मानी जाती है. इस स्ट्रीम में फिजिक्स और मैटेरियल साइंसेस के सिद्धांतों का मिर्शण होता है. इस इंजीनियरिंग में हीट और मेकेनिकल पावर अर्थात मशीन की शक्ति का प्रयोग किसी मशीन को डिजाइन करने, उसे बनाने और उसे संचालित करने में किया जाता है.

कौन से हैं सब-डिसिप्लिन

मेकेनिकल इंजीनियरिंग के कई सब-डिसिप्लिन भी हैं. इनमें मुख्य हैं-मैथमेटिक्स, स्टैटिक्स और डायनेमिक्स, स्ट्रेंथ ऑफ मैटेरियल और सॉलिड मेकेनिक्स, मैटेरियल इंजीनियरिंग, कंपोसाइट्स, थर्मोडायनेमिक्स, हीट ट्रांसफर, एनर्जी कन्वर्जन, फ्यूल्स, इंटरनल कंबशन इंजन, फ्यूड मेकेनिक्स, मेकेनिज्म, मशीन डिजाइन, इंस्ट्रमेंटेशन और मेजरमेंट, मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियरिंग, वाइब्रेशन, कंट्रोल थ्योरी, कंट्रोल इंजीनियरिंग, मेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग डिजाइन, रोबोटिक्स, प्रोडक्ट डिजाइन, ड्राफ्टिंग, कंप्यूटर-एडेड डिजाइन, कंप्यूटर-एडेड-मैन्युफैक्चरिंग आदि.

कहां होता है इसका उपयोग

मेकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर्स या मास्टर्स करने के बाद अच्छी सैलरी पर छात्रों को नौकरी करने का मौका मिल सकता है. मास्टर्स के बाद कुछ छात्र पीएचडी भी करते हैं और रिसर्च के क्षेत्र में मेकेनिकल इंडस्ट्रीज में कार्य कर रही या ऑटोमोबाइल्स क्षेत्र की कंपनीज में रिसर्च के लिए कार्य करते हैं. र्जमनी, स्वीडन, जापान, अमेरिका आदि देशों में ऑटोमोबाइल्स की बडी-बडी कंपनियां हैं. ये मेकेनिकल इंजीनियरिंग के अच्छे छात्रों को बेहतरीन पैकेज पर नौकरी देते हैं.

कहां होती है बेहतर पढाई

मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई के लिए सबसे अच्छे देशों में अमेरिका और र्जमनी का नाम आता है. यहां के विश्‍वविद्यालय रिसर्च के लिए जाने जाते हैं. इन विश्‍वविद्यालयों के साथ औद्योगिक कंपनियां भी जुडी हैं, जिन्हें अपने नये प्रोडक्ट्स के लिए कई तरह के रिसर्च की आवश्यकता होती है. ये कंपनियां अपनी जरूरत के हिसाब से दुनिया भर से पहुंचनेवाले छात्रों की मदद लेती हैं. यही कारण है कि इन देशों की यूनिवर्सिटीज के बैचलर्स या मास्टर्स प्रोग्राम्स इंडस्ट्री ओरिएंटेड होते हैं और छात्रों के लिए बेहद उपयोगी.

दुनिया के कुछबेहतर संस्थान

मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई के लिए दुनिया की प्रमुख यूनिवर्सिटीज हैं- मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, द यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर, इम्पीरियल कॉलेज ऑफ लंदन, यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड, यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न, यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी, इटीएच जूरिच, यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग, हांगकांग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, क्योटो यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स, यूनिवर्सिटी ऑफ इलिन्वॉइस एट अरबाना-कैंपेन.

उपलब्ध हैं स्कॉलरशिप्स

अमेरिकन विश्‍वविद्यालयों में सामान्य रूप से बैचलर्स के प्रथम वर्ष में स्कॉलरशिप थोड.ी कम होती है, लेकिन छात्र ने पूरी मेहनत करे और प्रथम वर्ष का प्रदर्शन बेहतरीन रहे, तो दूसरे वर्ष से स्कॉलरशिप की बेहद अच्छी संभावना होती है. मास्टर्स और पीएचडी में स्कॉलरशिप की संभावनाएं काफी ज्यादा होती हैं.

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