कानपुर: कानपुर लोकसभा सीट पर किस पार्टी का किस पार्टी से मुकाबला है, यह कहना कठिन है. एक तरफ सभी पार्टियों के नेता अपना मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुरली मनोहर जोशी से मान रहे है, तो जोशी अपना मुकाबला बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सलीम अहमद से मान रहे हैं. मजेदार बात यह है कि अन्य दल अहमद को चौथे स्थान पर मान कर चल रहे हैं.
तीन बार से कांग्रेस के सांसद और कोयला मंत्री तथा चौथी बार मैदान में उतरे श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि केवल और केवल भाजपा से उनका मुकाबला है. साथ ही यह भी जोड़ दिया कि शहर में कराये गये विकास कार्यो के कारण जोशी उनके आगे कहीं ठहर नहीं रहे.
भाजपा के जोशी से इस बाबत सवाल किया गया कि उनका मुकाबला किससे है, तो तपाक से बोले, बसपा के सलीम अहमद से. इतना कह कर वह हंसने लगे. उनसे पूछा गया कि कांग्रेस से मुकाबला नहीं मानते है, तो उन्होंने कहा, ‘अरे एक बार आप से कह तो दिया कि सलीम अहमद से.’ भाजपा के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने भाजपा के मुकाबले बिना किसी ङिाझक के बसपा प्रत्याशी का नाम लिया. वह कहते हैं कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस और सपा पूरी तरह से साफ हो चुकी है. भाजपा का मुकाबला केवल बसपा से है.
समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और व्यापारी नेता सुरेंद्र मोहन अग्रवाल ने इसी सवाल के जवाब में कहा कि उनका मुकाबला केवल भाजपा से है, क्योंकि कांग्रेस और बसपा तो तीसरे और चौथे स्थान के लिए लड़ रही है. उन्होंने कहा कि सपा सरकार के विकास कार्य उनके दावे का आधार हैं. उधर, बसपा के अहमद का कहना है कि भाजपा जैसी सांप्रदायिक पार्टी का मुकाबला केवल बसपा ही कर सकती है, क्योंकि पार्टी की नेता मायावती का एकमात्र एजेंडा देश और प्रदेश से सांप्रदायिक शक्तियों का सफाया करना है. इस विषय में जब कुछ राजनीतिक जानकारों से बात की गयी, तो उनका मानना था कि शहर में कांग्रेस के जायसवाल और भाजपा के जोशी के बीच सीधा मुकाबला है. हार-जीत का अंतर बहुत कम होगा.