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पटना में पेंडिंग नक्शों को पास कराने में आयेगी तेजी, नगर निगम ने तकनीकी विशेषज्ञों को दी काम करने की छूट

नगर विकास विभाग द्वारा वास्तुविद, अभियंता, संरचना अभियंता, नगर निवेशक, पर्यवेक्षक व भवन निर्माता की सेवा को अपने अधीन कर लिया गया था. लेकिन, जो पटना नगर निगम में पूर्व से निबंधित हैं, उन्हें 31 मार्च 2023 तक पूर्व की भांति कार्य करने की छूट दी गयी है.

पटना नगर निगम में नक्शा पास करने की प्रक्रिया अब तेज होगी. नगर विकास विभाग ने पूर्व से निबंधित तकनीकी विशेषज्ञ एवं निर्माताओं को 31 मार्च, 2023 तक काम करने की छूट दी है. इससे निगम के नक्शों से संबंधित पेंडिंग मामलों के निष्पादन में तेजी आयेगी. गौरतलब है कि विभाग द्वारा वास्तुविद, अभियंता, संरचना अभियंता, नगर निवेशक, पर्यवेक्षक व भवन निर्माता की सेवा को अपने अधीन कर लिया गया था. लेकिन, जो पटना नगर निगम में पूर्व से निबंधित हैं, उन्हें 31 मार्च 2023 तक पूर्व की भांति कार्य करने की छूट दी गयी है.

सरकारी जमीन के हस्तांतरण में सीओ व डीसीएलआर को देनी होगी रिपोर्ट

किसी भी प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण के मामले में सरकारी जमीन को लेकर सीओ व डीसीएलआर को रिपोर्ट देनी होगी. रिपोर्ट के आधार पर ही जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया होगी. प्रोजेक्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण व जमीन हस्तांतरण के मामले में अधिकारियों को तेजी लाने के लिए कहा गया है. इस बाबत डीएम ने सीओ व डीसीएलआर को निर्देश दिया है. इसमें कहा गया है कि जिन योजनाओं में सरकारी जमीन का हस्तांतरण व बकास्त भूमि का रैयतीकरण किया जाना है. उसमें संबंधित सीओ व डीसीएलआर को प्रस्ताव देना है.

सात दिनों पर होगी समीक्षा

सरकारी जमीन के हस्तांतरण व बकास्त भूमि के रैयतीकरण को लेकर प्रत्येक सात दिनों पर समीक्षा होगी. इसमें कितनी जमीन का हस्तांतरण व बकाश्त भूमि का रैयतीकरण हुआ, इसकी रिपोर्ट तैयार कर देनी है. रिपोर्ट के आधार पर प्रोजेक्ट की प्रगति की भी साप्ताहिक समीक्षा होगी. इस काम में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है. इसे लेकर सीओ व डीसीएलआर को गांवों में शिविर लगा कर लोगों से आवेदन लेने, मुआवजा भुगतान आदि समस्याओं का समाधान करना है.

शिविर में राजस्व अधिकारी, अमीन व राजस्व कर्मचारी को भी साथ में रखना है. संबंधित डीसीएलआर को मॉनीटरिंग करनी है. जिस विभाग से संबंधित प्रोजेक्ट का काम चल रहा है. उस विभाग के नोडल पदाधिकारियों को भी शामिल करना है, ताकि क्षेत्रीय अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर काम में तेजी ला सकें. किसी प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में व्यवधान आने पर संबंधित एसडीओ व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को समाधान करना है.

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