<figure> <img alt="लेबनान" src="https://c.files.bbci.co.uk/F81D/production/_109471536_gettyimages-534240922.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>लेबनान में सड़क पर उतरी महिलाएं</figcaption> </figure><p>जैसे-जैसे मध्य-पूर्व की गर्मियां कम हो रही हैं, क्या वैसे-वैसे यह क्षेत्र नए ‘अरब स्प्रिंग’ (अरब क्रांति) की ओर बढ़ रहा है?</p><p>इराक़ में प्रदर्शनकारी गलियों में मारे गए हैं. लेबनान में प्रदर्शनकारियों ने देश को घुटनों पर ला दिया है. प्रधानमंत्री साद अल-हरीरी इस्तीफ़ा दे दिया है. हालिया हफ़्तों में मिस्र के सुरक्षाबलों ने राष्ट्रपति अब्दुल फ़तह अल-सीसी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन की कोशिशों को नाकाम किया है.</p><p>इराक़, लेबनान और मिस्र में बहुत अंतर है लेकिन सभी प्रदर्शनकारियों की एक सी ही शिकायतें हैं. अरब मध्य-पूर्व के लाखों लोग इन प्रदर्शनों में शामिल हैं जिनमें अधिकतर युवा हैं.</p><p>एक अनुमान के हिसाब से इस क्षेत्र की 60 फ़ीसदी जनता 30 वर्ष की आयु से कम है. एक युवा जनसंख्या एक देश के लिए बहुत बड़ी संपत्ति हो सकती है. लेकिन वह भी तब जब देश की अर्थव्यवस्था, शैक्षिक प्रणाली और देश के संस्थान उनकी ज़रूरतें पूरी करने के लिए ठीक से काम करें. इनमें कुछ उम्मीदें होती हैं जो पूरी नहीं हो रही हैं.</p><p>लेबनान, इराक़ और इस क्षेत्र के कहीं के भी युवा अक्सर हताशा का शिकार हो जाते हैं और उनका ग़ुस्सा आसानी से फूट पड़ता है.</p><figure> <img alt="प्रदर्शनकारी" src="https://c.files.bbci.co.uk/12315/production/_109471547_399afd34-7a03-4e99-b4af-1ca427854f42.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> <figcaption>बग़दाद के तहरीर चौक पर जमा हज़ारों प्रदर्शनकारी</figcaption> </figure><h1>अनियंत्रित भ्रष्टाचार</h1><p>इन देशों में दो सबसे बड़ी शिकायतें भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी को लेकर हैं, जो एक दूसरे का कारक हैं. </p><p>भ्रष्टाचार को लेकर एक वैश्विक सूचकांक के अनुसार, इराक़ दुनिया के सबसे अधिक भ्रष्ट देशों में से एक है. लेबनान इस मामले में बेहतर है लेकिन उसकी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. </p><p>भ्रष्टाचार एक कैंसर की तरह है, जो लोग इसका शिकार होते हैं वह उनकी महात्वाकांक्षाओं और उम्मीदों को खा जाता है. </p><p>एक भ्रष्ट तंत्र में हारा हुआ शख़्स शिक्षित होने के बावजूद रोज़गार न मिलने और छोटे गुटों द्वारा उसकी जेब पर डाका डालने पर बहुत ग़ुस्सा हो सकता है.</p><p>सरकार के न्यायालय, पुलिस जैसे संस्थान जब फंसे हुए हों तब यह पूरी प्रणाली के नाकाम होने की निशानी होती है. </p><p>लेबनान और इराक़ में प्रदर्शनकारी न केवल सरकार से इस्तीफ़ा मांग रहे हैं बल्कि उनकी यह भी मांग है कि शासन की पूरी प्रणाली में या तो कुछ परिवर्तन किए जाएं या उन्हें पूरी तरह बदल दिया जाए.</p><figure> <img alt="प्रदर्शनकारी" src="https://c.files.bbci.co.uk/17261/production/_109471849_383f8567-e8e2-41a8-b7c0-d0f85dfedf54.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> </figure><h1>नेतृत्व विहीन प्रदर्शन</h1><p>इराक़ की एक दुखद वास्तविकता यह है कि इसके समाज में हिंसा गहराई से जम चुकी है. जब प्रदर्शनकारी बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार और सरकार के ख़िलाफ़ नारे लगाते हुए सड़कों पर उतरते हैं तब उनके ख़िलाफ़ हथियार इस्तेमाल करने में ज़्यादा समय नहीं लगता.</p><p>इराक़ की सड़कों पर हुए अब तक के प्रदर्शन नेतृत्व विहीन हैं. लेकिन सरकार में डर है कि समय के साथ हताहतों की संख्या बढ़ेगी तो यह अधिक संगठित हो जाएंगे.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50230794?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">सऊदी अरब क्यों रखना चाहता है भारत से दोस्ती </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50207639?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">बग़दादी की मौत पर क्या बोले अरब देश</a></li> </ul><figure> <img alt="प्रदर्शनकारी" src="https://c.files.bbci.co.uk/86D5/production/_109471543_c856e0eb-ebf6-4244-af34-c073d7b36c92.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> <figcaption>प्रदर्शन इराक़ में शियाओं के पवित्र शहर कर्बला तक पहुंच गए</figcaption> </figure><p>प्रदर्शनकारियों ने सत्ता के गढ़ों को निशाना बनाया है. इनमें बग़दाद की ग्रीन ज़ोन की चारदीवारी भी शामिल है. यह अमरीकी क़ब्ज़े का केंद्र हुआ करता था लेकिन अब यहां सरकारी दफ़्तर, दूतावास और ख़ास लोगों के घर भी हैं.</p><p>पहले प्रदर्शन बग़दाद में शुरू हुए जिसके बाद यह फैलना शुरू हो गए. पवित्र शहर कर्बला में आधी रात को प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के बाद कई लोगों के मारे जाने की अपुष्ट रिपोर्टें मिली थीं. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में पुरुष आग में भागते हुए दिख रहे हैं.</p><p>जब से प्रदर्शन शुरू हुए हैं तब से ऐसी घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. बग़दाद की कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि कुछ इराक़ी सैनिक अपने कंधों पर राष्ट्रीय झंडा लपेटे दिखाई दिए हैं जो प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने जैसा है.</p><p>लेकिन कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि काले कपड़े पहने और मास्क लगाए लोगों ने गोलियां चलाई हैं. एक चर्चा यह भी है कि ये ईरान समर्थित लड़ाके हैं.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50218486?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">सऊदी में रह रहे 26 लाख भारतीयों के लिए पीएम मोदी ने क्या कहा</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50078146?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">सऊदी अरब का भरोसा रूस पर क्यों बढ़ रहा है?</a></li> </ul><figure> <img alt="प्रदर्शनकारी" src="https://c.files.bbci.co.uk/D4F5/production/_109471545_db46ad14-b95f-4248-b23c-7d4f05bf784a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> <figcaption>मध्य पूर्व में आठ साल पहले सरकारों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन शुरू हुए थे</figcaption> </figure><h1>2011 की बग़ावत का अगला चरण?</h1><p>लेबनान सरकार ने जब तंबाकू, पेट्रोल और व्हाट्सऐप कॉल पर टैक्स लगाया तो 17 अक्टूबर से प्रदर्शन शुरू हो गए. नए टैक्स को तुरंत रद्द कर दिया गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. </p><p>लेबनान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू हुए थे लेकिन असली चिंता तब दिखाई दी जब हिंसा की कुछ घटनाएं घटीं.</p><figure> <img alt="प्रदर्शनकारी" src="https://c.files.bbci.co.uk/38B5/production/_109471541_aefafb02-eb1d-4797-bd48-9fc28998688e.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>इराक़ समेत कई मध्य पूर्व के देशों में प्रदर्शन देखे गए हैं</figcaption> </figure> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50031311?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">सऊदी अरब में आख़िर देखने लायक है क्या </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50035634?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">सऊदी अरब के दौरे से पुतिन क्या हासिल करना चाहते हैं?</a></li> </ul><p>साल 2011 में अत्याचारी नेताओं के ख़िलाफ़ शुरू हुए प्रदर्शनों के कारण लोगों की स्वतंत्रता की चाह पूरी नहीं हो सकी थी. लेकिन उस दौरान हुए उथल-पुथल के परिणाम अब भी महसूस किए जा रहे हैं, जिसके बाद सीरिया, यमन और लीबिया में युद्ध हुए और मिस्र में दूसरा सख़्त सैन्य शासन आया.</p><p>2011 की बग़ावत को हवा देने वाली दिक़्क़तें अब भी बनी हुई हैं और कई मामलों में यह और भी गहरी हुई हैं.</p><p>एक बड़ी और युवा आबादी की ज़रूरतों को पूरा करने की भ्रष्ट प्रणाली की गारंटी से इन प्रदर्शनों के पीछे का ग़ुस्सा और हताशा दूर नहीं होगी.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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