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’60 साल के निचले स्तर पर चली जाएगी एशिया की आर्थिक वृद्धि दर, मगर भारत का होगा सबसे तेज विकास’

कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप की वजह से भले ही वर्ष 2020 में एशिया की आर्थिक वृद्धि दर बीते 60 साल के निचले स्तर पर चला जाए, लेकिन भारत सबसे तेज आर्थिक विकास करेगा.

वाशिंगटन : कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप की वजह से भले ही वर्ष 2020 में एशिया की आर्थिक वृद्धि दर बीते 60 साल के निचले स्तर पर चला जाए, लेकिन भारत सबसे तेज आर्थिक विकास करेगा. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक, विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर में भारी गिरावट दर्ज की जाएगी. इस बीच, भारत और चीन में विकास दर सकारात्मक रहेंगे. आईएमएफ के अनुमान के अनुसार, भारत की आर्थिक विकास दर चीन से अधिक 1.9 फीसदी रहेगी, जबकि वर्ष 2020 के दौरान चीन की विकास दर 1.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. 2021 में चीन 9.2 फीसदी और भारत 7.4 फीसदी की दर से विकास कर सकता है.

Also Read: IMF ने भारत की जीडीपी वृद्धि 2020 में चीन से अधिक 1.9 फीसदी रहने का जताया अनुमान

एशिया की औसत वृद्धि दर अन्य क्षेत्रों से बेहतर : आईएमएफ के निदेशक (एशिया एवं प्रशांत विभाग) चांग योंग री ने कहा कि एशिया में कोरोना वायरस का असर हर क्षेत्र में होगा तथा गंभीर व अप्रत्याशित होगा. उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि एशिया अभी भी अन्य क्षेत्रों की तुलना में बेहतर कर रहा है और तेज वापसी कर सकता है. एशिया की औसत वृद्धि दर अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक है.

60 साल के निचले स्तर पर एशिया में शून्य रहेगी वृद्धि दर : उन्होंने कहा कि हमें 2020 में एशिया की वृद्धि दर शून्य रहने का अनुमान है. यह काफी बड़ी गिरावट है, क्योंकि पिछले 60 साल में कभी भी एशिया की वृद्धि दर गिरकर शून्य पर नहीं आयी. री ने कहा कि यह वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान के 4.7 फीसदी तथा एशियाई वित्तीय संकट के दौरान के 1.3 फीसदी से भी कम औसत होगा. चूंकि, अन्य देशों की तुलना में वायरस का कहर एशिया में पहले शुरू हुआ, एशिया क्षेत्र वापसी की राह पर भी पहले लौट सकता है. एशिया की वृद्धि दर 2021 में बढ़कर 7.6 फीसदी हो जाने की उम्मीद है.

तुरंत नहीं होगी पूरे नुकसान की भरपाई : उन्होंने कहा कि लेकिन इसका यह मतलब नहीं हुआ कि पूरे नुकसान की भरपाई तुरंत हो जायेगी. वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट का एशिया पर असर होगा. इससे पूरे 2021 के दौरान भी उत्पादन का स्तर महामारी के पहले के स्तर की तुलना में कम ही रह सकता है.

अनश्चित है आईएमएफ का पूर्वानुमान : आईएमएफ अधिकारी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आईएमएफ के पूर्वानुमान काफी अनिश्चित हैं. उन्होंने कहा कि एशिया के लिए आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान लगाने में एक जो सबसे बड़ी दिक्कत है, वह है कि एशिया की अलग-अलग अर्थव्यवस्थाओं में महामारी अलग-अलग चरणों में है.

महामारी की लहरों पर निकाला जाएगा निष्कर्ष : अंतिम निष्कर्ष इस बात पर भी निर्भर करेगा कि रोकथाम के क्या उपाय किये गये तथा महामारी की दूसरी लहर आती है या नहीं. ऐसे में अनुमान में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्ष में बदलाव हो सकते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि महामारी से जुड़ी अनिश्चितताओं को देखते हुए अनुमान का संतुलन नकारात्मक के पक्ष में ही है.

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