रांची के पिर्रा के रहने वाले साजिद को यह बात बहुत तकलीफ पहुंचाती थी कि उनकी मां चावल के कंकड़ को चुनने के लिए घंटों परेशान रहती थीं. अगर चावल से कंकड़ नहीं निकला जाता तो खाना बेमजा हो जाता था.
साजिद कहते हैं कि इससे वे उलझन में पड़ जाते. अपनी मां को रोज की इस परेशानी से इस बालक ने छुटकारा दिलाने की ठान ली और वह राइस फिल्टर बनाने की विधि के बारे में सोचने लगे. राइस फिल्टर बनाना इतना आसान भी नहीं था, यह बात साजिद को मालूम थी, क्योंकि उनके परिवार के सामने आर्थिक दिक्कतें थीं. उनके पिता एक दर्जी हैं, जो अपनी छोटी-सी दुकान चलाते हैं.
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