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Gaganyan Mission: गगनयान मिशन का क्रू मॉडल लॉन्च, ISRO को दूसरे प्रयास में मिली सफलता

Gaganyan Mission Testting: किसी विसंगति के कारण प्रक्षेपण तय कार्यक्रम के अनुसार नहीं हो सका. टीवी-डी1 रॉकेट का इंजन तय प्रक्रिया के अनुसार चालू नहीं हो सका था. इसके बाद दस बजे इसे लॉन्च किया गया. जानें हर अपडेट यहां

Gaganyan Mission Testting: गगनयान मिशन क्रू माड्यूल की लॉचिंग पर पूरे देश की नजर है. इसे होल्ड पर रखने के बाद दस बजे लॉन्च किया गया. महत्वाकांक्षी गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम से जुड़े पेलोड के साथ उड़ान भरने वाले परीक्षण यान में विसंगति का पता लगाकर उसे दूर किया गया और इसका प्रक्षेपण किया गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से यह जानकारी दी गई. इससे पहले इसरो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि प्रक्षेपण रोके जाने के कारण का पता लगा लिया गया है और उसे दुरुस्त कर दिया गया है. प्रक्षेपण पूर्वाह्न 10 बजे होगा. आपको बता दें कि रॉकेट का प्रक्षेपण पहले सुबह आठ बजे के लिए निर्धारित था, लेकिन बाद में इसे दो बार कुल 45 मिनट के लिए टाला गया. इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने इसके बाद बताया कि किसी विसंगति के कारण प्रक्षेपण तय कार्यक्रम के अनुसार नहीं हो सका. उन्होंने कहा कि टीवी-डी1 रॉकेट का इंजन तय प्रक्रिया के अनुसार चालू नहीं हो सका था.

इसरो प्रमुख सोमनाथ ने क्या कहा था

इससे पहले सोमनाथ ने गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के तहत पहले परीक्षण यान प्रक्षेपण को लेकर कहा कि हमें पता लगाना होगा कि क्या गलती हुई है, यान सुरक्षित है. जल्द ही विश्लेषण के बाद बताया जाएगा कि किस कारण स्वचालित प्रक्षेपण में बाधा आई.

समय में बदलाव क्यों?

समय में बदलाव किए जाने का कारण पहले पता नहीं चल पाया था, लेकिन सूत्रों ने कहा था कि बारिश और बादल छाए रहने के कारण ऐसा किया गया होगा. समय में बदलाव की घोषणा के तुरंत बाद सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मॉनिटर पर प्रदर्शित उल्टी गिनती कर रही घड़ी को हटा दिया गया था. आपको बता दें कि शुक्रवार शाम सात बजे से 13 घंटे की उल्टी गिनती शुरू की गई थी.

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इसरो का क्या है लक्ष्य

इसरो एकल-चरण तरल प्रणोदक वाले रॉकेट के इस प्रक्षेपण के जरिये मानव को अंतरिक्ष में भेजने के अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘गगनयान’ की दिशा में आगे बढ़ रहा है. इस दौरान, प्रथम ‘कू मॉड्यूल’ के जरिये अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का परीक्षण किया जाएगा. इसरो का लक्ष्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है.

भाषा इनपुट के साथ

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