भारत की डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन को विश्व स्वास्थ्य संगठन का डिप्टी डायरेक्टर जनरल नियुक्त किया गया है. स्वामीनाथन डब्लूएचओ कार्यक्रमों की प्रभारी होंगी. डब्लूएचओ में इस पद पर नियुक्त होने वाली वे पहली भारतीय हैं.
डब्लूएचओ ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. डब्लूएचओ के डायरेक्टर ट्रेडोस अधनोम गेब्रेयेसस ने मंगलवार को अपनी सीनियर लीडरशीप टीम का ऐलान किया था.
कौन हैं डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन?
डब्लूएचओ से पहले सौम्या भारत के स्वास्थ्य शोध विभाग के सचिव पद पर तैनात थीं. साथ ही वे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की डायरेक्टर जनरल भी रही हैं.
सौम्या स्वामीनाथन जानी-मानी बाल रोग विशेषज्ञ हैं. उन्हें क्लिनिकल केयर और रिसर्च में तीस साल का अनुभव है. रिसर्च की मदद से उन्होंने कई प्रभावी प्रोग्राम बनाए हैं.
टीबी पर अपनी रिसर्च के लिए वो खास तौर पर जानी जाती हैं.
14 देशों के प्रतिनिधि शामिल
सौम्या स्वामीनाथन ने 2009 से 2011 तक यूनिसेफ के लिए कोऑर्डिनेटर के तौर पर भी काम किया था. इसमें दौरान उन्होंने जेनेवा में ट्रोपिकल बीमारियों के क्षेत्र में काम किया. ट्रोपिकल बीमारियां मच्छर जनित इलाकों में होती हैं.
इसके अलावा वे डब्लूएचओ और ग्लोबल एडवाइजरी बॉडी का हिस्सा भी रही हैं.
डब्लूएचओ की सीनियर लीडरशिप टीम में भारतीय डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन के अलावा विश्व स्तर के चिकित्सकों, वैज्ञानिक, शोधकर्ताओं और कार्यक्रम विशेषज्ञों को शामिल किया गया है.
इस टीम में चौदह देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं. इनमें डब्लूएचओ के अंतर्गत आने वाले सभी क्षेत्र शामिल है. सीनियर लीडरशीप टीम में 60% महिलाएं हैं.
डॉक्टर गेब्रेयेसस कहते हैं "मेरा मानना है कि दुनिया को सुरक्षित रखने के लिए शीर्ष प्रतिभा, लिंग समानता और भौगोलिक विविधता की जरूरत होती है. इस मकसद को पूरा करने के लिए ये एक मज़बूत टीम है."
सौम्या कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन की बेटी हैं. एमएस स्वामीनाथन भारत में हरित क्रांति के जनक माने जाते हैं. सौम्या ने अपनी एकेडमिक ट्रेनिंग भारत, ब्रिटेन, उत्तरी आयरलैंड और अमरीका में पूरी की. उन्होंने 250 से ज्यादा सह-समीक्षाएं और किताबों के पाठ भी लिखे हैं.
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