Jharkhand News: 385 में 12 स्कूलों में ही बचे हैं तड़ित चालक, वज्रपात से कैसे बचेंगे कोडरमा के बच्चे

Jharkhand News: झारखंड के कोडरमा जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का जीवन खतरे में है़ खासकर बारिश के मौसम में तो यह खतरा और बढ़ गया है. अधिकतर स्कूलों में वज्रपात की घटनाओं से बचने के लिए लगाए गए तड़ित चालक या तो गायब हो गए हैं या फिर चोरी हो गए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 28, 2022 7:09 AM

Jharkhand News: झारखंड के कोडरमा जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का जीवन खतरे में है़ खासकर बारिश के मौसम में तो यह खतरा और बढ़ गया है. नौनिहालों का भविष्य इसलिए खतरे में है क्योंकि जिले के अधिकतर स्कूलों में वज्रपात की घटनाओं से बचने के लिए लगाए गए तड़ित चालक या तो गायब हो गए हैं या फिर चोरी हो गए हैं. आश्चर्यजनक यह है कि मात्र 12 स्कूलों में ही तड़ित चालक बचा है़ ऐसे में बरसात में वज्रपात को लेकर बच्चों की सुरक्षा भगवान भरोसे है.

वज्रपात से सुरक्षा को लेकर खिलवाड़

बताया जाता है कि बरसात के दिनों में होने वाले वज्रपात से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से विभागीय निर्देश के आलोक में कोडरमा जिले के 385 विद्यालयों में तड़ित चालक लगाए गए थे, मगर विभागीय उदासीनता के कारण फिलहाल मात्र 12 विद्यालयों में ही तड़ित चालक बचा हुआ है, जबकि जिले में मॉनसून की बारिश होने लगी है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रति स्कूल 36 हजार रुपये की लागत से तड़ित चालक लगाने का कार्य वितीय वर्ष 2008 -09 से शुरू हुआ था़ उस समय कुछ ही स्कूलों में तड़ित चालक का अधिष्ठापन किया गया था़ बाद में वितीय वर्ष 2009-10 और 2010-11 में भी स्कूलों में तड़ित चालक लगाने का कार्य किया गया था़ इन तीन वर्षों में जिले के 385 स्कूलों में वज्रपात से सुरक्षा के लिए तड़ित चालक लगाए गए थे़ इसके बाद से अब तक अधिकतर स्कूलों में हजारों रुपये की लागत से लगे तड़ित चालक की या तो चोरी हो गई है या फिर गायब हो गए. कुछ जगहों पर तड़ित चालक खराब होने की बात कही जा रही है.

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कुछ जगहों पर खराब पड़े हैं तड़ित चालक

जिला शिक्षा पदाधिकारी अलका जयसवाल ने कहा है कि स्कूलों में तड़ित चालक लगाए जाने की जानकारी उन्हें नहीं है और न ही उनके कार्यकाल में लगाया गया है़ इसकी जानकारी विभाग के जेई के पास हो सकती है. शिक्षा विभाग के कनीय अभियंता अवधेश कुमार ने बताया कि बरसात के दिनों में आकाशीय बिजली से छात्र-छात्राओं के बचाव के लिए वर्ष 2008 से लेकर वर्ष 2010 तक 385 सरकारी स्कूलों में तड़ित चालक लगाए गए थे. शुरू में स्कूलों में तड़ित चालक लगाए गए. बाद में स्कूल भवन निर्माण के प्राक्कलन में ही इसकी राशि जोड़ दी गयी थी, मगर प्रखण्डों से जो रिपोर्ट आई है उसके मुताबिक फिलहाल 12 स्कूलों में ही तड़ित चालक बचा है. उन्होंने बताया कि कई विद्यालयों में तड़ित चालक चोरी हो गए, तो कुछ विद्यालयों में विभिन्न कारणों से खराब हो जाने के कारण बेकार पड़े हैं.

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रिपोर्ट : गौतम राणा, कोडरमा

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