गाजियाबाद में नवरात्रि पर पहली बार मीट की दुकानें बंद, शराब की दुकान खुली रहेगी

गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा ने कहा कि मीट और शराब अलग-अलग हैं. उनकी बराबरी नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि यह धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है. ऐसा हर बार होता है कि नवरात्रि के दौरान मंदिर के आसपास कच्चा मांस नहीं बेचा जा सकता.

By Prabhat Khabar | April 2, 2022 5:56 PM

Ghaziabad News: चैत्र नवरात्रि की दो अप्रैल यानी शनिवार से शुरुआत हो गई. नवरात्रि में 9 दिन तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाएगी. इस दौरान मीट खाना सख्त मना है, जिसे लेकर गाजियाबाद में मीट की दुकानों को बंद कर दिया गया है. इससे दुकानदार काफी मायूस हैं.

पहली बार नवरात्रि पर मीट की दुकानें बंद

दुकानदारों का कहना है कि यह पहली बार है जब गाजियाबाद में नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानें बंद हैं. शराब की दुकानें खोली गई हैं, जबकि मीट की दुकानों को बंद करने के लिए कहा गया है.

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हजारों का होगा नुकसान

दुकानदारों ने कहा कि दुकान बंद होने से हमारी आय का स्रोत बंद हो गया है. हमें हजारों का नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि हमने अपनी दुकानों में लाखों के मांस के उत्पाद रखे हैं.

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मांस और शराब अलग अलग हैं- मेयर आशा शर्मा

वहीं, गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा ने कहा कि मांस और शराब अलग-अलग हैं. उनकी बराबरी नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि यह धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है. ऐसा हर बार होता है कि नवरात्रि के दौरान मंदिर के आसपास कच्चा मांस नहीं बेचा जा सकता.

नवरात्रि में लोग रखते हैं उपवास

चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व की 02 अप्रैल, शनिवार से शुरुआत हो रही है. नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा- अर्चना की जाती है. नवरात्रि के नौ दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा का विधान है. भक्त नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उपवास भी रखते हैं. मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की विधिवत पूजा करने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है.

चैत्र नवरात्रि पर माता का आगमन घोड़े पर

इस बार नवरात्रि में माता का आगमन घोड़े पर हो रहा है. जब भी नवरात्रि में माता का आगमन घोड़े पर होता है तो समाज में अस्थिरता, तनाव, अचानक बड़ी दुर्घटना, भूकंप, चक्रवात आदि से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. आम जनमानस के सुखों में कमी की अनुभूति होती है. इसलिए इस नवरात्रि में माता का पूजन अर्चन क्षमा प्रार्थना के साथ किया जाना नितांत आवश्यक है. प्रत्येक दिन विधिवत पूजा के उपरांत क्षमा प्रार्थना किया जाना भी अति आवश्यक होगा.

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