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मुजफ्फरपुर समेत बिहार के आठ जिलों में खुलेंगे 190 से अधिक चार्जिंग स्टेशन, इलेक्ट्रिक गाड़ियों को होगी सहूलियत

सेंटर की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तहत पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, भोजपुर, सारण व गोपालगंज में होगी. 2024 दिसंबर तक गाड़ियों की संख्या के मुताबिक जिलों में चार्जिंग सेंटर को बढ़ाया जायेगा.

पटना. बिहार में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए लगभग 190 चार्जिंग सेंटर खोले जायेंगे. सेंटर की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तहत पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, भोजपुर, सारण व गोपालगंज में होगी. 2024 दिसंबर तक गाड़ियों की संख्या के मुताबिक जिलों में चार्जिंग सेंटर को बढ़ाया जायेगा.

पेट्रोल पंप पर या उसके पास बनेगा चार्जिंग सेंटर

विभाग पेट्रोल पंप या उसके आसपास चार्जिंग सेंटर शुरू करने के लिए लोगों से आवेदन मांगा जायेगा.चार्जिंग सेंटर पर हर दिन बड़ी-छोटी गाड़ियां चार्ज हो सकें. इसको लेकर सेंटर का क्षेत्रफल तय होगा और इसी वर्ष इसको लेकर इन जिलों से आवेदन मांगा जायेगा. चार्जिंग एरिया निजी व सरकारी बस, कार, बाइक सभी तरह की गाड़ियां चार्ज हो पायेंगी. इसके लिए विभागीय स्तर पर यूनिट के हिसाब से चार्जिंग का पैसा लिया जायेगा. यह भी निजी भागीदारी में शुरू किया जायेगा, ताकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्जिंग में सहूलियत हो सके.

एक नजर में

  • रेंज और स्पीड: सबसे अहम बात यह है कि एक इलेक्ट्रिक स्कूटर अधिकतम किस रेंज तक चलती है.यानी एक बार फुल चार्ज करने पर ये कितने किलोमीटर चल जाती है.

  • बैटरी और चार्जिंग: एक ग्राहक को यह जानना जरूरी है कि एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में कितने वाट की बैटरी मिल रही है और साथ आने वाले चार्जर से ये कितनी देर में फुल चार्ज होती है.

  • टेक्नोलॉजी: स्कूटी या बाइक में मिलने वाले सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की जानकारी होने भी आवश्यक है.

  • कीमतें और टैक्स का लाभ : सबसे पहले यहां जानकारी प्राप्त करें कि कौन-सी इलेक्ट्रिक स्कूटी और बाइक की कीमत कितना है. साथ ही अलग-अलग वाहनों के साथ सरकार भी कुछ सब्सिडी और ऑफर दे रही है, जिन्हें देखते हुए इनकी कीमत थोड़ी कम हो जाती है. ये जानकारी लेने के बाद भी आप अपना वाहन चुनें.

अभी इतने बसों का हो रहा है परिचालन

परिवहन विभाग के मुताबिक अभी पटना से विभिन्न रुटों पर 25 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन हो रहा है जल्द ही 39 और इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू किया जायेगा, जिसमें गया, भागलपुर ,पूर्णिया, मुजफ्फरपुर एवं नालंदा को शामिल है.अधिकारियों के मुताबिक इन बसों का परिचालन 20 रूटों पर होगा.इसको लेकर इन जिलों से रूट के संबंध में जानकारी भी मांगी गयी है, ताकि उन सभी रूटों पर बसों का परिचालन हो सके.बसों का परिचालन पीपीपी मोड में होगा.

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पटना में हर माह 1500 से अधिक स्कूटी, स्कूटर और बाइक

पटना में धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ रही है. सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ाने के लिए पेश की गयी सब्सिडी पॉलिसी के बाद सड़कों पर काफी तादाद में इलेक्ट्रिक व्हीकल बढ़ गये हैं. इनमें दुपहिया इलेक्ट्रिक स्कूटी, स्कूटर और बाइकों की संख्या ज्यादा है. लगभग सभी बड़ी ऑटो कंपनियां नये इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइकों को पेश कर रही हैं. इनमें हीरो, टीवीएस, बजाज जैसी पुरानी कंपनियों के साथ एम्पीयर, नयी ओला जैसे नाम भी शामिल हैं. पटना में हर माह 1500 से अधिक इ- स्कूटी, स्कूटर और बाइक बिक रही है. इनमें सबसे अधिक संख्या ब्रांडेड कंपनी की हिस्सेदारी है.

राज्य सरकार सब्सिडी देती तो इ स्कूटी या बाइक की सेल बेहतर होती

स्नेहा ऑटो के प्रमुख सुशांत शेखर ने बताया कि दैनिक सफर में इलेक्ट्रिक वाहनों का बहुत फायदा है. और फिलवक्त ट्रैफिक को देखते हुए और बजट के चलते गाड़ियों से अधिक लोग रोज के सफर के लिए बाइक या स्कूटर ही पसंद करते हैं. ऐसे में इलेक्ट्रिक स्कूटर, पेट्रोल बाइकों के मुकाबले काफी कम मेंटेनेंस और खर्चा आता है. एम्पीयर के मुख्य वितरक पेप्को सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के जय प्रकाश ने बताया कि पटना के बाजार में आठ कंपनियों के अलावा तीस गैर ब्रांडेड कंपनियों के इ-स्कूटर्स, स्कूटी और बाइक के शोरूम है.

सरकार सब्सिडी देती तो सेल होती बेहतर

उन्होंने बताया कि एक बार फिर सेल बढ़ रहा है. इसमें एम्पीयर कंपनी की भागीदारी सबसे अधिक हैं. पिछले माह एम्पीयर ने 224 बाइक बेचा है. देनी टीवीएस के प्रमुख अमरजीत सिंह ने बताया कि इलेक्ट्रिक बाइक पर सब्सिडी कम होने के कारण सेल पर असर देखा जा रहा है. पहले 51 हजार रुपये का सब्सिडी मिलता था, जो अब घटकर 28 हजार पर आ गया है. दूसरे राज्यों में राज्य सरकार भी सब्सिडी देती है, लेकिन बिहार सरकार ने अब तक सब्सिडी नहीं दे रही है. अगर राज्य सरकार सब्सिडी देती तो इ स्कूटी या बाइक की सेल बेहतर होती.

कितने इ-वाहन इस साल हुए पंजीकृत

जिले भर में जनवरी से लेकर सितंबर महीने तक जिला परिवहन कार्यालय में कुल 7171 विभिन्न प्रकार के बिजली आधारित गाड़ियों का पंजीकरण किया गया है. इसमें इ-रिक्शा की संख्या सबसे ज्यादा 4180 है. इसके बाद इ-स्कूटी या इ-मोटर साइकिल की संख्या 2379 है. इलेक्ट्रिक कार की संख्या 285 है. तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहन की संख्या 308 है. इसके अलावा एक इलेक्ट्रिक वाहन एडाप्टेड रूप में और 4 इ-स्कूटी या इ-मोटर साइकिल साइड कार सहित पंजीकृत किया गया है. वहीं अगर बात करें बीएसआरसीटीसी के पास कितनी इ-बसे है तो फिलहाल 25 इ-बस नगर सेवा में बहाल है.

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