जलपाईगुड़ी : डुवार्स के गोरखा जनमुक्ति मोरचा के चुनाव प्रचार में जीटीए में डुवार्स के 196 मौजों को शामिल कराने पर जोर दिया जा रहा है. दूसरी ओर आदिवासी विकास परिषद राज्य के शासक दल द्वारा आदिवासियों के विकास पर जोर देने के अलावा जीटीए में मौजों को शामिल करने के विरोध में प्रचार कर रहा है.
तृणमूल अपने दो वर्ष के शासनकाल में किये गये विकास के आंकड़े को चुनावी हथियार बना कर चुनावी मैदान में उतर गयी है. झारखंड मुक्ति मोरचा इलाके की आदिवासियों की विकास के समर्थन में प्रचार कर रहा है वहीं वाममोरचा व कांग्रेस तृणमूल के खिलाफ विकास के नाम पर सिर्फ आश्वासन को चुनावी मुद्दा बना लिया है.
विकास परिषद के राज्य अध्यक्ष बिरसा तिरकी ने कहा कि वाम शासनकाल में आदिवासियों को चुनाव में खड़ा होने नहीं दिया जाता था. उन्हें दमन कर रखा जाता था. चुनाव में हिस्सा लेकर आदिवासी विकास परिषद आदिवासियों का विकास करना चाहती हैं.
इसलिए जीटीए में कोई मौजा शामिल होने नहीं दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार आदिवासियों के हित में कई विकासमूलक काम किये हैं. इसलिए आविप तृणमूल सरकार की आभारी है. दूसरी ओर मोरचा व जीटीए चीफ विमल गुरुंग का कहना है कि मोरचा बहुल डुवार्स के विभिन्न इलाकों में वर्तमान सरकार भी पिछले की सरकार की तरह कोई विकास नहीं किया हैं.
शासक दल के मंत्रियों द्वारा चुनाव के पहले विकास संबंधी झूठे आश्वासन दिये जा रहे हैं. डुवार्स के मौजों को जीटीए में शामिल करने की मांग में तराई-डुवार्स में मोरचा की ओर से जोरदार आंदोलन चलाया जायेगा. दूसरी ओर उत्तर बंगाल विकास मंत्री व तृणमूल के उत्तर बंगाल कोर कमेटी के चेयरमैन गौतम देव ने साफ कह दिया है कि पांच मौजों केा हाल ही में सेन कमीशन ने जीटीए में शामिल कर दिया है.
इसके अलावा राज्य सरकार डुवार्स के विकास के लिए अलग ‘डुवार्स तराई प्रबंधन’ का गठन किया है. जिले में छोटे बड़े मिला कर कुल 371 नये परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया है.
इनमें से मात्र चार परियोजनाओं का काम अधूरा है. झारखंड मुक्ति मोरचा के उत्तर बंगाल आंचलिक कमेटी के सचिव राजू बारा ने कहा कि मोरचा के साथ जुड़े रहने पर सिर्फ गोरखालैंड ही नहीं बल्कि इलाका व आदिवासियों का सार्विक विकास होगा. जिला वाममोरचा के प्रवक्ता कृष्ण बनर्जी ने कहा कि वर्तमान सरकार विकास के नाम पर सिर्फ झूठे आश्वासन दे रही हैं.