<figure> <img alt="फेसबुक" src="https://c.files.bbci.co.uk/00CE/production/_107860200_gettyimages-944480672.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>अमरीकी नियामकों ने फ़ेसबुक पर पाँच अरब डॉलर यानी लगभग 34 हज़ार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की मंज़ूरी दे दी है.</p><p>अमरीकी मीडिया में छपी ख़बरों के मुताबिक यह जुर्माना सोशल मीडिया कंपनी के ख़िलाफ़ डेटा गोपनीयता उल्लंघन के मामले में चल रही जांच के निपटारे के लिए लगाया गया है.</p><p>संघीय व्यापार आयोग (एफ़टीसी) उस मामले की जांच कर रहा है जिसमें राजनीतिक परामर्श कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका पर ग़लत तरीके से फ़ेसबुक के 8.7 करोड़ यूजर्स का डेटा हासिल करने के आरोप हैं.</p><p>अमरीकी मीडिया को सूत्रों ने बताया कि एफ़टीसी ने समझौते के लिए यह मंजूरी 3-2 के बहुमत से दी है.</p><p>जब बीबीसी ने इन मीडिया रिपोर्टों पर फ़ेसबुक और एफ़टीसी से पूछा तो उन्होंने किसी तरह की टिप्पणी से इनकार कर दिया.</p> <ul> <li>यह भी पढ़ें | <a href="https://www.bbc.com/hindi/science-43482379?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">आप जानते हैं फ़ेसबुक आपको कैसे ‘बेच’ रहा है!</a></li> </ul><figure> <img alt="कैम्ब्रिज एनालिटिका" src="https://c.files.bbci.co.uk/27DE/production/_107860201_11fa0967-ed87-49c9-a33e-dfe54812dee2.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>अब तक क्या हुआ</h3><p>एफ़टीसी ने फ़ेसबुक के ख़िलाफ़ यह जांच मार्च 2018 में उन रिपोर्टों के बाद शुरू की थी जिसमें बताया गया था कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने करोड़ों फ़ेसबुक यूजर्स का डाटा हासिल किया था.</p><p>जांच इस बात पर केंद्रित है कि क्या फ़ेसबुक ने 2011 के उस समझौते का उल्लंघन किया था जिसके तहत यूजर्स का निजी डाटा हासिल करने से पहले उनकी सहमति लेना अनिवार्य है.</p><p>रिपब्लिकन कमिश्नर इसके पक्ष में और डेमोक्रेट्स इसका विरोध कर रहे थे.</p><p>फ़ेसबुक और एफ़टीसी ने मीडिया रिपोर्टों की पुष्टि नहीं की है और बीबीसी से इस पर कोई भी टिप्पणी से इनकार किया है.</p><p>हालांकि यह जुर्माना फ़ेसबुक के लगाए गए अनुमान के मुताबिक है, जिसमें उसने इस साल की शुरुआत में कहा था कि वो पाँच अरब डॉलर तक जुर्माने का अनुमान लगा रहा है.</p><p>यदि इस ख़बर की पुष्टि होती है तो यह एफ़टीसी का किसी तकनीकी कंपनी पर लगाया गया सबसे बड़ा जुर्माना होगा.</p><hr /><h3>विश्लेषणः फ़ेसबुक इसकी उम्मीद कर रहा था</h3><p><strong>डेव</strong><strong> ली, टेक्नोलॉजी रिपोर्टर, बीबीसी, उत्तर अमरीका</strong></p><p>कंपनी ने अप्रैल में अपने निवेशकों को बताया था कि उसने अधिकांश राशि को जुर्माने के लिए अलग रख दिया है, जिसका मतलब यह है कि कंपनी इस जुर्माने से बहुत अधिक वित्तीय दबाव महसूस नहीं करेगी. </p><p>हम अभी तक यह नहीं जानते हैं कि कंपनी पर इसके अलावा और क्या कार्रवाई की जाएगी, जैसे कि गोपनीयता की निगरानी पर अधिक ध्यान दिया जाएगा या फिर कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग को भी किसी कार्रवाई से गुजरना होगा.</p><p>यह निपटारा कंपनी की वार्षिक कमाई का लगभग एक-चौथाई हिस्से के बराबर है. यह उन लोगों की आलोचना को फिर से हवा देगा जो यह कहते हैं कि यह जुर्माना काफी नहीं है.</p><figure> <img alt="फेसबुक" src="https://c.files.bbci.co.uk/75FE/production/_107860203_f4279858-1540-424d-8650-22430b574d98.jpg" height="371" width="660" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>क्या है क्रैम्बिज एनालिटिका प्रकरण?</h3><p>कैम्ब्रिज एनालिटिका एक राजनीतिक परामर्शदाता ब्रितानी कंपनी थी, जिस पर करोड़ों फ़ेसबुक यूजर्स का डेटा हासिल करने और उसका इस्तेमाल अमरीकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनल्ड ट्रंप को फ़ायदा पहुंचाने के लिए इस्तेमाल के आरोप हैं.</p><p>आरोप है कि कंपनी ने डाटा का इस्तेमाल वोटरों के मतों को प्रभावित करने के लिए किया था.</p><p>यह डाटा एक क्विज के ज़रिए हासिल किया गया था, जिसमें यूजर्स को कुछ सवालों के जवाब देने थे.</p><p>यह क्विज इस तरह के बनाया गया था कि इसमें हिस्सा लेने वाले न सिर्फ़ यूजर्स का डाटा बल्कि उनसे जुड़े दोस्तों का भी डाटा इकट्ठा कर लेता था.</p><p>फ़ेसबुक ने कहा था कि उसका मानना है कि 8.7 करोड़ यूजर्स का डाटा ग़लत तरीके से कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ साझा किया गया था.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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कैम्ब्रिज एनालिटिकाः फ़ेसबुक पर लगा क़रीब 34,000 करोड़ का जुर्माना
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